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यूनिसेफ रिपोर्ट: भारत सहित दुनिया के 1 अरब बच्चों पर जलवायु परिवर्तन का गंभीर खतरा

एजेंसी, नई दिल्ली Published by: Kuldeep Singh Updated Sun, 22 Aug 2021 03:39 AM IST
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UNICEF report: 1 billion children of the world including India are at serious risk of climate change
UNICEF - फोटो : अमर उजाला
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भारत सहित दुनिया के 1 अरब से ज्यादा बच्चों पर जलवायु परिवर्तन का गंभीर खतरा मंडरा रहा है। यूनिसेफ की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत उन चार दक्षिण एशियाई देशों में शामिल है, जहां बच्चों को उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सबसे अधिक खतरा है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, और अफगानिस्तान पर जलवायु परिवर्तन का संकट सबसे अधिक है।

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यूनिसेफ की रिपोर्ट में दावा, सूची में पाकिस्तान 14वें, बांग्लादेश 15वें और अफगानिस्तान 25वें पायदान पर
यूनिसेफ द्वारा बच्चों पर केंद्रित क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स (सीसीआरआई) भी जारी किया गया है, जिसमें भारत सहित इन देशों को जलवायु परिवर्तन के मामले में सबसे ज्यादा जोखिम (बाढ़, वायु प्रदूषण, चक्रवात, लू) वाले देशों में शामिल किया गया है, जहां जलवायु परिवर्तन कई तरह से बच्चों के वर्तमान और भविष्य पर असर डाल रहा है। इस सूची में जहां भारत का स्थान 26वां है, वहीं पाकिस्तान 14वें, बांग्लादेश 15वें और अफगानिस्तान 25वें स्थान पर है।
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रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में लगभग हर बच्चा किसी न किसी जलवायु और पर्यावरण से जुड़े खतरे का सामना करने को मजबूर है। वहीं, कई देशों में तो बच्चे एक साथ कई खतरों का सामना कर रहे हैं। यह उनके जीवन और विकास के लिए गंभीर खतरा है। कोविड-19 महामारी ने इस समस्या को और बढ़ा दिया है।  

उच्च जोखिम वाले 33 देशों में रहते हैं दुनिया के करीब आधे बच्चे
रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के करीब आधे बच्चे जिनकी संख्या 1 अरब से ज्यादा है। वे जलवायु परिवर्तन के उच्च जोखिम वाले 33 देशों में रहते हैं। इन बच्चों को साफ पेयजल, स्वच्छता और स्वास्थ्य देखभाल जैसी जरूरी सेवाएं भी पर्याप्त नहीं मिल पातीं। वहीं, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण से जुड़े खतरे उनके जीवन को और जोखिम भरा बना रहे हैं। ऐसे में अनुमान है कि जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन का असर बढ़ेगा वैसे-वैसे उन पर जोखिम और बढ़ता जाएगा।
 
भारत में 60 करोड़ बच्चे गंभीर जल संकट से जूझेंगे
रिपोर्ट में आए गंभीर आंकड़ों के मुताबिक आने वाले समय में भारत में 60 करोड़ से अधिक बच्चे गंभीर जल संकट से जूझने को मजबूर होंगे। वहीं, वैश्विक तापमान में दो डिग्री की बढ़ोतरी के साथ ही भारत के अधिकांश शहरों में अचानक बाढ़ आने की घटनाएं बढ़ेंगी। वायु प्रदूषण के वर्ष 2020 के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया के प्रदूषित वायु वाले 30 बड़े शहरों में 21 भारत के शहर हैं।

क्या है क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स?  
क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स में बच्चों पर जलवायु और पर्यावरण संबंधी खतरों के जोखिम, उनसे बचाव और आवश्यक सेवाओं तक उनकी पहुंच के आधार पर देशों को क्रमबद्ध किया गया है, जिसमें ज्यादा अंक का मतलब अत्यंत गंभीर खतरा और कम अंक का मतलब कम खतरे के रूप में दर्शाया गया है।

जलवायु परिवर्तन बाल अधिकारों का संकट है। चिल्ड्रेन्स क्लाइमेट चेंज इंडेक्स डेटा ने संकेत दिया है कि बच्चों को गंभीर अभावों का सामना करना पड़ रहा है। इससे प्राथमिकताएं तय करने में मदद मिलेगी। - डॉ यास्मीन अली हक , यूनिसेफ इंडिया के प्रतिनिधि  

पहली बार, हमारे पास दक्षिण एशिया में लाखों बच्चों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के स्पष्ट सबूत हैं। अब इस दिशा में काम करने का समय है। - जॉर्ज लारिया अडजेई, क्षेत्रीय निदेशक,  यूनिसेफ(दक्षिण एशिया)

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