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Trump Tariffs: 'घबराने की जरूरत नहीं, बातचीत चल रही है', ट्रंप के टैरिफ पर बोले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Fri, 05 Sep 2025 08:14 AM IST
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सार
बातचीत की समय-सीमा के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, 'बातचीत में कोई समय-सीमा नहीं होती। आपको इसे धैर्यपूर्वक करना चाहिए, क्योंकि आप इसे दीर्घकालिक रूप से कर रहे हैं।'

पीयूष गोयल
- फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अमेरिकी टैरिफ की वजह से उपजे तनाव को लेकर बड़ी बात कही। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय वस्तुओं पर 50 फीसदी टैरिफ को लेकर अमेरिका के साथ बातचीत चल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि भारत और अमेरिका एक न्यायसंगत, संतुलित और निष्पक्ष समझौते पर पहुंचेंगे।

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पीयूष गोयल ने गुरुवार को एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में आश्वासन दिया कि भारत और अमेरिका के बीच अच्छे संबंध बने रहेंगे। उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि घबराने की कोई जरूरत है। हमें बातचीत होने देनी चाहिए। अमेरिका के साथ हमारे अच्छे संबंध बने हुए हैं। मुझे विश्वास है कि हम इनमें से कुछ मुद्दों को सुलझाकर एक न्यायसंगत, संतुलित और निष्पक्ष समझौते पर पहुंचेंगे।'
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'बातचीत में कोई समय-सीमा नहीं होती'
बातचीत की समय-सीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'बातचीत में कोई समय-सीमा नहीं होती। आपको इसे धैर्यपूर्वक करना चाहिए, क्योंकि आप इसे दीर्घकालिक रूप से कर रहे हैं।' अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले भारतीय सामानों पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। शुरुआत में ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की थी, जबकि बाद में उन्होंने भारत की ओर से रूसी तेल के निरंतर आयात का हवाला देते हुए 25 फीसदी का और टैरिफ लगाया, जिससे कुल टैरिफ 50% हो गया।
जीएसटी सुधारों पर क्या बोले गोयल?
अमेरिकी टैरिफ के कार्यान्वयन के बीच वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों की घोषणा की गई। इस पर पीयूष गोयल ने कहा कि कर सुधारों पर काम महीनों से चल रहा था और दोनों संयोगवश एक साथ हो गए। उन्होंने कहा, 'ऐसे सुधार रातों रात नहीं हो सकते। इस पर काम कई महीनों से चल रहा है। वित्त मंत्री, सचिवों और मंत्रियों का एक समूह इस पर काम कर रहा है। उम्मीद थी कि अगली तिमाही में क्षतिपूर्ति उपकर समाप्त हो जाएगा। यह संयोग की बात है कि दोनों एक साथ हो गए।'
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया था एलान
जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की दरों को मिलाकर जीएसटी दरों को 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के दो स्लैब में तर्कसंगत बनाने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही जीएसटी परिषद ने कोयले, फलों के पेय या फलों के रस वाले कार्बोनेटेड पेय पदार्थों, मध्यम और बड़ी कारों पर लगने वाले क्षतिपूर्ति उपकर को समाप्त करने का निर्णय लिया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 सितंबर को जीएसटी परिषद की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद इस निर्णय की घोषणा की।
जीएसटी 2.0
- इससे पहले के 5 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में खाद्य और रसोई के सामान, कृषि उपकरण, हस्तशिल्प और लघु उद्योग और चिकित्सा उपकरण और डायग्नोस्टिक किट सहित आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं को शामिल किया गया था।
- 18 प्रतिशत स्लैब में अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं के लिए एक मानक दर शामिल है, जिसमें छोटी कारें और मोटरसाइकिल (350 सीसी तक) जैसे ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक सामान, घरेलू सामान और कुछ पेशेवर सेवाओं जैसी उपभोक्ता वस्तुएं शामिल हैं।
- इसके अलावा तंबाकू और पान मसाला, सिगरेट, बीड़ी और वातित शर्करा युक्त पेय पदार्थों जैसे उत्पादों, साथ ही लक्जरी वाहनों, 350 सीसी से ऊपर की उच्च-स्तरीय मोटरसाइकिलों, नौकाओं और हेलीकॉप्टरों सहित विलासिता और अहितकर वस्तुओं पर 40 प्रतिशत का कर स्लैब है।