सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   US Donald Trump claims PM Modi cut back Russia Oil Purchase by India Oil know real numbers news and updates

India Oil: ट्रंप का दावा- भारत जल्द बंद कर देगा रूस से तेल की खरीद; पर सच्चाई क्या, अभी क्या कहते हैं आंकड़े?

न्यूज डेस्क, अमर उजाला Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र Updated Thu, 16 Oct 2025 09:45 AM IST
विज्ञापन
सार

भारत ने ट्रंप प्रशासन की तरफ से तमाम धमकियों और जुर्माने के तौर पर टैरिफ लगाने के बावजूद रूस से तेल खरीदना बंद नहीं किया है। दिल्ली रूस से तेल खरीद को अपनी निष्पक्ष नीति का हिस्सा बताता रहा है।

US Donald Trump claims PM Modi cut back Russia Oil Purchase by India Oil know real numbers news and updates
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के व्लादिमीर पुतिन और भारत के पीएम नरेंद्र मोदी। - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को दावा किया कि भारत जल्द ही रूस से तेल की खरीद को घटा देगा। ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। ट्रंप के इस बयान के बाद से ही दुनियाभर में हलचल मची है। दरअसल, अमेरिकी प्रशासन की तरफ से कुछ समय पहले ही भारत पर रूस से तेल खरीदने के लिए 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया था। इसे यूक्रेन युद्ध के बीच रूस पर आर्थिक दबाव बढ़ाने की नीति करार दिया गया था। 
Trending Videos


US: 'भारत जल्द बंद कर देगा रूसी तेल की खरीद, पीएम मोदी ने किया वादा'; ट्रंप का दावा, कहा- मेरे दोस्त शानदार
विज्ञापन
विज्ञापन


इसी मुद्दे पर ट्रंप ने कहा, "उन्होंने (पीएम मोदी ने) मुझे भरोसा दिया है कि रूस से कोई तेल खरीद नहीं होगी। आप जानते हैं यह तुरंत नहीं हो सकता। यह एक प्रक्रिया है, लेकिन यह प्रक्रिया भी जल्द खत्म हो जाएगी।" उन्होंने आगे कहा कि अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देता है तो उनके लिए रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष विराम कराने में आसानी होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि संघर्ष खत्म होने के बाद भारत फिर से रूस से तेल खरीद सकेगा। 

Rahul Gandhi: 'ट्रंप से डरते हैं पीएम मोदी' रूसी तेल की खरीद को लेकर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर बोला हमला

भारत की तरफ से दावे की कोई पुष्टि नहीं
हालांकि, इस आश्वासन की आधिकारिक पुष्टि भारत सरकार की ओर से अभी तक नहीं हुई है। गौरतलब है कि भारत ने ट्रंप प्रशासन की तरफ से तमाम धमकियों और जुर्माने के तौर पर टैरिफ लगाने के बावजूद रूस से तेल खरीदना बंद नहीं किया है। दिल्ली इसे अपनी निष्पक्ष नीति का हिस्सा बताता रहा है। साथ ही अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए रूस को अहम बताता रहा है, जो कि वैश्विक ऊर्जा बाजार में उथल-पुथल रोकने में अहम है। 

भारत और रूस के तेल संबंध पर आंकड़े क्या?
  • अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच रूस से तेल आयात में लगभग 8.4% की गिरावट दर्ज की गई। सितंबर में भारत ने रूस से हर दिन 45 लाख बैरल प्रतिदिन तेल खरीदा। 
  • प्रतिदिन तेल खरीद का यह आंकड़ा अगस्त के मुकाबले 70 हजार बैरल ज्यादा रहा। हालांकि, बीते वर्ष (2024) के मुकाबले यह कुछ कम था।
  • सितंबर 2025 में भारत ने रूस से करीब ₹25,597 करोड़ (लगभग 2.5 बिलियन डॉलर) का तेल आयात किया, जिससे भारत अभी भी रूसी तेल दूसरा सबसे बड़ा खरीदार बना है।
  • सितंबर में भारत के कुल तेल आयात का 34% हिस्सा रूस से ही आ रहा था, जबकि जून में यह हिस्सेदारी 36 फीसदी थी।
  • एक और आंकड़े के मुताबिक, भारत की सरकारी ऊर्जा कंपनियों ने जून से सितंबर के बीच तेल खरीद को 45 फीसदी तक कम किया है। हालांकि, पश्चिम एशिया और अमेरिका से तेल खरीद को लेकर समझौता इसकी एक बड़ी वजह रहा, न कि ट्रंप और उनके टैरिफ से बना कोई दबाव।

अगर भारत रूस से तेल खरीद बंद कर दे तो क्या? 
भारत अगर टैरिफ के दबाव में आकर रूस से तेल खरीदना बंद कर देता है, तो इससे देश का आयात बिल (क्रूड विल) करीब 12 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के तीसरे सबसे बड़े क्रूड आयातक की प्रतिदिन रिफाइनिंग क्षमता करीब 52 लाख बैरल है। भारत अगर चालू वित्त वर्ष 2025-26 की शेष अवधि के लिए रूसी तेल खरीद बंद करता है, तो आयात बिल में 9 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हो सकती है। 2026-27 के लिए यह बिल बढ़कर 11.7 अरब डॉलर पहुंच सकता है।

आपूर्ति बाधित होने पर भारत के पास विकल्प
रूसी आपूर्ति अगर बाधित होती है, तो भारत मौजूदा समझौतों के तहत मध्य पूर्वी उत्पादकों की ओर लौट सकता है। इन समझौतों के लचीलेपन का लाभ उठाकर कमी को पूरा कर सकता है। हालांकि, भारत का तेल नेटवर्क लचीला होने के बावजूद रियायती रूसी कच्चे तेल की खरीद बंद होने से ईंधन की बढ़ी लागत के रूप में अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।

बीते वित्त वर्ष तक कुल आयात में रूस का 35 फीसदी हिस्सा
यूक्रेन युद्ध को लेकर मॉस्को पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंध के बीच भारत ने 2022 में भारी छूट पर रूस से कच्चा तेल खरीदना शुरू किया था। अब यह भारत का सबसे बड़ा क्रूड आपूर्तिकर्ता बन गया है। भारत के कुल तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी बढ़कर 2024-25 में 35.1 फीसदी पहुंच गई, जो 2019-20 में महज 1.7 फीसदी थी। भारत ने 2024-25 में कुल 24.5 करोड़ मीट्रिक टन कच्चे तेल का आयात किया, जिसमें रूस की हिस्सेदारी 8.8 करोड़ मीट्रिक टन रही।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed