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मुथुरामलिंगा देवर की गुरु पूजा और जयंती: पीएम और उपराष्ट्रपति ने दी श्रद्धांजलि, कहा- पीढ़ियों को प्रेरित किया
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रामनाथपुरम (तमिलनाडु)।
Published by: निर्मल कांत
Updated Thu, 30 Oct 2025 01:39 PM IST
सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने स्वतंत्रता सेनानी मुथुरामलिंगा देवर को उनकी 118वीं जयंती और 63वीं गुरु पूजा पर श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने देवर के न्याय, समानता, गरीबों और किसानों के कल्याण के प्रति समर्पण और समाज सेवा की भावना को प्रेरणादायक बताया, जबकि उपराष्ट्रपति ने उन्हें साहस, त्याग और देशभक्ति का प्रतीक बताया।
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मुथुरामलिंगा देवर, नरेंद्र मोदी।
- फोटो : एक्स/एएनआई/वीडियो ग्रैब/नरेंद्र मोदी
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विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को स्वतंत्रता सेनानी उक्किरापंडी मुथुरामलिंगा देवर को उनकी 118वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा, तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के पसुम्पोन गांव में उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी देवर को उनकी 63वीं गुरु पूजा और जयंती पर श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा, भारत के सामाजिक और राजनीतिक जीवन पर गहरा प्रभाव डालने वाले महान व्यक्तित्व पूज्य मुत्थुरामलिंगा देवर जी को उनकी गुरु पूजा के शुभ अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्होंने आगे लिखा, न्याय, समानता, गरीबों और किसानों के कल्याण के प्रति उनका अटूट समर्पण पीढ़ियों को प्रेरित करता आ रहा है। उन्होंने सम्मान, एकता और आत्मसम्मान के लिए खड़े होकर गहन आध्यात्मिकता को समाज सेवा की अटूट भावना के साथ जोड़ा।
ये भी पढ़ें: 'पीएम श्री योजना पर कैबिनेट उप-समिति बना CPI को धोखा दे रही वाम सरकार..', कांग्रेस नेता सतीशन का दावा
मुथुरामलिंगा का जीवन साहस, त्याग और न्याय का प्रतीक: उपराष्ट्रपति
वहीं, उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने 'एक्स' पर पोस्ट कर देवर को 'महान योद्धा' बताया। उन्होंने लिखा, 'पसुम्पोन मुथुरामलिंगा देवर एक निडर सेनानी, महान देशभक्त और संत थे, जिन्होंने अपना जीवन देश और जनता की सेवा में समर्पित कर दिया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के अनुयायी देवर ने अपने विचारों और कर्मों में साहस, त्याग और देशभक्ति का परिचय दिया।' राधाकृष्णन ने कहा कि देवर के लिए राष्ट्रवाद और अध्यात्म जीवन की दो मार्गदर्शक शक्तियां थीं। वह सभी समुदायों और धर्मों के नेता थे, जिन्होंने दूसरों की भलाई के लिए अपनी जमीन तक दान कर दी थी।
उन्होंने आगे बताया कि मुथुरामलिंगा देवर एक उत्कृष्ट वक्ता और गहन पाठक थे, जिन्होंने अपने शब्दों और कार्यों से जनता को प्रेरित किया। वह ब्रिटिश अत्याचारों के खिलाफ लड़े, देश के लिए जेल गए और हर चुनाव में विजयी रहे, जिससे जनता का अटूट विश्वास और स्नेह हासिल किया। उपराष्ट्रपति ने कहा, देवर की पूजा करना समाज और राजनीति में अनुशासन, कर्तव्य और न्याय का सम्मान करना है। उनका जीवन साहस, त्याग और न्याय का प्रतीक है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह पिछले 25 वर्षों से मुथुरामलिंगा देवर जयंती में शामिल होते आ रहे हैं और भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में पहली बार तमिलनाडु के इस समारोह में शामिल होना उनके लिए विशेष सम्मान की बात है।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए देवर की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उन्होंने कहा, देवर ने दमनकारी कानूनों से जनता को मुक्त कराया और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के करीबी साथी के रूप में देश की आजादी के लिए संघर्ष किया। स्टालिन ने बताया कि उन्हें इस बात की खुशी है कि राज्य सरकार पसुम्पोन गांव में एक भव्य विवाह भवन का निर्माण करेगी।
एक ही दिन मनाई जाती है मुथुरामलिंगा की जयंती और गुरु पूजा
विपक्ष के नेता ईके पलानीस्वामी और कई अन्य राजनीतिक दलों के नेता भी पसुम्पोन पहुंचे और देवर को श्रद्धांजलि दी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मदुरै में 3,000 और पसुम्पोन में 8,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए। दक्षिणी तमिलनाडु में अत्यंत पूजनीय मुथुरामलिंगा देवर का जन्म 30 अक्तूबर 1908 को हुआ था और निधन भी इसी तारीख को 1963 में हुआ था। इसलिए उनकी जयंती और गुरु पूजा दोनों एक ही दिन मनाई जाती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा, भारत के सामाजिक और राजनीतिक जीवन पर गहरा प्रभाव डालने वाले महान व्यक्तित्व पूज्य मुत्थुरामलिंगा देवर जी को उनकी गुरु पूजा के शुभ अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्होंने आगे लिखा, न्याय, समानता, गरीबों और किसानों के कल्याण के प्रति उनका अटूट समर्पण पीढ़ियों को प्रेरित करता आ रहा है। उन्होंने सम्मान, एकता और आत्मसम्मान के लिए खड़े होकर गहन आध्यात्मिकता को समाज सेवा की अटूट भावना के साथ जोड़ा।
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मुथुरामलिंगा का जीवन साहस, त्याग और न्याय का प्रतीक: उपराष्ट्रपति
वहीं, उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने 'एक्स' पर पोस्ट कर देवर को 'महान योद्धा' बताया। उन्होंने लिखा, 'पसुम्पोन मुथुरामलिंगा देवर एक निडर सेनानी, महान देशभक्त और संत थे, जिन्होंने अपना जीवन देश और जनता की सेवा में समर्पित कर दिया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के अनुयायी देवर ने अपने विचारों और कर्मों में साहस, त्याग और देशभक्ति का परिचय दिया।' राधाकृष्णन ने कहा कि देवर के लिए राष्ट्रवाद और अध्यात्म जीवन की दो मार्गदर्शक शक्तियां थीं। वह सभी समुदायों और धर्मों के नेता थे, जिन्होंने दूसरों की भलाई के लिए अपनी जमीन तक दान कर दी थी।
उन्होंने आगे बताया कि मुथुरामलिंगा देवर एक उत्कृष्ट वक्ता और गहन पाठक थे, जिन्होंने अपने शब्दों और कार्यों से जनता को प्रेरित किया। वह ब्रिटिश अत्याचारों के खिलाफ लड़े, देश के लिए जेल गए और हर चुनाव में विजयी रहे, जिससे जनता का अटूट विश्वास और स्नेह हासिल किया। उपराष्ट्रपति ने कहा, देवर की पूजा करना समाज और राजनीति में अनुशासन, कर्तव्य और न्याय का सम्मान करना है। उनका जीवन साहस, त्याग और न्याय का प्रतीक है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह पिछले 25 वर्षों से मुथुरामलिंगा देवर जयंती में शामिल होते आ रहे हैं और भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में पहली बार तमिलनाडु के इस समारोह में शामिल होना उनके लिए विशेष सम्मान की बात है।
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पसुम्पोन गांव में विवाह भवन का निर्माण करेगी सरकार: स्टालिनमुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए देवर की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उन्होंने कहा, देवर ने दमनकारी कानूनों से जनता को मुक्त कराया और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के करीबी साथी के रूप में देश की आजादी के लिए संघर्ष किया। स्टालिन ने बताया कि उन्हें इस बात की खुशी है कि राज्य सरकार पसुम्पोन गांव में एक भव्य विवाह भवन का निर्माण करेगी।
एक ही दिन मनाई जाती है मुथुरामलिंगा की जयंती और गुरु पूजा
विपक्ष के नेता ईके पलानीस्वामी और कई अन्य राजनीतिक दलों के नेता भी पसुम्पोन पहुंचे और देवर को श्रद्धांजलि दी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मदुरै में 3,000 और पसुम्पोन में 8,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए। दक्षिणी तमिलनाडु में अत्यंत पूजनीय मुथुरामलिंगा देवर का जन्म 30 अक्तूबर 1908 को हुआ था और निधन भी इसी तारीख को 1963 में हुआ था। इसलिए उनकी जयंती और गुरु पूजा दोनों एक ही दिन मनाई जाती हैं।