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Kolkata: 'किसी के पूजा-पाठ की परवाह नहीं, बेरोजगारी सबसे बड़ी चुनौती'; सर्वधर्म रैली में शामिल CM ममता का बयान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Published by: ज्योति भास्कर
Updated Mon, 22 Jan 2024 07:59 PM IST
सार
अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के दिन पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में सभी धर्मों के नेताओं की रैली का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रैली की अगुवाई की। उन्होंने देश में बेरोजगारी को बड़ी समस्या बताते हुए कहा, उन्हें इसकी परवाह नहीं है कि कौन किसकी पूजा करता है।
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कोलकाता में सर्व-धर्म सद्भावना रैली, सीएम ममता बनर्जी ने की अगुवाई
- फोटो : ANI
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विस्तार
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजधानी कोलकाता में सभी धर्मों के नेताओं के साथ सद्भावना रैली की अगुवाई की। सीएम ममता बनर्जी ने रैली के बाद कहा कि उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन किसकी पूजा करता है। उन्होंने कहा, देश में बेरोजगारी सबसे बड़ी परेशानी है। सीएम ममता बनर्जी ने सवाल किया कि देश की पूंजी और संपत्ति कहां जा रही है? इस सवाल का जवाब मिलना चाहिए। ममता के अलावा उनके भतीजे ने भी धर्म और सद्भावना पर टिप्पणी की। उन्होंने सोमवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे रैली की अगुवाई की।
ममता के भतीजे ने भी साधा निशाना
तृणमूल कांग्रेस की चीफ और प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान को अयोध्या के राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह पर टिप्पणी करते हुए तृणमूल कांग्रेस नेताओं ने कई अहम बयान दिए। ममता के भतीजे और टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा, 'आज का दिन बंगाल के लिए गौरव का दिन है, एक तरफ पूरा देश धार्मिक कार्यक्रम में लगा हुआ है, तो दूसरी तरफ बंगाल के लोग एकजुटता दिखाने सामने आए।' अलग-अलग धर्म और संप्रदाय के लोगों ने कोलकाता की संहति रैली (Sanhati Rally) में शिरकत की।
बंगाल में धर्म की राजनीति नहीं; तृणमूल का धर्म- सबकी सेवा
अभिषेक बनर्जी ने कहा, पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में धार्मिक सद्भाव के पक्ष में खड़ी जनता सड़क पर एकजुट होकर उतरी। उन्होंने कहा कि लोग एक साथ खड़े होकर शांति की प्रार्थना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल में धर्म की राजनीति नहीं होती। हमारा एक ही धर्म है- समान रूप से सबकी सेवा करनी चाहिए।' इससे पहले टीएमसी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'एकता सभी धर्मों के केंद्र में है! आज संहति रैली में ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के साथ अलग-अलग धर्मों और मान्यताओं ने एकजुटता दिखाई। अलग-अलग सामाजिक पृष्ठभूमि के लोगों ने रैली में शरीक होकर सभी धर्मों के प्रति एकजुटता दिखाई। गौरतलब है कि खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस रैली के बारे में कहा था कि मस्जिदों, मंदिरों, चर्चों और गुरुद्वारों से गुजरने वाली रैली में सभी धर्मों के लोगों का स्वागत है।
कोलकाता से पहले प्रधानमंत्री ने अयोध्या से दिया सद्भवाना का संदेश
गौरतलब है कि कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस के आयोजन से पहले उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम जन्मभूमि पर रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हुई। राम मंदिर में आयोजित अभूतपूर्व समारोह के बाद पीएम मोदी ने किसी दल का नाम लिए बिना कहा, कभी यहां मंदिर बनने को 'आग भड़काने वाला' माना जाता था। मंदिर साकार हो रहा है। देश की जनता ने दिखाया है कि राम मंदिर देश में शांति, धैर्य, सद्भाव और देश की एकता का प्रतीक है। इससे आग नहीं बल्कि ऊर्जा को जन्म मिल रहा है। उन्होंने इस मंदिर को राष्ट्रीय चेतना का मंदिर करार दिया।
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#WATCH | West Bengal CM Mamata Banerjee begins all-faith harmony rally in Kolkata. pic.twitter.com/ht4SF8c1XK
विज्ञापन— ANI (@ANI) January 22, 2024विज्ञापन
ममता के भतीजे ने भी साधा निशाना
तृणमूल कांग्रेस की चीफ और प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान को अयोध्या के राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह पर टिप्पणी करते हुए तृणमूल कांग्रेस नेताओं ने कई अहम बयान दिए। ममता के भतीजे और टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा, 'आज का दिन बंगाल के लिए गौरव का दिन है, एक तरफ पूरा देश धार्मिक कार्यक्रम में लगा हुआ है, तो दूसरी तरफ बंगाल के लोग एकजुटता दिखाने सामने आए।' अलग-अलग धर्म और संप्रदाय के लोगों ने कोलकाता की संहति रैली (Sanhati Rally) में शिरकत की।
TMC MP Abhishek Banerjee today said, "Today is a proud day for Bengal, while the whole country is engaged in a religious program, the people of Bengal are standing together on the road, praying for peace. Bengal does not do politics of religion, we have only one religion, and… pic.twitter.com/ZEqGPqNHCe
— ANI (@ANI) January 22, 2024
बंगाल में धर्म की राजनीति नहीं; तृणमूल का धर्म- सबकी सेवा
अभिषेक बनर्जी ने कहा, पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में धार्मिक सद्भाव के पक्ष में खड़ी जनता सड़क पर एकजुट होकर उतरी। उन्होंने कहा कि लोग एक साथ खड़े होकर शांति की प्रार्थना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल में धर्म की राजनीति नहीं होती। हमारा एक ही धर्म है- समान रूप से सबकी सेवा करनी चाहिए।' इससे पहले टीएमसी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'एकता सभी धर्मों के केंद्र में है! आज संहति रैली में ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के साथ अलग-अलग धर्मों और मान्यताओं ने एकजुटता दिखाई। अलग-अलग सामाजिक पृष्ठभूमि के लोगों ने रैली में शरीक होकर सभी धर्मों के प्रति एकजुटता दिखाई। गौरतलब है कि खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस रैली के बारे में कहा था कि मस्जिदों, मंदिरों, चर्चों और गुरुद्वारों से गुजरने वाली रैली में सभी धर्मों के लोगों का स्वागत है।
कोलकाता से पहले प्रधानमंत्री ने अयोध्या से दिया सद्भवाना का संदेश
गौरतलब है कि कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस के आयोजन से पहले उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम जन्मभूमि पर रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हुई। राम मंदिर में आयोजित अभूतपूर्व समारोह के बाद पीएम मोदी ने किसी दल का नाम लिए बिना कहा, कभी यहां मंदिर बनने को 'आग भड़काने वाला' माना जाता था। मंदिर साकार हो रहा है। देश की जनता ने दिखाया है कि राम मंदिर देश में शांति, धैर्य, सद्भाव और देश की एकता का प्रतीक है। इससे आग नहीं बल्कि ऊर्जा को जन्म मिल रहा है। उन्होंने इस मंदिर को राष्ट्रीय चेतना का मंदिर करार दिया।