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Winter Session: संसद का शीत सत्र आज से, बजट सत्र में बड़े सुधार की तैयारी में केंद्र सरकार

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली। Published by: Amit Mandal Updated Wed, 07 Dec 2022 06:26 AM IST
सार

शीत सत्र के सुचारू संचालन के लिए मंगलवार को दिल्ली में सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में सभी बड़े दलों के नेता शामिल हुए और इसमें सत्र के एजेंडे और उन मुद्दों पर चर्चा हुई जो शीत सत्र में उठाए जाएंगे।

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winter session: government is preparing for small reforms  and major reforms in the budget session
संसद भवन - फोटो : पीटीआई
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विस्तार
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केंद्र सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में बड़े आर्थिक सुधारों को टालने और छोटे सुधारों की ओर कदम बढ़ाने का फैसला किया है। आज से शुरू हो रहे शीत सत्र में सरकार ने अंतरराज्यीय सहकारी समिति संशोधन, ट्रेड मार्क संशोधन, मध्यस्थता संशोधन और राष्ट्रीय दंत आयोग बिल समेत 16 विधेयकों को संसद की मंजूरी दिलाने की तैयारी की है। ये सभी ऐसे विधेयक हैं जो सरकार के लिए बहुत अधिक महत्व के नहीं हैं। वहीं इस सत्र में बैंकिंग संशोधन, इंश्योरेंस संशोधन और डाटा सुरक्षा बिल पेश किए जाने की फिलहाल कोई संभावना नहीं दिख रही है।

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क्या हैं छोटे सुधार?
सरकार आर्थिक क्षेत्र में सुधार की प्रक्रिया धीमी नहीं होने देना चाहती। इसी के मद्देनजर सरकार तीन अहम बिल पेश करने की तैयारी में है। इनमें अंतर्राज्यीय सहकारी समिति संशोधन बिल के जरिए सरकार सहकारिता के क्षेत्र में पुराने कानूनों को खत्म कर इस क्षेत्र में व्यापक सुधार लाना चाहती है। इसी कड़ी में ट्रेड मार्क संशोधन बिल बेहद अहम है। इसके जरिए महज एक आवेदन से पूरी दुनिया में ट्रेड मार्क हासिल करने का अधिकार होगा।
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क्यों लटके अहम बिल?
दरअसल मसौदा तैयार न होने और विमर्श की प्रक्रिया पूरी नहीं होने के अलावा बेहतर तैयारी के अभाव के कारण सरकार ने अहम बिल को बजट सत्र में पेश करने का मन बनाया है। सरकार के एक मंत्री के मुताबिक बैंकिंग क्षेत्र में तेजी से निजीकरण और डेटा सुरक्षा के साथ ही इंश्योरेंस संशोधन बिल बेहद अहम है। इसके दूरगामी प्रभाव होंगे। ऐसे में सरकार इन तीनों ही बिलों को पेश करने से पहले सभी पहलुओं का विस्तृत जांच परख करना चाहती है। इनमें बैंकिंग संशोधन बिल का अब तक ड्राफ्ट तैयार नहीं हो पाया है, जबकि डेटा सुरक्षा बिल पर विमर्श अंतिम चरण में है। इंश्योरेंस संशोधन बिल का ड्राफ्ट तैयार हो गया है, मगर इस पर विमर्श का काम अभी पूरा नहीं हो पाया है।

ये भी हैं अहम बिल : सरकार जिन 16 विधेयकों को पेश और पारित कराना चाहती है उनमें राष्ट्रीय दंत आयोग बिल, नेशनल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी कमीशन बिल, छावनियों के प्रशासन से जुड़ा कैंटोनमेंट बिल, वन संरक्षण और जैव विविधता बिल अहम हैं।

इन तीन बिलों का विरोध करेगी कांग्रेस
सरकार ने शीत सत्र के लिए जो विधेयक एजेंडे में रखे हैं उनमें से बायोडायवर्सिटी संशोधन बिल, 2021, अंतरराज्यीय सहकारी समिति संशोधन बिल और वन संरक्षण संशोधन बिल का कांग्रेस ने विरोध करने का फैसला किया है। पार्टी की मांग है कि इन बिलों को स्थाई समिति को भेजा जाए।

महंगाई, बेरोजगारी, चीन-भारत तनाव जैसे मुद्दे उठाएगा विपक्ष
नई दिल्ली। संसद के शीत सत्र में विपक्ष महंगाई, बेरोजगारी, चीन-भारत सीमा विवाद, गरीब सवर्णों को आरक्षण जैसे मुद्दों पर अपने तीखे तेवर दिखाएगा। शीत सत्र से पहले इसका विधायी एजेंडा तय करने के लिए केंद्र सरकार की पहल पर मंगलवार को दिल्ली में आयोजित सर्वदलीय बैठक में 30 से अधिक पार्टियों के नेता शामिल हुए। बैठक के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, देश के सामने कई मुद्दे हैं। बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों पर सरकार को लोगों को जवाब देना होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने चीन के साथ सीमा विवाद के बारे में विपक्ष को पूरी जानकारी नहीं दी। हम इन मुद्दों के अलावा कश्मीरी पंडितों की हत्याओं के मामले में भी बहस चाहते हैं। तृणमूल नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा, राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन के साथ मिलकर मैंने बैठक में महंगाई, बेरोजगारी, सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग और राज्यों की आर्थिक नाकेबंदी जैसे मुद्दों पर बहस की मांग की है। डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि विपक्ष को संसद सत्र में महत्वपूर्ण मामलों को उठाने की इजाजत मिलनी चाहिए। 

बीजद ने कहा, महिला आरक्षण लाया जाए
बीजू जनता दल ने शीत सत्र में संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने वाला बिल पारित कराने की मांग की है। पार्टी के राज्यसभा सदस्य सस्मित पात्रा ने सर्वदलीय बैठक में यह मुद्दा उठाया।

संसदीय नियमों के अनुसार तय करेंगे बहस के मुद्दे : केंद्र
बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि उन्होंने सभी सुझावों को दर्ज किया है और संसद के नियमों और प्रक्रिया के अनुसार उन पर विचार होगा। उन्होंने कहा, दोनों सदनों की कार्य मंत्रणा समिति में बहस के मुद्दों को अंतिम रूप दिया जाएगा। हालांकि सरकार विपक्ष के हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।

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