मुझे नहीं भूलता है वह दिन, जब यासीन मलिक ने हमारे पूरे परिवार को हमारे घर के सामने ही तबाह कर दिया था। एक सच्चे देश के सैनिक को निहत्था पाकर मौत के घाट उतार दिया था। तब से लेकर आज तक मैं हर रोज अपने पति की मौत के मामले में न्याय के लिए लड़ाई लड़ती आई हूं। अब जिस तरीके से न्याय प्रक्रिया में तेजी आई है, उससे इस सरकार की मंशा साफ दिख रही है। पुरानी हुकूमतों ने ढुलमुल रवैया अपनाया था। पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने जो भी कहा है उससे उनके देश की मंशा साफ झलकती है। उनको जहां जाना है वह जाएं। हमारे देश की कोर्ट ने बिलकुल सही फैसला दिया है। यह कहना है शहीद स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना की पत्नी निर्मल खन्ना का। निर्मला खन्ना से अमर उजाला डॉट कॉम के आशीष तिवारी से यासीन मलिक पर आए फैसले के बाद विस्तार से बातचीत की।
वायु सेना के अधिकारी रवि खन्ना को 1990 में यासीन मलिक और साथी आतंकियों ने खन्ना के घर के सामने ही घेर कर गोलियों से भून दिया था। इस दौरान वायु सेना के तीन और जवानों को भी पाकिस्तान की शह पर आतंकी यासीन मलिक ने मौत के घाट उतार दिया था। वायु सेना के अधिकारी शहीद रवि खन्ना की पत्नी निर्मल खन्ना ने अमर उजाला डॉट कॉम से बातचीत में बताया कि उनके घर के सामने उनके पति की नृशंस हत्या कर दी गई थी। वे कहती हैं कि आज भी उनकी आंखों के सामने वो दृश्य जब आता है तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं और आंखें गीली हो जाती हैं।
यासीन मलिक के फैसले पर निर्मल खन्ना कहती है कि जो फैसला आया है वह बिल्कुल सही है। हमें हमारे देश की अदालतों और न्याय प्रक्रिया पर पूरा-पूरा भरोसा है। वह कहती हैं बुधवार को जो फैसला आया है वह तो टेरर फंडिंग के मामले में आया है। टेरर फंडिंग का मामला एनआईए ने 2017 में दर्ज किया था। महज पांच साल के भीतर आतंकी यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुना दी है। वह कहती हैं कि उन्हें पूरा भरोसा है कि जल्द ही उनके पति की हत्या के मामले में भी कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। निर्मल खन्ना ने कहा कि यासीन मलिक ने उनके पति को मारा है। उसी आतंकी ने हमारे देश की अमन-शांति को खत्म कर दिया। कश्मीर में उसने जिस तरीके से लोगों की हत्याएं की हैं, ऐसे शख्स को जिंदा रहने का हक ही नहीं है।
शहीद रवि खन्ना की पत्नी निर्मल खन्ना कहती हैं कि 32 साल से एक आतंकी खुली हवा में सांस कैसे ले रहा था। उन्होंने पुरानी सरकारों के रवैया पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर पुरानी सरकारें सख्त होतीं तो यासीन मलिक अब तक फांसी के फंदे पर झूल चुका होता। लेकिन पुरानी सरकारों ने न तो सख्ती दिखाई और न ही यासीन मलिक के खिलाफ कोई ऐसे मामले दर्ज किए, जो उसे फांसी के तख्ते तक लेकर जाते हैं। हालांकि बुधवार को आए फैसले के बाद वह कहती हैं कि अब उन्हें पूरी उम्मीद है कि न्याय प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ेगी और उनके पति के कातिल को फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा।
वे कहती हैं जब जागो तभी सवेरा होता है। इस सरकार ने जिस तरीके से सख्ती दिखाई है, उससे न्याय की उम्मीद बढ़ गई है। वह कहती हैं कि बीते 32 सालों से ऐसा कोई भी दिन नहीं गया, जिस दिन वह अपने पति की शहादत को न्याय दिलाने के लिए लड़ी न हों। वे कहती हैं कि जिस तरीके से टेरर फंडिंग के मामले में तथ्यों के आधार पर यासीन मलिक को सजा सुनाई गई है, उसी तरीके से 1990 में उनके पति की हत्या के मामले में आरोपी यासीन मलिक को मौत की सजा निश्चित सुनाई जाएगी। वह कहती हैं कि बीते तीन दशक से ज्यादा समय से वह इसी न्याय की आस में जी रही हैं।
बुधवार को यासीन मलिक को आजीवन कारावास की सजा दिए जाने के बाद जिस तरीके से पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने बोलना शुरू किया, उस पर शहीद रवि खन्ना की पत्नी ने क्रिकेटर को आड़े हाथों ले लिया। रवि खन्ना की पत्नी निर्मल खन्ना कहती हैं कि चाहे शाहिद अफरीदी जैसे क्रिकेटर हो या पाकिस्तान के दूसरे अन्य नेता या अन्य सरकारी एजेंसियां उन लोगों ने इस मामले में बोलकर अपनी मंशा बता दी है। वे कहती हैं कि कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का शुरुआत से ही हाथ रहा है। अब जब पाकिस्तान में पाले पोसे गए आतंकी यासीन मलिक को एक मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई है, तो शहीद अफरीदी जैसे क्रिकेटर अपनी मंशा जताने लगे हैं। निर्मल खन्ना ने क्रिकेटर शाहिद अफरीदी को कड़े शब्दों में दो टूक जवाब देते हुए कहा कि यासीन मलिक के मामले में पूरा पाकिस्तान यूनाइटेड नेशन से लेकर चाहे जहां चला जाए, लेकिन हमारे देश की न्याय प्रक्रिया ऐसे ही सही फैसले लेती रहेगी। निर्मल खन्ना ने कहा कि अभी तो दो और मामलों में न्याय का इंतजार है। हमें पूरा भरोसा है कि यासीन मलिक फांसी के तख्ते पर एक दिन जरूर झूलेगा।
निर्मल खन्ना ने कहा कि जुलाई में उनके मामले में सुनवाई होनी है। जहां तक उनको जानकारी मिली है वह यही है कि अभी बहुत सी गवाहियां होनी हैं। निर्मल खन्ना कहती हैं कि उन्हें इस सरकार में अपने पति और वायुसेना के अन्य शहीद हुए जवानों के मामले में उम्मीद की किरण नजर आ रही है। वें कहती हैं कि किसी भी देशद्रोही को बख्शा नहीं जाना चाहिए। यासीन मलिक और उसके साथी आतंकियों ने तो पूरी कश्मीर घाटी में नंगा नाच किया था। इसलिए उसको उसके किए की सजा तो जरूर मिलनी चाहिए।
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