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जम्मू-कश्मीर और लद्दाख: स्थायी निवासी नहीं होने पर भी बन सकेंगे मतदाता, निर्वाचन अधिकारी ने दी जानकारी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जम्मू Published by: प्रशांत कुमार Updated Wed, 17 Aug 2022 10:08 PM IST
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सार

मुख्य चुनाव अधिकारी हिरदेश कुमार ने कहा, 15 सितंबर को समग्र मतदाता सूचियों का मसौदा प्रकाशन होगा। 15 से 25 सितंबर तक आपत्तियां व दावे दर्ज किए जाएंगे। दस नवंबर तक दावों और आपत्तियों का निराकरण किया जाएगा और 25 नवंबर 2022 को नई मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन हो जाएगा। 

Article 370 abrogation people were not voters in Assembly can now be named on the voter list in J&K and Ladakh
जानकारी देते हिरदेश कुमार(मुख्य चुनाव अधिकारी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) - फोटो : ANI

विस्तार
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जम्मू-कश्मीर में परिसीमन आयोग की रिपोर्ट के तहत मतदाताओं की संख्या में 20 से 25 लाख की बढ़ोतरी संभव है। प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी हिरदेश कुमार सिंह के दावे के अनुसार मतदाताओं की संख्या वर्तमान में 76 लाख से बढ़कर एक करोड़ से ज्यादा हो जाएगी। चुनाव विभाग की तरफ से इस सिलसिले में मतदाता सूचियों में विशेष सारांश संशोधन का काम 15 सितंबर से शुरू होगा। 

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निर्वाचन भवन जम्मू में बुधवार को पत्रकार वार्ता में सिंह ने कहा, जम्मू-कश्मीर में पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 की समाप्ति और फिर राज्य का पुनर्गठन कर दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने और परिसीमन आयोग के कार्य के चलते मतदाता सूचियों का विशेष सारांश संशोधन का काम नहीं हो पाया। 
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करीब चार साल के बाद मतदाता सूचियों में विशेष सारांश संशोधन करने की मंजूरी चुनाव आयोग की तरफ से दी गई है। ऐसे में बड़ी संख्या में नए मतदाता बनेंगे। परिसीमन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर विधानसभा क्षेत्रों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो गई है और लगभग हर विधानसभा क्षेत्र में कुछ न कुछ बदलाव हुआ है। 

ऐसे में चुनाव विभाग ने विशेष सारांश संशोधन को शुरू करने से पहले की तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र स्तर पर चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति का काम भी पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा, विशेष सारांश संशोधन में बूथ स्तर के अधिकारी घर घर जाकर मतदाता सूचियों को तैयार करने का काम करेंगे। 

पहली बार आधार लिंक करने का काम भी होगा
उन्होंने कहा, चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों के तहत मतदाता सूचियों के साथ पहली बार आधार लिंक करने का काम भी होगा और नए वोटर कार्ड भी मतदाताओं को दिए जाएंगे। उन्होंने कहा, जम्मू कश्मीर में देश के अन्य हिस्सों से नौकरी कर रहे कर्मचारी भी यहां मतदाता सूचियों में सर्विस वोटर के तहत अपना नाम दर्ज करवा सकते हैं।

मतदान केंद्रों की संख्या बढ़कर 11370 हुई
मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि परिसीमन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर मतदान केंद्रों की निशानदेही का काम पूरा कर लिया गया है। प्रदेश भर में 600 मतदान केंद्र बढ़े हैं। अब कुल मतदान केंद्रों की संख्या 11370 हो गई है।

विधानसभा चुनाव पर बोले, यह मेरे क्षेत्राधिकार से बाहर

मुख्य चुनाव अधिकारी हिरदेश कुमार सिंह ने साल के अंत तक जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के सवाल पर कहा, यह मेरे क्षेत्राधिकार से बाहर है। उन्होंने कहा चुनाव आयोग प्रदेश में विधानसभा चुनाव कब करवाने हैं, इस पर हितधारकों से बातचीत कर फैसला लेगा।

जम्मू-कश्मीर में मतदाता बनने के लिए डोमिसाइल जरूरी नहीं: सीईओ

मुख्य चुनाव अधिकारी हिरदेश कुमार सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में मतदाता बनने के लिए डोमिसाइल होना जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा, वह उत्तर प्रदेश से हैं, अगर वह जम्मू-कश्मीर का मतदाता बनना चाहें तो बन सकते हैं। उन्होंने कहा, अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद मतदाता बनने के लिए भारतीय चुनाव आयोग की निर्देशावली जोकि देश के अन्य हिस्सो में लागू है, वह जम्मू-कश्मीर में भी लागू हो चुकी है।

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