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Jammu Kashmir: औद्योगिक बजट पैकेज का विस्तार न होने से 700 निवेशक नहीं कर पाए निवेश, छोटे उद्योगों की अनदेखी

अमर उजाला, नेटवर्क जम्मू Published by: निकिता गुप्ता Updated Tue, 08 Jul 2025 01:38 PM IST
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सार

जम्मू-कश्मीर में औद्योगिक बजट पैकेज का विस्तार न होने से 700 निवेशक पंजीकरण नहीं कर पाए, जिससे करोड़ों का निवेश और हजारों रोजगार अधर में लटक गए हैं।

700 investors could not invest due to non-extension of industrial budget package
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : AdobeStock

विस्तार
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जम्मू-कश्मीर में नई औद्योगिक नीति पैकेज बजट का विस्तार नहीं होने से 700 निवेशक पंजीकृत नहीं हो पाए हैं। इससे प्रदेश में आने वाला करोड़ों रुपये के निवेश और हजारों लोगों के रोजगार को जमीन पर उतारा नहीं जा सका है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) इकाइयों के पक्ष में सीमित बजट आवंटन से उद्यमियों में रोष है।

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पिछले दो साल से जम्मू संभाग में भूमि आवंटन समिति की कोई बैठक नहीं बुलाई गई है। सरकार ने राज्य औद्योगिक नीति और वेयर हाउसिंग नीति जारी करने पर जोर दिया है। फेडरेशन आफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष ललित महाजन ने केंद्र सरकार से औद्योगिक पैकेज बजट का 28,400 करोड़ रुपये से विस्तार करके 75,000 करोड़ करने की मांग की है।
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उन्होंने कहा, 29,400 करोड़ के बजटीय आवंटन में एनसीएस-2021 योजना के तहत बड़ी औद्योगिक इकाइयों को अधिक बजट आवंटित किया गया, जबकि 97 प्रतिशत एमएसएमई इकाइयों के पक्ष में केवल 33 प्रतिशत बजटीय आवंटन दिया गया है, जिससे संभावित निवेशकों में नाराजगी है। एमएसएमई क्षेत्र को नजरअंदाज किया गया है। इसी तरह खासतौर पर जिला कठुआ में बड़ी इकाइयों को ही 200 कनाल से अधिक भूमि आवंटित की गई है।

जम्मू संभाग में दो साल से भूमि आवंटन समिति की बैठक नहीं हुई
ललित महाजन के अनुसार, जम्मू संभाग में एमएसएमई इकाइयों को भूमि आवंटन के लिए 2023-24 और 2024-25 में कोई भूमि आवंटन समिति की बैठक नहीं हुई। 400 इकाइयों ने स्वीकृत निधियों के 115 प्रतिशत के प्रावधान के साथ 30 सितंबर 2024 से पहले पंजीकरण के लिए नेशनल करियर सर्विस (एनसीएस) पोर्टल पर आवेदन किया था, लेकिन बजट पैकेज विस्तार न होने से कुछ नहीं हो पाया है।

प्रोत्साहन और बजट आवंटन में पहली वरीयता उन स्थानीय उद्योगों को दी जाए, जिन्होंने विस्तार के साथ नई इकाई की स्थापना के लिए अपेक्षित बुनियादी ढांचा तैयार किया है, जो उत्पादन शुरू करने के लिए अनुमोदन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इन इकाइयों ने सकल जीएसटी और अन्य राजकोषीय प्रोत्साहनों के अनुदान के लिए सितंबर 2024 तक पंजीकरण के लिए आवेदन किए हैं।

दूसरी वरीयता उन मौजूदा इकाइयों को दी जाए जो 2021 तक हैं, जिनका प्रोत्साहन पैकेज पिछले पैकेजों के तहत 2026 में समाप्त होगा और अब वे पंजीकरण के अनुदान की प्रतीक्षा कर रहे हैं।- तीसरी वरीयता मौजूदा इकाइयों को दी जाए, जिन्होंने पर्याप्त विस्तार के तहत राजकोषीय प्रोत्साहन का लाभ उठाने के लिए पंजीकरण के अनुदान के लिए आवेदन किया है।

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