J&K: श्रीनगर में टीआरएफ कमांडर की दो करोड़ की संपत्ति कुर्क, पहलगाम और गगनगीर आतंकी हमले का है मास्टरमाइंड
टीआरएफ कमांडर सज्जाद गुल की श्रीनगर में दो करोड़ की संपत्ति यूएपीए के तहत कुर्क कर दी गई है। सज्जाद गुल पर कई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड होने का आरोप है और वह पाकिस्तान के रावलपिंडी में छिपा है।
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पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड एवं द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के कमांडर सज्जाद अहमद शेख उर्फ सज्जाद गुल की श्रीनगर में दो करोड़ रुपये की संपत्ति शनिवार को कुर्क कर ली गई। पुलिस ने यह कार्रवाई यूएपीए के तहत की है। एनआईए ने गुल को अप्रैल 2022 में आतंकी घोषित कर 10 लाख इनाम रखा था।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि श्रीनगर पुलिस ने शहर के एचएमटी इलाके के रोज एवेन्यू में 15 मरला भूमि पर बने तीन मंजिला आवासीय भवन को कुर्क किया है। यह कार्रवाई कार्यकारी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में की गई।
राजस्व रिकॉर्ड और तहसीलदार सेंट्रल शाल्टेंग श्रीनगर के अनुसार यह संपत्ति आतंकी कमांडर गुल के पिता गुलाम मोहम्मद शेख के नाम पर पंजीकृत है लेकिन जांच से पता चला कि गुल इस भवन का किसी न किसी रूप में इस्तेमाल करता रहा है।
प्रवक्ता ने बताया कि सज्जाद गुल जम्मू-कश्मीर में आतंक को बढ़ावा देने और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से सरकार के खिलाफ युवाओं को भड़काने में शामिल रहा है। यह जब्ती आतंकवाद के वित्तीय, रसद और नेटवर्क को ध्वस्त करने की रणनीति का हिस्सा है।
रावलपिंडी में छिपा है सज्जाद गुल
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि लश्कर-ए-ताइबा के मुखौटा संगठन टीआरएफ का कमांडर सज्जाद गुल पाकिस्तान के रावलपिंडी के छावनी शहर में छिपा है। कश्मीर में हुए कई आतंकी हमलों में उसका सीधा हाथ है। वह इन हमलों का मास्टरमाइंड है।
इस साल 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले, 2020 से 2024 के बीच मध्य कश्मीर और दक्षिण कश्मीर में टारगेट किलिंग, 2023 में मध्य कश्मीर में ग्रेनेड हमले, अनंतनाग के बिजबिहाड़ा में पुलिसकर्मियों पर घात लगाकर हमला, गांदरबल के गगनगीर में जेड मोड़ सुरंग में लगे श्रमिकों पर आतंकी हमले का षड्यंत्र उसी ने रचा था। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।जून 2018 में श्रीनगर के प्रेस एन्क्लेव में वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या में भी सज्जाद गुल का हाथ था।
कई मामले हैं दर्ज :
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि गुल के खिलाफ पारिमपोरा पुलिस थाने में यूएपीए की धारा 13, 38, 20 और ईआईएमसीओ अधिनियम की धारा 2/3 के तहत एफआईआर दर्ज है। यूएपीए की धारा 25 के तहत अधिकारी आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल की गई या इस्तेमाल की जाने वाली संपत्तियों को कुर्क कर सकते हैं।