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रियासत में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू करने की तैयारी ः तारा चंद
Jammu
Updated Tue, 17 Sep 2013 05:38 AM IST
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जम्मू। रियासत में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री तारा चंद ने अमर उजाला प्रतिभा सम्मान समारोह में प्रतिभावान बच्चों को संबोधित करते हुए यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि जन सुझाव के लिए ड्राफ्ट को वेबसाइट में डाला गया है और उम्मीद है कि जल्द ही विधानसभा में इसे पारित करा लिया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने स्कूली शिक्षा बोर्ड और सीबीएसई स्कूलों के दसवीं और बारहवीं कक्षा के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सम्मानित करने के अमर उजाला के प्रयास को सराहा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ मीडिया है और देश के तेजी से हुए विकास और लोगों को जागरूक करने में मीडिया की अहम भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि जहां तक रियासती सरकार का सवाल है तो शिक्षा के सरकारी और निजी क्षेत्र में सुधार लाने को तत्पर है।
निजी स्कूलों के मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने पर नियंत्रण के लिए उन्होंने उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है, ताकि स्कूल मनमानी फीस वसूल न कर पाए। इस अवसर पर उन्होंने सरकारी स्कूलों में कमियों को स्वीकार करते हुए कहा कि जो लोग आईएएस, आईपीएस और अन्य उच्च पद हासिल नहीं कर पाते, वे शिक्षक और लेक्चरर बनते हैं। मुश्किल यह है कि उच्च योग्यता होने के बावजूद ये लोग खुद तो सरकारी स्कूलों में पढ़ाते हैं लेकिन अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिला दिलवाते हैं। सरकारी स्कूलों में और बेहतरी लाने के लिए सलाहकार कमेटी का गठन भी किया गया है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अमीर लोगों का अब रुझान सीबीएसई स्कूलों की तरफ हो गया है। स्कूली शिक्षा बोर्ड की तरफ उन्हीं परिवारों के विद्यार्थी आ रहे हैं जो सीबीएसई स्कूलों में नहीं जा पाते। वैसे सरकारी स्कूलों के बच्चे किसी से कम नहीं हैं और उन्होंने आईएएस, आईपीएस प्रतियोगिता से लेकर हर क्षेत्र में रियासत का नाम रोशन किया है।
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निजी स्कूलों के मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने पर नियंत्रण के लिए उन्होंने उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है, ताकि स्कूल मनमानी फीस वसूल न कर पाए। इस अवसर पर उन्होंने सरकारी स्कूलों में कमियों को स्वीकार करते हुए कहा कि जो लोग आईएएस, आईपीएस और अन्य उच्च पद हासिल नहीं कर पाते, वे शिक्षक और लेक्चरर बनते हैं। मुश्किल यह है कि उच्च योग्यता होने के बावजूद ये लोग खुद तो सरकारी स्कूलों में पढ़ाते हैं लेकिन अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिला दिलवाते हैं। सरकारी स्कूलों में और बेहतरी लाने के लिए सलाहकार कमेटी का गठन भी किया गया है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अमीर लोगों का अब रुझान सीबीएसई स्कूलों की तरफ हो गया है। स्कूली शिक्षा बोर्ड की तरफ उन्हीं परिवारों के विद्यार्थी आ रहे हैं जो सीबीएसई स्कूलों में नहीं जा पाते। वैसे सरकारी स्कूलों के बच्चे किसी से कम नहीं हैं और उन्होंने आईएएस, आईपीएस प्रतियोगिता से लेकर हर क्षेत्र में रियासत का नाम रोशन किया है।