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पर्यटन मानचित्र में लाने को उठाई आवाज

ब्यूरो/अमर उजाला, सांबा Updated Wed, 31 Dec 2014 01:27 AM IST
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 Raised voice to bring tourism map
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रियासत के पर्यटन उद्योग को परवाज लगने की उम्मीदों के साथ जिला के एकमात्र पर्यटक स्थल मानसर की तरफ ध्यान जाना स्वाभाविक है। कौरवों-पांडवों के साथ जुड़ी विशाल झील को विकसित करने के बजाए यहां के हालात बद से बदतर हो गए।

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यहां स्थितियों के मद्देनजर क्षेत्र के लोगों ने जहां प्रशासन से इसको दुरुस्त करवाने की फिर से मांग की वहीं नवनिर्वाचित विधायक से भी संपर्क कर इस पर ध्यान देने का अनुरोध किया है। दूसरी तरफ इसका पूरा फायदा लेने के लिए बाजाराें में अतिक्रमण के कारण विद्रूप हो रही स्थिति को ठीक करने के लिए आवाज उठानी शुरू कर दी है।
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क्षेत्र के निवासियों ने जिला के एकमात्र पर्यटकस्थल मानसर के साथ राज्य सरकार की ओर से भेदभाव किया जा रहा है। एक ओर जहां लोग पर्यटक स्थल के अधिक विकास को लेकर मांग उठाते रहे है।

पर्यटक स्थल के विकास की और सरकार का कोई ध्यान नहीं गया है। जिस के चलते धार्मिक एवं पर्यटकस्थल में लगाई लाइटें और बच्चों के लिए लगे खिलौने टूट चुके हैं। पर्यटन विभाग की ओर से भी कोई उचित कदम नही उठाए जा रहे हैं।

स्थानीय निवासी किरपाल सिंह, वी एस मनकोटिया आदि ने बताया की जम्मू संभाग के इस पर्यटकस्थल में कौरवों-पांडवों के साथ जुड़ी विशाल झील है, एक किनारे पर शेषनाग का प्रसिद्ध मंदिर है। हर वर्ष झील में मेले लगाया जाता है।

स्थानीय लोगों ने राज्य सरकार को कई बार अवगत करवाया था की मानसर झील का विकास करवाया जाए ताकि कश्मीर की ओर जाने वाले पर्यटक मानसर की ओर से गुजरे जिससे पर्यटकस्थल की मान्यता भी बढे़गी लेकिन राज्य सरकार की ओर से भी भेदभाव की नीति ही बरती गई।

कश्मीर के पर्यटक स्थलों के मुकाबले मानसर में एक प्रतिशत भी विकास नहीं हुआ है। इसको लेकर स्थानीय लोगों मेें भी प्रशासन के प्रति रोष बना हुआ है। उन्हाेंने नवनिर्वाचित विधायकों से भी अनुरोध किया है की वह जम्मू संभाग के प्रसिद्ध मानसर पर्यटक स्थल के विकास की ओर ध्यान दें।

उधर कस्बे के बाजाराें में अतिक्रमण के चलते इसका स्वरूप बिगड़ता जा रहा है जिससे आने जाने वाले लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। नगर पालिका की ओर से भी कोई उचित कदम नहीं उठाए जाने से बाजार सिकुड़ते जा रहे हैं।

हालात यह है कि बाजारों के फुटपाथ पर दुकानदारों ने कब्जा कर रखा है। स्थानीय लोगों के अनुसार की इस बाबत कई बार प्रशासन को अवगत करवाया गया था लेकिन कोई उचित कदम नही उठाए जाने से बाजारों मे आने जाने की दिक्कतें बनी हुई है।

सुनील, अरविंद, दिनेश सिंह, किरपाल आदि ने बताया कि नगर पालिका की लापरवाही से कसबे के बाजार सिकुड़ रहे हैं। जिससे जहां कस्बे का स्वरूप बिगड़ रहा है। वहीं यहां आने-जाने वालों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है जबकि बाजारों में जाम की सी स्थिति बनी रहती है। कई बार तो बाजारों में घंटो जाम की स्थिति बनी रहती है।

उन्हाेंने बताया की इस बाबत कई बार जिला प्रशासन को अवगत करवाया लेकिन बाजाराें में अतिक्रमण के खिलाफ कोई उचित कदम नही उठाया जाता है।

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