सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Jammu and Kashmir ›   Jammu News ›   Bail plea of engineering student accused in Thar road rage case rejected

Jammu Kashmir: थार रिवर्स करके बुजुर्ग को मार दी थी टक्कर, आरोपी इंजीनियरिंग छात्र की जमानत याचिका खारिज

अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू Published by: निकिता गुप्ता Updated Wed, 17 Sep 2025 11:50 AM IST
विज्ञापन
सार

जम्मू के थार रोड रेज मामले में बुजुर्ग को रिवर्स टक्कर मारने वाले 19 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र मनन आनंद की जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि मामला जांच के प्रारंभिक चरण में है और आरोपी की रिहाई जांच को प्रभावित कर सकती है।

Bail plea of engineering student accused in Thar road rage case rejected
थार रोड रेज मामले के आरोपी इंजीनियरिंग छात्र की जमानत याचिका खारिजआरोपी बुजुर्ग को धमकाता हुआ। - फोटो : वीडियोग्रेब
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

शहर के चर्चित थार रोड रेज मामले (बुजुर्ग को थार से टक्कर मारना) के आरोपी 19 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र मनन आनंद की जमानत याचिका को प्रधान सत्र न्यायाधीश जम्मू वाईपी बौर्नी ने खारिज किया है। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने कहा कि मामले की जांच शुरुआती दौर में है, ऐसे में आरोपी को जमानत देना ठीक नहीं है। उन्होंने इस मामले में पुलिस को जांच को तेजी से पूरी करने को कहा।

loader
Trending Videos


 इस मामले में 27 जुलाई 2025 को गांधीनगर पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवई गई थी। आरोप है कि गांधीनगर इलाके के ग्रीन बेल्ट पार्क के पास आरोपी मनन आनंद अपनी महिंद्रा थार को लापरवाही से चला रहा था। थार पहले स्कूटी से टकराई, फिर गाड़ी को तेजी से रिवर्स कर स्कूटी सवार बुजुर्ग को टक्कर मार दी।
विज्ञापन
विज्ञापन


इसके बाद गाली-गलोच की और मौके से फरार हो गया। घायल बुजुर्ग को पहले जीएमसी भर्ती करवाया बाद में फोर्टिस अस्पताल चंडीगढ़ रेफर करना पड़ा। आरोपी के वकील ने अदालत में कहा कि वह 30 जुलाई से जेल में है। इतनी लंबी हिरासत सजा से पहले ही सजा जैसी है।

उसने आरोप लगाया की पुलिस ने इस मामले में बाद में गंभीर धाराएं जोड़ीं। सरकारी वकील अनिल मंगोत्रा ने जमानत का विरोध किया और कहा कि पूरे घटनाक्रम को देखे तो पता चलता है कि आरोपी गंभीर आपराधिक प्रवृत्ति का है। ऐसे में उसकी रिहाई जांच को प्रभावित कर सकती है।

जमानत याचिका खारिज करते हुए प्रधान सत्र न्यायाधीश ने कहा कि मामला दर्ज हुए छह सप्ताह से अधिक समय हो गया है, लेकिन जांच अभी भी प्रारंभिक चरण में है। इसे पेशेवर तरीके से निपटाने की आवश्यकता है। न्यायाधीश ने कहा कि कानून में कोई बदलाव तब तक पर्याप्त नहीं होगा जब तक कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार लोगों की मानसिकता में स्पष्ट बदलाव न हो।

यह खबर भी पढ़ें: Jammu Kashmir: गांधीनगर में बुजुर्ग को थार ने जानबूझकर रिवर्स कर मारी टक्कर, CCTV में कैद हुई वारदात

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed