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Jammu News: भ्रष्टाचार मामले में आरोपी दोषी करार, कोर्ट ने लगाया जुर्माना
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संवाद न्यूज एजेंसी
सांबा। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सांबा की अदालत ने घगवाल थाना क्षेत्र से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी को दोषी ठहराते हुए जुर्माने की सजा सुनाई है। मामला वर्ष 2024 का है। इसमें आरोपी पर भारतीय न्याय संहिता तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे।
अदालत में जांच अधिकारी की ओर से पेश की गई चार्जशीट में आरोपी जावेद अली निवासी मन्यारी रघुनाथपुरा, जिला कठुआ ने स्वयं दोष स्वीकार करने का आवेदन दिया। न्यायालय ने आरोपी को स्पष्ट रूप से बताया कि वह दोष स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं है तथा इसके संभावित परिणामों से भी अवगत कराया। पर्याप्त समय दिए जाने के बाद भी आरोपी ने स्वेच्छा से अपना अपराध स्वीकार किया।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्मृति शर्मा ने आदेश में कहा कि आरोपी का इकबालिया बयान पूर्णतः स्वैच्छिक है और किसी दबाव, प्रलोभन या अनुचित प्रभाव में नहीं दिया गया है। इसके आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 2500 रुपये तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 50 रुपये, कुल 2550 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि आरोपी के विरुद्ध पूर्व में किसी आपराधिक इतिहास का रिकॉर्ड नहीं है इसलिए मामले में उदार दृष्टिकोण अपनाया गया। आरोपी की ओर से जुर्माने की पूरी राशि अदालत में जमा करने के बाद मामले का निस्तारण करने के निर्देश दिए गए।
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सांबा। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सांबा की अदालत ने घगवाल थाना क्षेत्र से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी को दोषी ठहराते हुए जुर्माने की सजा सुनाई है। मामला वर्ष 2024 का है। इसमें आरोपी पर भारतीय न्याय संहिता तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे।
अदालत में जांच अधिकारी की ओर से पेश की गई चार्जशीट में आरोपी जावेद अली निवासी मन्यारी रघुनाथपुरा, जिला कठुआ ने स्वयं दोष स्वीकार करने का आवेदन दिया। न्यायालय ने आरोपी को स्पष्ट रूप से बताया कि वह दोष स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं है तथा इसके संभावित परिणामों से भी अवगत कराया। पर्याप्त समय दिए जाने के बाद भी आरोपी ने स्वेच्छा से अपना अपराध स्वीकार किया।
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मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्मृति शर्मा ने आदेश में कहा कि आरोपी का इकबालिया बयान पूर्णतः स्वैच्छिक है और किसी दबाव, प्रलोभन या अनुचित प्रभाव में नहीं दिया गया है। इसके आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 2500 रुपये तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 50 रुपये, कुल 2550 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि आरोपी के विरुद्ध पूर्व में किसी आपराधिक इतिहास का रिकॉर्ड नहीं है इसलिए मामले में उदार दृष्टिकोण अपनाया गया। आरोपी की ओर से जुर्माने की पूरी राशि अदालत में जमा करने के बाद मामले का निस्तारण करने के निर्देश दिए गए।