जम्मू-कश्मीर: पुलवामा में दो पाकिस्तानी आतंकी ढेर, मारा गया जैश सरगना यासिर आईईडी बनाने में था एक्सपर्ट
आईजी के अनुसार दोनों आतंकी कई आतंकी वारदातों में शामिल रहे थे। इनका मारा जाना सुरक्षा बलों के लिए बड़ी सफलता है। उन्होंने जवानों और अधिकारियों को पेशेवर तरीके से ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए बधाई भी दी।
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दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले के राजपोरा में बुधवार को सुरक्षा बलों ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर समेत दो दहशतगर्दों को ढेर कर दिया। मारा गया कमांडर आईईडी एक्सपर्ट था। उसके साथ एक पाकिस्तानी आतंकी भी मारा गया। मारे गए आतंकियों से दो एके राइफल, दो यूबीजीएल, 12 ग्रेनेड, कई मैगजीन तथा गोलियां बरामद की गई हैं।
राजपोरा के कस्बायार गांव में मंगलवार देर रात सुरक्षाबलों को जैश के 2-3 आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली। इस पर एसओजी, सेना की 44 राष्ट्रीय राइफ ल्स और सीआरपीएफ के जवानों ने इलाके की घेराबंदी कर संयुक्त तलाशी अभियान चलाया। घेरा सख्त होते देख एक मकान में छिपे आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने संयम बरतते हुए आतंकियों को आत्मसमर्पण करने के कई मौके दिए। बार-बार आग्रह के बाद भी वे पूरी रात रुक-रुक कर फायरिंग करते रहे। बुधवार तड़के सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दोनों आतंकियों को मार गिराया।
आईजी विजय कुमार ने बताया कि मारे गए आतंकियों में जैश कमांडर और आईईडी एक्सपर्ट यासिर परे और एक पाकिस्तानी आतंकी अबु फुरकान उर्फ अली भाई शामिल हैं। वे कई आतंकी गतिविधियों में शामिल थे। उनके पास से हथियार और अन्य सामान भी मिला है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
घाटी के मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में थे दोनों
आईजी के अनुसार यासिर परे घाटी के मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में शामिल था। वह अरिहाल में आईईडी हमले के साथ ही प्रीछू पुलवामा में पुलिस नाका पर हमले में भी शामिल थे जिसमें हेड कांस्टेबल अनूप सिंह शहीद हो गए थे। वह लोगों को लोकतांत्रिक गतिविधियों में शामिल होने से भी रोकता था। डीडीसी, बीडीसी, पंच, सरपंच, राजनीतिक कार्यकर्ताओं व पुलिसकर्मियों को धमकी भी देता था। अबु फुरकान 2018 से घाटी में सक्रिय था। वह आतंकियों की टाप 60 की सूची में था। वह पुलवामा तथा बडगाम के पखरपोरा इलाके में गतिविधियां करता था। आतंकी वारदातों के साथ ही युवाओं को संगठन में भर्ती करने के लिए भड़काता था। बताया कि मारे गए दोनों आतंकी अवधगुंड राजपोरा में 50 किलो आईईडी से लदे सेंट्रो कार को हमले के लिए तैयार करने का मुख्य साजिशकर्ता थे जिसे पुलिस ने बरामद कर निष्क्रिय किया था। कंगन के नागरिक आजाद अहमद डार की हत्या में भी दोनों शामिल थे।
सेना के पेट्रोल वाहन को उड़ाया था
यासिर ने सेना की 44 राष्ट्रीय राइफल्स के पेट्रोल वाहन को अरिहाल-पुलवामा रोड पर आईईडी विस्फोट कर जून 2019 में उड़ा दिया था। इसमें दो जवान शहीद हो गए थे, जबकि 17 घायल हुए थे। उस समय 44 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग अफसर कर्नल एके सिंह ने चेतावनी दी थी कि घटना में शामिल आतंकी जहां कहीं भी छिपे होंगे उन्हें ढूंढकर मार गिराया जाएगा।
पिता की समर्पण की गुहार भी काम न आई
यासिर के गांव कस्बायार में चल रही मुठभेड़ की निगरानी भी कर्नल एके सिंह ही कर रहे थे। उन्होंने यासिर के पिता को मौके पर बुलाकर समर्पण के लिए कहा, लेकिन यह संभव नहीं हो सका। यासिर का साथी पाकिस्तानी आतंकी फुरकान लगातार भारी फायरिंग करता रहा। यासिर दक्षिण कश्मीर में सक्रिय जैश के विभिन्न ग्रुपों को गाइड करता था। इसके चलते संगठन में 2018 में शामिल होने के बाद वह लगातार अपना कद बढ़ाता गया।
दोनों कई वारदातों में रहे थे शामिल, मारा जाना बड़ी सफलता: आईजी
आईजी के अनुसार दोनों आतंकी कई आतंकी वारदात में शामिल रहे थे। इनका मारा जाना सुरक्षा बलों के लिए बड़ी सफलता है। ऑपरेशन को पेशेवर तरीके से अंजाम देने के लिए जवान और अधिकारी बधाई के पात्र हैं।