पुलवामा में आतंकी के अंत की कहानी: अपहरण कर इशरत को मारी थी गोलियां, मुठभेड़ के दौरान भागने की कर रहा था कोशिश
पुलवामा में हिजबुल का मोस्ट वांटेड आतंकी को सुरक्षाबलों ने मार गिराया। दहशतगर्द फिरोज अहमद डार 2017 से इलाके में सक्रिय था। उसने ही शोपियां के जैनापोरा में अल्पसंख्यक सुरक्षा पोस्ट पर किया था हमला किया था इसमें चार जवान हुए थे शहीद हुए थे। इसी आतंकी ने 25 वर्षीय युवती इशरत की निर्मम हत्या की थी।
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दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले में बुधवार को सुरक्षा बलों ने आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के मोस्ट वांटेड दहशतगर्द फिरोज अहमद डार को मार गिराया। ए प्लस कैटगरी का आतंकी इलाके में 2017 से सक्रिय था और कई आतंकी वारदातों में शामिल था। मारे गए आतंकी के पास से एक एके राइफल, 3 मैगजीन और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई है। पुलिस ने बताया कि जिले के उजरामपथरी गांव में आतंकी की मौजूदगी की सूचना पर मंगलवार की देर रात इलाके की घेराबंदी कर सुरक्षा बलों की ओर से तलाशी अभियान चलाया गया।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार मारा गया आतंकी सुरक्षाबलों पर हमले और नागरिकों पर अत्याचार सहित कई आतंकी गतिविधियों का हिस्सा था। दिसंबर 2018 में जैनापोरा में उसने अल्पसंख्यक सुरक्षा पोस्ट पर हमला किया था जिसमें 4 पुलिसकर्मियों की शहादत हुई और उनकी सर्विस राइफलें लूट ली गईं थी। वह फरवरी 2019 में डांगरपोरा पुलवामा निवासी मुनीर अहमद भट की बेटी इशरत मुनीर की हत्या में भी शामिल था।
वह अक्तूबर 2019 में फजिलिका पंजाब निवासी हंस राज के पुत्र चरनजीत नाम के एक गैर स्थानीय मजदूर की हत्या और अन्य को घायल करने में शामिल था जब वे शोपियां के जैनापोरा इलाके में एक वाहन में सेब की पेटियां लोड कर रहे थे। इसके अलावा उसने भोले-भाले युवाओं को आतंकवादी रैंकों में शामिल होने के लिए लुभाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।