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आरिफ का खुलासा: नाई का काम करता है राजोरी से गिरफ्तार आतंकियों का गाइड, सीमा पार कराने को लिए थे इतने हजार
अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू
Published by: शाहरुख खान
Updated Thu, 03 Jul 2025 04:07 PM IST
सार
राजोरी से गिरफ्तार आतंकियों के गाइड मोहम्मद आरिफ ने कई खुलासे किए हैं। आरोपी नाई का काम करता है। वो एलओसी से सटे गांव में आता जाता था। आतंकियों को सीमा पार पहुंचाने के लिए 20 हजार रुपये लिए थे।
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फाइल फोटो
- फोटो : पीटीआई
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विस्तार
जम्मू में नियंत्रण रेखा पर गिरफ्तार आतंकियों के गाइड से पूछताछ में अहम खुलासे हुए हैं। गिरफ्तार गाइड नाई का काम करता है, जिसे आतंकियों ने सीमा तक पहुंचाने के लिए 20 हजार रुपये दिए थे।
पीओजेके के डटोट गांव के रहने वाले मोहम्मद आरिफ को 29 जून को राजोरी के तरकुंडी सेक्टर में सेना और बीएसएफ ने मिलकर पकड़ा था। सूत्रों का कहना है कि आरिफ ने पूछताछ में पुलिस को यह भी बताया कि उसका गांव एलओसी से करीब पांच किलोमीटर दूर है।
वह नाई का काम करता है और अकसर उसका इलाके के कई गांव तक आना जाना होता है। कुछ दिन पहले कुछ अज्ञात लोग उसके पास आए। कहा कि उन्हें एलओसी तक लेकर जाना है। सीमा पार करवाकर वापस आ जाना।
इसके बदले में 20 हजार रुपये दिए। वह पैसे लेकर ऐसा करने के लिए मान गया। वह आगे था और चार लोग उसके पीछे आ रहे थे। इस दौरान जैसे ही एलओसी पार किया, तो उसे पकड़ लिया गया। ये देखकर उसके पीछे आ रहे चार लोग पीछे की तरफ भाग गए।
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पीओजेके के डटोट गांव के रहने वाले मोहम्मद आरिफ को 29 जून को राजोरी के तरकुंडी सेक्टर में सेना और बीएसएफ ने मिलकर पकड़ा था। सूत्रों का कहना है कि आरिफ ने पूछताछ में पुलिस को यह भी बताया कि उसका गांव एलओसी से करीब पांच किलोमीटर दूर है।
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वह नाई का काम करता है और अकसर उसका इलाके के कई गांव तक आना जाना होता है। कुछ दिन पहले कुछ अज्ञात लोग उसके पास आए। कहा कि उन्हें एलओसी तक लेकर जाना है। सीमा पार करवाकर वापस आ जाना।
इसके बदले में 20 हजार रुपये दिए। वह पैसे लेकर ऐसा करने के लिए मान गया। वह आगे था और चार लोग उसके पीछे आ रहे थे। इस दौरान जैसे ही एलओसी पार किया, तो उसे पकड़ लिया गया। ये देखकर उसके पीछे आ रहे चार लोग पीछे की तरफ भाग गए।
मोबाइल फोन बिना सिम का, पकड़े जाने से पूर्व फेंकने का शक
आरिफ के पास से जो मोबाइल फोन बरामद हुआ है, उसमें सिमकार्ड नहीं है। आशंका है कि पकड़े जाने के वक्त वह किसी तरह से मोबाइल फोन से सिमकार्ड निकालने में सफल रहा। हालांकि पुलिस को आरिफ ने बताया कि उसके फोन में सिम नहीं था।
आरिफ के पास से जो मोबाइल फोन बरामद हुआ है, उसमें सिमकार्ड नहीं है। आशंका है कि पकड़े जाने के वक्त वह किसी तरह से मोबाइल फोन से सिमकार्ड निकालने में सफल रहा। हालांकि पुलिस को आरिफ ने बताया कि उसके फोन में सिम नहीं था।
पुलिस ने मोबाइल फोन को श्रीनगर की फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी(एफएसएल) में जांच के लिए भेज दिया है, ताकि ये देखा जा सके कि इसमें से वीडियो या तस्वीरें डिलीट तो नहीं की हैं। इसके अलावा मोबाइल फोन से कहां-कहां बात हुई और सिम कब तक इस्तेमाल हुआ।
लगातार बयान बदल रहा आरिफ
पूछताछ में आरिफ बार-बार बयान बदल रहा है। वह खुद को कई बार बीमार भी बताता है। इसके बाद पुलिस को दिन में तीन बार अस्पताल लेकर जाना पड़ रहा है। आरिफ ने अब तक पुलिस को जो भी बताया है, उस पर पुलिस जांच कर रही।
पूछताछ में आरिफ बार-बार बयान बदल रहा है। वह खुद को कई बार बीमार भी बताता है। इसके बाद पुलिस को दिन में तीन बार अस्पताल लेकर जाना पड़ रहा है। आरिफ ने अब तक पुलिस को जो भी बताया है, उस पर पुलिस जांच कर रही।
इससे अलावा कई अन्य पहलुओं पर भी जांच जारी है, क्योंकि उसकी बताई जानकारी पुलिस को हजम नहीं हो रही। आरिफ ने पुलिस को बताया है कि उसके पास अज्ञात लोग आए थे। वह पैसे लेकर इतनी आसानी से एलओसी तक पहुंचाने के लिए कैसे मान गया।
जैश के आतंकी होने का शक
सूत्रों का कहना है कि आरिफ को एलओसी तक लाने वाले तीन से चार लोग जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन के थे। उन्होंने गाइड को आगे रखा था, ताकि पता चल जाए, तो वह ही मारा जाएगा। ये भी बताया जा रहा है कि ये आतंकी भारतीय सेना और बीएसएफ की फायरिंग में घायल हैं।
सूत्रों का कहना है कि आरिफ को एलओसी तक लाने वाले तीन से चार लोग जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन के थे। उन्होंने गाइड को आगे रखा था, ताकि पता चल जाए, तो वह ही मारा जाएगा। ये भी बताया जा रहा है कि ये आतंकी भारतीय सेना और बीएसएफ की फायरिंग में घायल हैं।