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UPSC: यूपीएससी की ‘प्रतिभा सेतु’ पहल से अब तक जुड़ीं 113 निजी कंपनियां, कई अन्य भी जुड़ने को तैयार

जॉब्स डेस्क, अमर उजाला Published by: आकाश कुमार Updated Tue, 22 Jul 2025 06:19 PM IST
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सार

UPSC: प्रतिभा सेतु’ पहल के तहत यूपीएससी परीक्षा में सफल लेकिन अंतिम चयन से वंचित उम्मीदवारों को निजी संस्थानों में नौकरी का नया अवसर मिल रहा है। अब तक 113 संस्थाएं इस पोर्टल से जुड़ चुकी हैं और कई अन्य कंपनियां भी जुड़ने को तैयार हैं।
 

Private Firms Approach UPSC via Pratibha Setu to Hire Civil Services Aspirants Not in Final List
UPSC - फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
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UPSC Pratibha Setu: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की ‘प्रतिभा सेतु’ पहल के तहत अब निजी कंपनियां उन उम्मीदवारों तक पहुंचने लगी हैं, जो यूपीएससी की विभिन्न परीक्षाओं में लिखित और इंटरव्यू स्तर तक पहुंचे थे, लेकिन अंतिम चयन सूची में स्थान नहीं बना सके। यह जानकारी मंगलवार को आयोग द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में दी गई।

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What is UPSC Pratibha Setu: क्या है प्रतिभा सेतू?

‘प्रतिभा सेतु’ का पूरा नाम Professional Resource And Talent Integration Setu है, यानी एक ऐसा सेतु जो प्रतिभाशाली और आंशिक रूप से सफल अभ्यर्थियों को वैकल्पिक करियर अवसरों से जोड़ता है। यह पोर्टल योग्य और सत्यापित निजी संगठनों को यह सुविधा देता है कि वे सिविल सेवा, इंजीनियरिंग सेवा, संयुक्त चिकित्सा सेवा जैसी परीक्षाओं में सफल लेकिन चयन सूची में नहीं आने वाले उम्मीदवारों के डेटा तक पहुंच सकें। बशर्ते उम्मीदवार इसके लिए स्वेच्छा से सहमति दें।

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अब तक 113 कंपनियां जुड़ चुकी हैं

यूपीएससी के अनुसार अब तक 113 निजी संगठन इस प्लेटफॉर्म से जुड़ चुके हैं और कई अन्य भी इसमें रुचि दिखा रहे हैं। आयोग इसे “विश्वसनीय और अच्छी तरह आंकी गई प्रतिभा का स्रोत” मान रहा है।

क्या बोले केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह?

केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह “प्रतिभा के उपयोग की एक दूरदर्शी सोच” है। उन्होंने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा में कई ऐसे मेधावी छात्र होते हैं जो सिर्फ इंटरव्यू के आखिरी चरण में मामूली अंतर से बाहर हो जाते हैं। प्रतिभा सेतु उनके लिए एक सार्थक विकल्प बनकर उभर रहा है।

यूपीएससी चेयरमैन ने दी जानकारी

नवनियुक्त यूपीएससी चेयरमैन अजय कुमार ने मंत्री को बताया कि यह योजना Public Disclosure Scheme (2018) के विस्तार के रूप में विकसित की गई है और इसे सभी पक्षों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।

इस प्लेटफॉर्म की खासियत यह है कि यह पहले के निष्क्रिय डाटा प्रकाशन मॉडल को इंटरऐक्टिव रिक्रूटमेंट प्लेटफॉर्म में बदल देता है। पहले उम्मीदवारों की जानकारी वेबसाइट पर डाल दी जाती थी, लेकिन अब रजिस्टर्ड कंपनियां सीधे लॉगइन कर अभ्यर्थियों से संपर्क कर सकती हैं।

किन परीक्षाओं को किया गया शामिल?

‘प्रतिभा सेतु’ में सिविल सेवा, इंजीनियरिंग सेवा और संयुक्त चिकित्सा सेवा जैसी बड़ी परीक्षाएं शामिल हैं। हालांकि, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA), नौसेना अकादमी और कुछ विभागीय प्रतियोगिताएं इसमें शामिल नहीं हैं।

करियर के लिए एक नया विकल्प

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अभ्यर्थी भी इस पहल को सकारात्मक रूप से देख रहे हैं, क्योंकि इससे उन्हें सरकारी सेवाओं के बाहर भी अपने कौशल का उपयोग करने का अवसर मिल रहा है।

इस पहल के जरिए यूपीएससी न केवल अपनी परीक्षाओं की प्रक्रिया का दायरा बढ़ा रहा है, बल्कि शासन और रोजगार के पूरे इकोसिस्टम को भी मजबूती दे रहा है।

यूपीएससी के शताब्दी वर्ष की ओर कदम

यूपीएससी जल्द ही 2026 में अपने 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है। ऐसे में प्रतिभा सेतु जैसी पहल यह दर्शाती हैं कि आयोग अब केवल सरकारी चयन की संस्था न रहकर मानव संसाधन विकास का केंद्र भी बनता जा रहा है।

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