Risk Management Tips: नई शुरुआत समझदारी से करें, छोटे-छोटे कदमों से बढ़ाएं सफलता के अवसर; सीखने का मिलेगा मौका
Risk Management: नई शुरुआत करना हमेशा उत्साह से भरा होता है, लेकिन इसमें जोखिम भी छिपे रहते हैं। ऐसे में, समझदारी इसी में है कि किसी भी योजना या प्रोजेक्ट को छोटे-छोटे कदमों में बांटकर शुरू किया जाए।

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Harvard Business Review: आज के वक्त में कॉरपोरेट व बिजनेस का माहौल बिजली की तरह तेजी से बदल रहा है। बड़े बदलाव तो सभी को दिखते हैं, लेकिन असली चुनौती अक्सर उन छोटी-छोटी अनिश्चितताओं से आती है, जो चुपचाप आपके फैसलों और काम की दिशा बदल देती हैं। ऐसे में, अगर आप किसी भी नई योजना, काम या प्रोजेक्ट में पूरी तैयारी किए बिना ही कूद पड़ेंगे, तो असफल होने का जोखिम बढ़ना जायज है।

इसलिए, समझदारी इसी में है कि किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को शुरू करने से पहले अपनी रणनीति को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट लें, ताकि सीखने, समझने और गलतियों को सुधारने का पूरा मौका मिल सके। ऐसा करने के कुछ नायाब नुस्खे हैं।
नई शुरुआत की खास रणनीति
जब भी आप कोई नई शुरुआत करते हैं, तो आपके सामने सबसे बड़ी चुनौती होती है कि पुराने तौर-तरीकों को छोड़कर नए ढंग से काम करना। सीधे किसी बड़ी योजना पर समय, पैसा और मेहनत झोंक देना अक्सर जोखिम भरा साबित होता है। बेहतर रणनीति यह है कि शुरुआत में उसे छोटे-छोटे चरणों में आजमाया जाए।
इससे आपको परखने का मौका मिलता है कि कौन-सा प्रयोग व्यवहार में कितना कारगर साबित हो रहा है। इससे यह भी साफ हो जाएगा कि भविष्य में इस बदलाव को अपनाने की संभावना कितनी लाभदायक साबित होगी।
जोखिमों की पहचान और समाधान
अगर आप अपने संगठन में लोगों के व्यवहार या कार्यशैली में बदलाव लाने का प्रयास करने जा रहे हैं, तो जरूरी नहीं कि नतीजे हमेशा आपके ही पक्ष में हों। स्थिति और पेचीदा तब हो जाती हैै, जब आपके और उस शख्स के बीच पहले से मजबूत रिश्ता, टीम वर्क या खास जुड़ाव हो। विशेषकर तब, जब यह बदलाव संगठन की संरचना, कार्यप्रणाली, प्रमोशन की प्रक्रिया, कॅरिअर ग्रोथ या साझा जिम्मेदारियों से जुड़ा हो, तो अनिश्चितता और भी बढ़ जाती है।
ऐसे में, सिर्फ छोटे समूह पर प्रयोग करने के बजाय बेहतर यह होगा कि शुरुआत से ही थोड़ा बड़ा और वास्तविकता को सही तरह से दर्शाने वाला समूह चुना जाए। इससे संभावित जोखिमों व रुकावटों की पहचान पहले ही हो जाती है और उनके समाधान के लिए ठोस रणनीतियां बनाना आसान हो जाता है।
अनिश्चितताओं के लिए ट्रेसर बुलेट
कुछ भी नया शुरू करने से पहले आपका ध्यान उससे जुड़ी अनिश्चितताओं को कम करने पर होना चाहिए। यदि इन्हें समय रहते परखा न जाए, तो बड़े स्तर पर ये व्यक्तिगत और पेशेवर सफलता, दोनों को प्रभावित कर सकती हैं। इन्हें परखने और इनके लिए बेहतर रणनीति बनाने का सबसे अच्छा तरीका है ‘ट्रेसर बुलेट’ बनाना।
इसका मतलब चुनौतियों से जुड़े समाधान का एक छोटा व सामान्य दिशा-निर्देश तैयार करके उसे सभी जरूरी व संभावित तकनीकों के साथ जोड़कर परीक्षण करने से है। इन जोखिमों को अनदेखा करने के बजाय उन्हें पहले ही परखना कहीं अधिक बुद्धिमानी है। इससे आने वाले खतरों और बाधाओं को समय रहतेे समझकर सही रणनीति बनाई जा सकती है।