ऐ मेरे खामोश जिंदगी कुछ तो इशारे कर,
टूटे हुए ख्वाबों को फिर से सहारे कर।
सहरा-ए-दिल में बस गई तन्हाईयों की धूल,
तू कोई सब्जा जगाकर रूह को प्यारे कर।
हर मोड़ पे ठहरे हुए हैं कारवां के साए,
चल पड़, हव...और पढ़ें
हम मोहब्बत के तलबगार इतने मोहब्बत को इबादत समझा ,
नफा नुकसान सोचे बिना वफादारी को गैरत समझा ।
मेरे दिल से खेलकर वो मना रहे हैं जिंदगी में रंगरलियां वो ,
जिसपर सब कुर्बान करने की हसरत को हमने दौलत समझा ।।...और पढ़ें
प्यार वो है
जो माँ को अपने बच्चे से है,
प्यार वो है
जो पिता को परिवार की सुरक्षा से है।
प्यार वो है
जो भाई-बहन के झगड़ने से है,
प्यार वो है
जो दोस्तों के लिए लड़ने से है।
प्यार व...और पढ़ें
मुझसे चाहत की वही पहली सी मोहब्बत न माँग,
ज़िंदगी ने सिखा दिया, हर ख़्वाब हक़ीक़त नहीं होता।
तेरी आँखों में जो चमक है, वो अब भी सुकून देती है,
पर दुनिया के ज़ख़्म, सिर्फ़ तेरे होने से नहीं भरते।
तेरी मुस्का...और पढ़ें
येह रिश्ते - नाते सारे हमारे सब का दोस्ताना एक तरफ़
सारा ज़माना एक तरफ़ मां की ममता का खज़ाना एक तरफ़!
येह प्यार मोहब्बत वस्ल-ओ-विसाल दिखाना एक तरफ़
बचपन में मां के आंचल से गीले हाथों का सुखाना एक तरफ़!
बाबा के धमकाने पर ह...और पढ़ें
महबूब से बढ़कर कोई प्यारा नहीं होता
उससे बेहतर कोई चांद सितारा नहीं होता
थक जाती है नींद एक दूसरे का दीदार करते करते
कमबख्त आंखों का फिर भी गुजारा नहीं होता
जरूरत कब मोहब्बत बन जाए क्या पता
वो मोहब्बत ही फिर...और पढ़ें
तेरे दिल की धड़कन और मेरी तन्हाई एक हो चली,
तेरे होंठ काँपे तो लगा जैसे दुआ अधूरी रह गई।
तेरी बेचैनी में मुझे अपना सुकून दिखा,
तेरे डर में भी मुझे मोहब्बत का जुनून दिखा।
आज फिर चाहत हुई तेरे घबराहट से,
जैसे रूह मेरी...और पढ़ें
एक बार उसने मुझको निगाहों से छू लिया।
फिर उसके इंतजार में सब्र का घूंट पी लिया।।
पलकों में ख्वाब उसका हर रोज जगा देता।
कहेंगे कभी उससे अभी होठों को सी लिया।।
आँखें अचंभित होकर खोज रही इधर-उधर।
एक फर्...और पढ़ें
नशे में उसकी तारीफ़ें करने लगा,
हर जाम में उसका नाम भरने लगा।
लबों से निकली हर दुआ में वही रहा,
दिल की हर धड़कन में वही उतरने लगा।
महफ़िल हँसकर कहती रही – ‘दीवाना है ये’,
पर मैं तो उसकी मोहब्बत में जीने लगा।...और पढ़ें
जिंदगी के अफसाने को
तुमने फ़साना बना दिया।
दौलत मोहब्बत का होते हुए
नफ़रत का सिलसिला बना दिया।
लगा के अपनी खुशियों में आग
ख़ुद के हाथों को कातिल बना दिया।
बना के पैमाना अपने तृष्णा का...और पढ़ें