सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Lifestyle ›   Health & Fitness ›   india vs pakistan news and update what is war anxiety know How to Handle it

War Anxiety: युद्ध की खबरें कहीं बढ़ा न दे वॉर-एंग्जाइटी? सोशल मीडिया देखते रहते हैं तो हो जाइए सावधान

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Fri, 09 May 2025 01:21 PM IST
विज्ञापन
सार

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने लोगों के दिमाग में उथल-पुथल मचा दी है। खास तौर पर उन लोगों पर इसका ज्यादा असर देखा जा रहा है  जो सोशल मीडिया पर असत्यापित और बिना किसी प्रमाणिक स्रोत से खबरें देख-सुन रहे हैं।

india vs pakistan news and update what is war anxiety know How to Handle it
मेंटल हेल्थ की समस्या - फोटो : Freepik.com
loader
Trending Videos

विस्तार
Follow Us

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई कायराना आतंकी गतिविधि का बदला लेते हुए भारत सरकार ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला किया। इसके बाद से दोनों देशों के बीच स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। टीवी चैनल्स लगातार इस स्थिति की रिपोर्टिंग कर रहे हैं, सोशल मीडिया पर भी भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव की खबरें ट्रेंड कर रही हैं।

Trending Videos


इन खबरों ने लोगों के मन में एक अनजाना सा डर बनाया हुआ है, क्या हम युद्ध की तरफ बढ़ रहे हैं? हम कितने सुरक्षित हैं, ऐसे सवाल मानसिक तनाव बढ़ाने वाले हो सकते हैं। हालांकि सरकार ने देशवासियों को आश्वस्त किया है कि हमारी सेनाएं मुस्तैदी से न सिर्फ आतंकी देश का सामना कर रही हैं, बल्कि उनके नापाक मनसूबों को नाकाम भी कर रही हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन


दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव ने लोगों के दिमाग में उथल-पुथल मचा दी है। खास तौर पर उन लोगों पर इसका ज्यादा असर देखा जा रहा है  जो सोशल मीडिया पर असत्यापित और बिना किसी प्रमाणिक स्रोत से खबरें देख-सुन रहे हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, युद्ध का डर मानसिक स्वास्थ्य पर काफी असर डालता है, जिससे स्ट्रेस और एंगजाइटी की समस्या बढ़ सकती है। इस तरह की स्थिति को वॉर एंग्जाइटी कहा जाता है। 

india vs pakistan news and update what is war anxiety know How to Handle it
दोनों देशों में बढ़ता विवाद (सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : ANI
वॉर एंग्जाइटी जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है कि युद्ध की खबरों को लेकर लोगों के मन में बन रही डर या चिंता।

मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, युद्ध की अप्रत्याशित प्रकृति जिसमें हिंसा का निरंतर खतरा शामिल होता है ये चिंता और भय को बढ़ाती है। इसका असर उन लोगों में भी देखा जाता रहा है जो सीधे युद्ध में शामिल नहीं होते हैं।

रिकॉर्ड्स उठाकर देखें तो पता चलता है कि पहले के कई युद्धों के दौरान भी लोगों में वॉर एंग्जाइटी और इसके कारण होने वाली समस्याएं देखी गई थीं। युद्ध की भयावह स्थिति पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर जैसी स्थितियां भी पैदा कर सकती है, जिसका असर लोगों के दिमाग पर लंबे समय तक बना रहता है।

india vs pakistan news and update what is war anxiety know How to Handle it
स्ट्रेस-एंग्जाइटी का खतरा - फोटो : Freepik.com
वॉर एंग्जाइटी होती क्या है?

वॉर एंग्जाइटी होना आम है, युद्ध के बारे में खबरें, वीडियो और तस्वीरों को देखकर मन में डर और चिंता होना आम प्रतिक्रिया है।

यूक्रेन-रूस युद्ध के दौरान भी बड़ी संख्या में लोगों में इस समस्या को देखा गया था। अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन ने एक सर्वेक्षण में पाया कि शामिल किए गए करीब 80% प्रतिभागियों ने युद्ध की खबरों-वीडियो के कारण गंभीर रूप से स्ट्रेस और एंग्जाइटी का सामना किया।

वॉर एंग्जाइटी और इसके कारण होने वाली समस्याओं को समझने के लिए हार्वर्ड के विशेषज्ञों ने एक अध्ययन किया। इसमें पाया गया कि युद्ध की खबरों का लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों तरह से असर हो सकता है।

एक अध्ययन में पाया गया कि परमाणु युद्ध के खतरे ने लोगों को मानसिक रूप से बहुत प्रभावित किया, इससे प्रभावित लोगों में पांच साल बाद तक कई प्रकार की मेंटल हेल्थ की समस्याएं बनी रहीं। 

india vs pakistan news and update what is war anxiety know How to Handle it
मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं - फोटो : Freepik.com
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

अमर उजाला से बातचीत में इंदौर अपोलो में मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ आशुतोष सिंह बताते हैं, विपरीत परिस्थितियों में वॉर एंग्जाइटी की समस्या किसी को भी हो सकती है, ये सामान्य है। हालांकि अगर इसके कारण आप बहुत ज्यादा या लगातार परेशान रहने लगें तो खतरा हो सकता है। 

युद्ध की चिंता धीरे-धीरे आप पर हावी हो सकती है और कई बार मेंटल हेल्थ को गंभीर रूप से प्रभावित करने वाली हो सकती है। ये स्थित शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को प्रभावित करने वाली हो सकती है। 

जिन लोगों को पहले से स्ट्रेस-एंग्जाइटी, पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (पीटीएसडी) जैसी समस्या है उनके लक्षण और ट्रिगर हो सकते हैं। वॉर एंग्जाइटी के कारण घबराहट होने, दिल की धड़कन तेज होने, चिड़चिड़ापन, मतली या चक्कर आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कुछ लोगों को इसके कारण पैनिक अटैक की भी समस्या हो सकती है।

india vs pakistan news and update what is war anxiety know How to Handle it
समय रहते डॉक्टर से लें मदद - फोटो : Adobe stock
इन दिनों में क्या करें?

डॉक्टर बताते हैं, ये स्थिति धैर्य और संयम बनाए रखने की मनोबल को मजबूत रखने की है। ऐसे माहौल में सोशल मीडिया और बिना प्रमाणिकता वाली खबरों से दूर रहना चाहिए। केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें।

योग-मेडिटेशन जैसे अभ्यास मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए जरूरी है। परिवार के साथ समय बिताएं। अगर चिंता या घबराहट की समस्या हो रही हो तो तुरंत किसी विशेषज्ञ की सलाह लें। बच्चों के मन पर इसका गंभीर असर हो सकता है, इसलिए माता-पिता विशेष ध्यान रखें।



------------
नोट: 
यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
विज्ञापन
विज्ञापन

सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें  लाइफ़ स्टाइल से संबंधित समाचार (Lifestyle News in Hindi), लाइफ़स्टाइल जगत (Lifestyle section) की अन्य खबरें जैसे हेल्थ एंड फिटनेस न्यूज़ (Health  and fitness news), लाइव फैशन न्यूज़, (live fashion news) लेटेस्ट फूड न्यूज़ इन हिंदी, (latest food news) रिलेशनशिप न्यूज़ (relationship news in Hindi) और यात्रा (travel news in Hindi)  आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़ (Hindi News)।  

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed