PM Modi: सस्ती स्वदेशी दवाओं के अनुसंधान पर प्रधानमंत्री ने दिया जोर, ताकि भारत बन सके 'फार्मा सुपरपावर'
- मोदी ने लाल किले की प्राचीर से पूछा, क्या हमें सबसे सस्ती और प्रभावी नई स्वदेशी दवाओं के बारे में शोध नहीं करना चाहिए जो संकट के समय मानवता की बिना किसी दुष्प्रभाव के मदद कर सके?

विस्तार
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से मेक इन इंडिया मिशन पर जोर दिया। देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने सस्ती स्वदेशी दवाओं के लिए अनुसंधान की आवश्यकता पर बल दिया। पीएम मोदी ने फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र में भारत के वैश्विक नेतृत्व पर प्रकाश डाला और संकट के समय मानवता की मदद करने वाली सबसे सस्ती और प्रभावी नई स्वदेशी दवाओं के लिए अनुसंधान की आवश्यकता पर बल दिया।

स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए, पीएम ने कहा कि देश कई क्षेत्रों में तमाम कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। उन्होंने उपस्थित जनसमूह से पूछा, "हमें दुनिया की फार्मेसी के रूप में जाना जाता है, लेकिन क्या यह समय की मांग नहीं है कि हम अनुसंधान और विकास में अधिक निवेश करें, ताकि हमारे अपने पेटेंट हों? और भारत फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र में और मजबूत हो सके।

सस्ती और प्रभावी दवाओं के अनुसंधान पर जोर
मोदी ने लाल किले की प्राचीर से पूछा, क्या हमें सबसे सस्ती और प्रभावी नई स्वदेशी दवाओं के बारे में शोध नहीं करना चाहिए जो संकट के समय मानवता की बिना किसी दुष्प्रभाव के मदद कर सकें? जब भी दुनिया को जरूरत पड़ी है, भारत हमेशा से अग्रणी रहा है। फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र में अनुसंधान और विकास से हम और मजबूत हो सकते हैं।
इन फैक्ट्स को जानिए
- अप्रैल 2025 तक, भारतीय दवा उद्योग, वैल्यूम के हिसाब से दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा और वैल्यू के हिसाब से 11वां सबसे बड़ा उद्योग है।
- भारत वैश्विक स्तर पर जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है, जिसकी वैश्विक आपूर्ति में 20% हिस्सेदारी है।
- इसके अलावा भारत दुनिया में कम लागत वाले टीकों के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक है।
चिकित्सा उपकरण और दवा उद्योग में भी भारत का बड़ा स्थान रहा है।
- जापान, चीन और दक्षिण कोरिया के बाद भारत एशिया का चौथा सबसे बड़ा चिकित्सा उपकरण बाजार है।
- भारत दुनिया के शीर्ष 20 वैश्विक चिकित्सा उपकरण बाजारों में से एक है।
- वित्त वर्ष 2023-24 में दवा कंपनियों का कुल वार्षिक कारोबार 4,17,345 करोड़ रुपये था, जिसमें से 2,19,439 करोड़ रुपये निर्यात से थे।

मोटापे की बढ़ती समस्या को लेकर भी जताई चिंता
देश में मोटापे की इस बढ़ती समस्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार चिंता जताते रहे हैं। 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से देश को अपने संबोधन में एक बार फिर से प्रधानमंत्री ने मोटापे की समस्या को लेकर चिंता जताई।
पीएम मोदी ने कहा, जब मैं फिटनेस की बात करता हूं तो इस संबंध में एक बड़ी चिंता है जो एक बार फिर से मैं आप सभी के सामने रखना चाहता हूं- वो है मोटापा। सभी लोगों को इस विषय पर सावधान हो जाने की आवश्यकता है। विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि आने वाले वर्षों में हर तीसरा व्यक्ति मोटापे का शिकार हो सकता है। हमें इससे बचाव को लेकर सावधानी बरतनी होगी।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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