Amar Ujala Samwad: बंगलूरू भगदड़ से लेकर शुभमन की कप्तानी और श्रेयस की अनदेखी तक, संवाद में हरभजन के बेबाक बोल
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स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली/देहरादून
Published by: Mayank Tripathi
Updated Tue, 10 Jun 2025 04:04 PM IST
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खास बातें
Harbhajan Singh in Amar Ujala Samwad Highlights : आज उत्तराखंड के देहरादून में संवाद का आयोजन हो रहा है। इस कार्यक्रम में देश की जानी मानी शख्सियतों, नीति नियंताओं, विचारकों और विशेषज्ञों के विचार जानने और उनसे रूबरू होने का मौका मिल रहा है। भारतीय टीम के पूर्व स्पिनर और क्रिकेट कमेंटेटर हरभजन सिंह भी कार्यक्रम में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बंगलूरू भगदड़ से लेकर टीम के नए कप्तान शुभमन गिल तक तमाम मुद्दों पर बात की।

हरभजन सिंह
- फोटो : अमर उजाला

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लाइव अपडेट
05:42 PM, 10-Jun-2025
यहां देखें हरभजन सिंह का पूरा इंटरव्यू
04:03 PM, 10-Jun-2025
अमर उजाला के खास कार्यक्रम संवाद में पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह पहुंचे। उन्होंने भारतीय टीम के नए टेस्ट कप्तान शुभमन गिल से लेकर श्रेयस अय्यर की अनदेखी पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने ट्रोलर्स को भी आड़े हाथ लिया और कहा- कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना।
04:01 PM, 10-Jun-2025
सोशल मीडिया का दबाव है, कोई भी कहीं भी किसी के बारें में बात कर रहा है। इसको आप या आपके साथी खिलाड़ी कैसे झेलते हैं?
सोशल मीडिया एक ऐसा टूल है जिसके सहारे आप घर बैठकर किसी को भी कुछ भी बोल सकते हो। मैं देखता हूं कि कुछ लोग ऐसे हैं जिनका सिर्फ इतना काम है आओ, गाली दो और निकल जाओ। आपको पता है कि आपने ठीक काम किया है तो उनके लिए वो गाना बड़ा सही है कि कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना। कहने दीजिये। अगर आप क्लियर हो दिल से क्लियर हो आपको पता है कि आपने अपना दृष्टिकोण सही रखा है तो रखिए। गाली देकर नहीं प्यार से रखिए।
04:00 PM, 10-Jun-2025
हर किसी के पास ज्ञान है क्रिकेट का, हर कोई कुछ न कुछ कहना चाहता है, आपको भी लोग आकर बताते होंगे कि आपसे ये हुआ?
हर कोई बताता है। अरे ये छूट गया, अरे ऐसा होना चाहिए था। लेकिन ये बड़ा आसान है। विचार जरूरी हैं और मायने भी रखते हैं क्योंकि आप प्यार करते हो। लेकिन कभी कभार एक खिलाड़ी हारता है तो उसकी हार में कोई खड़ा नहीं होता है। बहुत कम लोग होते हैं जो उसकी हार में खड़े होते हैं, जो उसकी भावनाओं को समझ सकें। इसलिए आपकी बात जायज है, आप सवाल पूछिए, आप मेरी निंदा भी करें अगर मैं खराब खेल रहा हूं तो लेकिन कहीं न कहीं न हम सोशल मीडिया पर देखते हैं कि कभी कोई क्रिकेटर सही नहीं खेलता है तो उसकी फैमिली को खींचकर ले आते हैं। कि ये वहां पर पहुंची हैं, उनकी फैमिली को टार्गेट करना। मुझे लगता है कि ये गलत है। अगर मैं अच्छा नहीं खेल रहा हूं या कोई भी खिलाड़ी अच्छा नहीं खेल रहा है तो आप निंदा करें लेकिन उस तक सीमित रखें। खेल तक सीमित रखें साथ में ये सारी चीजें न जोड़ दें। मुझे लगता है कि हम उस वर्ग में जी रहे हैं जहां हम युवा हैं, पढ़े लिखे हैं, समझदार हैं लिखने का हमें सबूत भी देना है कि हम भारत देश के वासी हैं और हम बहुत गर्वशाली हैं। हमने आपने भाईयों के लिए या जवानों के लिए ऐसे बात नहीं कर सकते।
03:47 PM, 10-Jun-2025
कोई ऐसा किस्सा कमेंट्री से जुड़ा सुनाइये जिसमें आप कहना कुछ चाहते थे और निकल कुछ गया?
मैं स्काई स्पोर्ट्स में इंग्लिश में कमेंट्री कर रहा था। उस वक्त मैं दिमाग में हिंदी में सोचता था, फिर उसे इंग्लिश में कनवर्ट करता था। फिर मुझे लगता था कि यार मैंने बोल क्या दिया। मैंने सोचा मुझे अंग्रेजी में नहीं जाना है, अपना हिंदी बहुत बढ़िया है। हिंदी में बात करेंगे। यूट्यूब पर मैं सिर्फ क्रिकेट करता हूं। एक्टिंग थोड़ी बहुत कर लूंगा।
03:41 PM, 10-Jun-2025
कमेंट्री बॉक्स का चैलेंज क्या होता है?
खेलना ज्यादा आसान था। मैं खेल चुका हूं, मुझे पता है। लेकिन कमेंट्री में ये होता है जो आप देख रहे हो उसे आपको बोलना है और उसमें बहुत बार ऐसा लगता है कहीं कुछ गलत न निकल जाए। किसी की शान के खिलाफ कुछ न निकल जाए। कभी-कभी कुछ हो भी जाता है क्योंकि हम लोग भगवान नहीं हैं, बोलते हैं, करते हैं, प्रयास यही करते हैं किसी के मन को ठेस न पहुंचे। ऐसी बात न करें गलती हर किसी से होती है। जो बंदा गलती मान ले उससे बड़ी चीज कुछ नहीं होती। आज कमेंट्री करने वाले गलती करते हैं। जिन्होंने 15-15 साल कमेंट्री की है वो भी गलतियां करते हैं। सनी सर (सुनील गावस्कर) से भी गलतियां हो जाती हैं, वो तो इतने वर्षों से कमेंट्री में हैं। इंसान गलतियों का पुतला है। थोड़ी बहुत गलती हो जाती है। हमारा उद्देश्य यही रहता है कि जो आप लोग खेल देख रहे हो अगर उसे हम लोग ठीक तरह से बयां कर सकें वो ही हमारा उद्देश्य होता है। बहुत बार लोग हमें लिखते हैं कि हिंदी कमेंट्री न शेरों शायरी का अड्डा बन गया है। वहां शेरों शायरी ज्यादा हो रही है। मैंने उसकों गंभीरता से लिया कि बिल्कुल यार ऐसे नहीं होना चाहिए। क्रिकेट देखने वाला प्रेमी है जो उसे वह जानने में दिलचस्पी है कि क्या हो रहा है खेल में। मेरा और कुछ हमारे कलीग का प्रयास यही रहता है कि हम खेल पर ज्यादा फोकस करें और खेल पर ही बात करें। ज्यादा से ज्यादा बात वो करें जो दर्शक सुनना चाहते हैं। शैरी पा (नवजोत सिंह सिद्धू) करते हैं और उनके मुंह पर जचती है। अगर हर कोई उनकी तरह करने जाएगा वो कोई कर नहीं पाएगा।
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03:23 PM, 10-Jun-2025
हरभजन ने सुनाया गांगुली से जुड़ा मजेदार किस्सा
हमारी टीम में मैं, युवी और आशीष नेहरा थे। हमारा गुट था जो टीम में मस्ती करता था। हमने एक बाद गांगुली को अप्रैल फूल बनाया था। हमने पेपर कटिंग्स तैयार किए थे जिसमें लिखा था कि युवराज बहुत पार्टी करता है, हरभजन सिंह गंभीर नहीं है, नेहरा अभ्यास सत्र में नहीं आता। हमने सभी को साथ में लिया और बताया कि हम आज ये मुद्दा रखेंगे। हमन बात की ड्रेसिंग रूम में कि दादा (गांगुली) आप ये क्या बोल रहे हो पब्लिक में जाकर हमारे लिए। ये क्या-क्या छपा है। दादा ने कहा कि मैंने इस तरह की बात ही नहीं की।
उन्होंने आगे कहा, मैंने कहा कि अगर आपने बात नहीं की तो ये अखबार में कैसे छपा। हमने इस मामले में सचिन तेंदुलकर को भी लिया। मैंने कहा कि पाजी ये गलत बात है। मैंने कहा कि हम ऐसे नहीं खेलेंगे। मैंने फिर बैग उठाया और चल दिया, उधर से राहुल ने भी बोला कि दादा ये सही नहीं है। सचिन ने भी यही कहा। मैंने बैग उठाया, मैंने चलना शुरू किया, युवी ने भी ऐसा ही किया। दादा घबरा गए। जैसे ही हम रूम से बाहर निकले, दादा पीछे से आए और बोले कि भगवान कसम मैंने ऐसा नहीं किया है। अगर मैंने ऐसा कहा होगा तो क्रिकेट छोड़ दूंगा। मैंने फिर दादा से कहा कि सॉरी हम मजाक कर रहे थे, लेकिन हमारे सीनियर खिलाड़ी इतने अच्छे थे कि वे हमें छूट देते थे कि हम मजाक कर सकें। ये एक परिवार की तरह था।
03:15 PM, 10-Jun-2025
ऐसा कहा जा रहा है टी20 क्रिकेट में ऑफ स्पिनर की जगह बहुत कम है। जो मुरलीधरन थे, जो सकलेन थे, जो आप रहे, अब इस तरह के स्पिनर नहीं आ पाएंगे, क्योंकि टी20 क्रिकेट बहुत हो रही है। आप क्या कहेंगे?
ऐसा कहा जाता है कि ऑफ स्पिनर बहुत आसान है खेलने के लिए, लेकिन जिन लोगों को ये लगता है, वो आइए जरा मैदान में। सामना तो मैदान में ही होगा न। वीरेंद्र सहवाग ने कई बार बोला कि मैं ऑफ स्पिनर को गेंदबाज नहीं मानता। मैंने कहा भाई ऐसा है तू बल्लेबाज बहुत बड़ा है, लेकिन जिस दिन मैदान में मुकाबला हुआ देख लेंगे। एक बार तू जीतेगा एक बार मैं जीतूंगा। ये अब आईपीएल में नहीं हो रहा है। ऑफ स्पिनर का नहीं आना मेंटैलिटी पर निर्भर है। अब कप्तान सोचते हैं कि ऑफ स्पिनर से नहीं कराना है। हम उन्हें इतना विश्वास ही नहीं दे रहे कि आप कर सकते हो। एक लड़का है जो अंडर 19 में बहुत अच्छा कर रहा है। पंजाब से ही है। हम उसको देखेंगे भारत के लिए खेलते हुए दो चार साल में। सरदार जी ही है। बहुत बढ़िया गेंदबाज है। अभी वह भारतीय अंडर-19 में इंग्लैंड दौरे के लिए भी सेलेक्ट हुआ है। उनको देखेंगे भारत के लिए खेलते हुए, वह ऑफ स्पिनर हैं।
03:12 PM, 10-Jun-2025
विराट और रोहित की कप्तानी में कोई फर्क देखा?
भारतीय टीम बेहतर होती गई। 2001 की सीरीज के बाद भरोसा जगा कि हम अच्छा कर सकते हैं। तो आने वाली जनरेशन देख रही है कि हमें बेहतर करना है। जो विराट कोहली की टीम ने किया, जो हमने ऑस्ट्रेलिया में किया पूरी दुनिया ने उसे देखा। विराट कोहली की कप्तानी वाला दौर टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए सबसे बेहतरीन दौर में से एक रहा है। इस दौर में भारत ने शानदार क्रिकेट खेली। क्रिकेट टेस्ट क्रिकेट पर खड़ा है। स्तंभ है, क्योंकि इसमें पांचों दिनों तक आपकी परीक्षा होती है। हर तरह की परीक्षा इसमें होती है, मानसिक तौर पर शारीरिक तौर पर परीक्षा होती है और ऐसे में भारतीय टीम ने डोमिनेट किया।03:10 PM, 10-Jun-2025
जब आप टीम में आए सौरव गांगुली कप्तान थे। गांगुली ने एक टीम बनाई। फिर आपने द्रविड़ के साथ खेला। फिर एमएस धोनी आए। इन कप्तानों के कैसे आंकते हैं? कैसी रही इनकी कप्तानी?
क्रिकेट इतना बड़ा स्पोर्ट्स है इस देश में, हम सब क्रिकेट की वजह से हैं और आप सब लोगों की वजह से हैं। आप लोग इस गेम को इतना देखते हो, इससे प्यार करते हो तभी तो यह खेल बढ़ता है। आज जब भी कोई मैच होता है और आप जुड़ते हो तो ये दिखाता है कि हम एक हैं। एकजुट हम प्रार्थना करते हैं कि भारत जीत जाए। वहां न तो कोई धर्म है, क्योंकि हर कोई भारत की जीत चाहता है। इसी तरह आम जिंदगी में भी अगर हम एक हो जाएं तो भारत तो जीतेगा ही। अब मैं आपके सवाल पर आता हूं। क्रिकेट का वो दौर जो था वहां मैच फिक्सिंग वाला स्कैंडल हुआ। आप सभी निराश हुए कि क्रिकेट में ये सब होता है। लोगों को दोबारा मैदान में लाने के लिए आपको उनका भरोसा जीतना होगा और यह दिखाना होगा कि आप जीतोगे। कहां जीतोगे, जब आप अपने से बड़े पहलवान को हराओगे। जब हमने ऑस्ट्रेलिया को हराया तो लोगों को लगा कि हमारी टीम में दम है। ये वो वाली टीम नहीं है। कुछ व्यक्तिगत लोग थे जो गलत काम करके पैसे बनाना चाहते थे, लेकिन अगर इसे ठीक तरीके से खेलें तो इससे बढ़िया कुछ नहीं है। इसमें नाम शोहरात सबकुछ है। जब देश के लिए खेलते हो तो साफ पाक रहकर खेलना है। अपनी जमीर को नहीं बेचना है। 2001 की वह सीरीज ने लोगों में यकीन जगाया कि यह टीम जीत सकती है। गांगुली ने वह टीम बनाई थी। धोनी ने इसे आगे बढ़ाया। आज 14 साल का लड़का वैभव सूर्यवंशी ने शतक लगाया, यह कितनी बड़ी बात है। आपने देखा या नहीं, स्टेडियम में वैभव का बैनर लिए एक लड़का बैठा था और उस पर लिखा था कि 2030 मैं आपका बैटिंग पार्टनर बनूंगा। वो कितना बड़ा ख्वाब देख रहा है। मैंने कहा न ख्वाब सच होते हैं और उनके होते हैं जो इसे देखते हैं। यह हर उस बच्चे के लिए है जो कुछ बड़ा करने का ख्वाब देखता है। जब वैभव किसी गांव से निकलकर खेल सकता है तो सिर्फ लगन होनी चाहिए और रास्ता होना चाहिए।