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Bhopal: ड्रग्स उद्योग के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन, दूसरे राज्यों के पुलिस की कार्रवाई पर भोपाल पुलिस से सवाल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Tue, 19 Aug 2025 07:17 PM IST
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सार
बढ़ते ड्रग्स के मामले को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजधानी भोपाल में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पुतला जलाकर विरोध किया गया। कार्यकर्ताओं कहा कि भोपाल शहर में कमिश्नर प्रणाली हैं उसके बाद भी नशे का कारोबार फल फूल रहा है।

कांग्रेस का प्रदर्शन
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
राजधानी भोपाल में ड्रग्स के मामले सामने आए हैं। इसे लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने राजधानी भोपाल में विरोध प्रदर्शन किया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी के नेतृत्व में सरकार का पुतला जलाकर विरोध किया गया। इस दौरान त्रिपाठी ने कहा कि यह विरोध लगातार बढ़ते ड्रग्स के मामलों और प्रदेश सरकार की चुप्पी को लेकर दर्ज किया गया है। भोपाल शहर में कमिश्नर प्रणाली हैं उसके बाद भी नशे का कारोबार राजधानी में भारी पुलिस व्यवस्था के बीच फल फूल रहा है प्रदेश में नशे का कारोबार बेलगाम होता जा रहा है।
यह है कांग्रेस का प्रमुख आरोप
1. पहले बगरोदा क्षेत्र में संचालित ड्रग फैक्ट्री का खुलासा गुजरात एटीएस द्वारा किया गया था, जबकि प्रदेश की पुलिस और खुफिया तंत्र पूरी तरह नाकाम साबित हुए।
2. अब एकबार फिर भोपाल में डीआरआई (राजस्व खुफिया निदेशालय) द्वारा भारी मात्रा में ड्रग्स की खेप पकड़ी गई है, जो यह दर्शाता है कि प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन नशे के कारोबार पर कोई अंकुश नहीं लगा पा रहे।
3. यासिन मामले में नशे के बड़े नेटवर्क और प्रभावशाली लोगों के नाम सामने आए, लेकिन सरकार द्वारा उन्हें बचाने की कोशिश की जा रही है।
यह भी पढ़ें-डीईओ कार्यालय में NSUI का प्रदर्शन, बोले-NCERT मॉड्यूल में भारत विभाजन का जिम्मेदार कांग्रेस को बताया
युवाओं को नशे की जाल में धकेल दिया
विवेक त्रिपाठी ने कहा कि राजधानी में लगातार ड्रग्स पकड़ाए जाने और यासिन जैसे मामलों से यह साफ हो गया है कि सरकार का तंत्र माफियाओं के सामने पंगु और मौन है। त्रिपाठी ने कहा कि सरकार की नाकामी ने प्रदेश के युवाओं को नशे की जाल में धकेल दिया है। जब राजधानी भोपाल ही ड्रग्स का गढ़ बन चुकी है और यासिन कनेक्शन जैसे मामले सामने आ रहे हैं, तो पूरे प्रदेश की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
यह भी पढ़ें-पितृपक्ष पर यात्रियों के लिए विशेष सुविधा, रानी कमलापति से गया के लिए चलेगी पितृपक्ष स्पेशल ट्रेन
कांग्रेस की प्रमुख मांगें
1. मध्यप्रदेश में एक विशेष सेल (Special Cell) का गठन किया जाए, जिसमें ड्रग्स से संबंधित किसी भी सूचना पर तत्काल प्रभाव से कार्यवाही हो।
2. इस विशेष सेल में शिकायतकर्ता की जानकारी पूर्णतः गोपनीय रखी जाए।
3. ड्रग्स बेचने वालों, खरीदने वालों और तस्करों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कठोर कार्यवाही की जाए।
4. जिन नेताओं और प्रभावशाली लोगों का संबंध ड्रग्स माफियाओं से है, उनकी संपत्तियों की जांच की जाए और अवैध संपत्ति जब्त की जाए।
5. ड्रगस माफियाओ से नजदीकी रखने वाले भाजपा नेताओं की संप्पति की जाँच की जाए।

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यह है कांग्रेस का प्रमुख आरोप
1. पहले बगरोदा क्षेत्र में संचालित ड्रग फैक्ट्री का खुलासा गुजरात एटीएस द्वारा किया गया था, जबकि प्रदेश की पुलिस और खुफिया तंत्र पूरी तरह नाकाम साबित हुए।
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2. अब एकबार फिर भोपाल में डीआरआई (राजस्व खुफिया निदेशालय) द्वारा भारी मात्रा में ड्रग्स की खेप पकड़ी गई है, जो यह दर्शाता है कि प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन नशे के कारोबार पर कोई अंकुश नहीं लगा पा रहे।
3. यासिन मामले में नशे के बड़े नेटवर्क और प्रभावशाली लोगों के नाम सामने आए, लेकिन सरकार द्वारा उन्हें बचाने की कोशिश की जा रही है।
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युवाओं को नशे की जाल में धकेल दिया
विवेक त्रिपाठी ने कहा कि राजधानी में लगातार ड्रग्स पकड़ाए जाने और यासिन जैसे मामलों से यह साफ हो गया है कि सरकार का तंत्र माफियाओं के सामने पंगु और मौन है। त्रिपाठी ने कहा कि सरकार की नाकामी ने प्रदेश के युवाओं को नशे की जाल में धकेल दिया है। जब राजधानी भोपाल ही ड्रग्स का गढ़ बन चुकी है और यासिन कनेक्शन जैसे मामले सामने आ रहे हैं, तो पूरे प्रदेश की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
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कांग्रेस की प्रमुख मांगें
1. मध्यप्रदेश में एक विशेष सेल (Special Cell) का गठन किया जाए, जिसमें ड्रग्स से संबंधित किसी भी सूचना पर तत्काल प्रभाव से कार्यवाही हो।
2. इस विशेष सेल में शिकायतकर्ता की जानकारी पूर्णतः गोपनीय रखी जाए।
3. ड्रग्स बेचने वालों, खरीदने वालों और तस्करों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कठोर कार्यवाही की जाए।
4. जिन नेताओं और प्रभावशाली लोगों का संबंध ड्रग्स माफियाओं से है, उनकी संपत्तियों की जांच की जाए और अवैध संपत्ति जब्त की जाए।
5. ड्रगस माफियाओ से नजदीकी रखने वाले भाजपा नेताओं की संप्पति की जाँच की जाए।