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Bhopal: भांजे-भांजियों इनोवेशन करो मामा हमेशा तुम्हारे साथ है,मैनिट के विद्यार्थियों से बोले केन्द्रीय मंत्री

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: संदीप तिवारी Updated Fri, 12 Sep 2025 08:12 PM IST
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सार

केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मैनिट के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि, तुम में से हर एक को बड़े से बड़ा काम करना है, तुम कर सकते हो। मैनिट के बच्चों के उत्साह और प्रेम ने मुझे नई ऊर्जा से भर दिया है। आप इनोवेशन करें, आगे बढ़ें, मामा हमेशा तुम्हारे साथ है।

Bhopal: Nephews and nieces, do innovation, uncle is always with you, Union Minister told MANIT students
केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को भोपाल के मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) में आयोजित अन्तर-महाविद्यालयीन हिन्दी महोत्सव तूर्यनाद'25 कार्यक्रम में सहभागिता की। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने मैनिट के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि, तुम में से हर एक को बड़े से बड़ा काम करना है, तुम कर सकते हो। क्योंकि तुम केवल साढ़े तीन हाथ के हाड़-मांस के पुतले नहीं हो, अपने अंदर झांककर देखो। तुम ईश्वर के अंश हो, अमृत के पुत्र हो, अनंत शक्तियों के भंडार हो, अमर आनंद के भागी हो। दुनिया में कोई ऐसा काम नहीं है जो तुम न कर सको। उन्होंने कहा कि, मैं अपने प्यारे भांजे-भांजियों से मंत्री नहीं बलिक मामा के रूप में मिलता हूं। मैनिट के बच्चों के उत्साह और प्रेम ने मुझे नई ऊर्जा से भर दिया है। आप इनोवेशन करें, आगे बढ़ें, मामा हमेशा तुम्हारे साथ है। 
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अपनी संस्कृति और संस्कार मत भूलो
शिवराज सिंह ने कहा कि, हम अपनी भाषा क्यों भूलें? हर देश को अपनी भाषा पर गर्व है, हमें भी गर्व है। हिन्दी हमारी भाषा है। हम अंग्रेज़ी भी सीखेंगे कोई विरोध नहीं है, लेकिन आप देखिए कि, अटल बिहारी वाजपेयी संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी में बोले, सम्मान कम नहीं हुआ बल्कि बढ़ा था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हर जगह हिन्दी में बात करते हैं। चीन के राष्ट्रपति हों, रूस के राष्ट्रपति हों, वो हमेशा रूसी और चीनी में बात करते हैं, उसमें क्या दिक्कत है। मैं जहां भी गया, दुनिया के जिस देश में, मैंने भी हिन्दी में ही बोला, इसके कारण मेरी इज्जत बढ़ी। इसलिए अपनी भाषा, संस्कृति, जीवन मूल्य, परम्पराएं, संस्कार मत भूलो। साथ ही उन्होंने कहा कि, मैंने हमेशा एक-एक परंपरा का निर्वाह किया। हो सकता है लोग तर्पण का मजाक उड़ाएं, लेकिन जिनके कारण हम पैदा हुए हैं उनको भूल जाना चाहिए क्या..? उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट नहीं करना चाहिए क्या? उनका आभार नहीं मानना चाहिए क्या..? ये परंपरा है। इन परंपराओं को बनाए रखते हुए मैं अपनी भाषा पर गर्व करता हूं।
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हमारा देश दुनिया को दिशा दिखाएगा
शिवराज सिंह ने कहा कि, हमारे देश पर दुनिया के एक देश ने दबाव बनाने का प्रयास किया था, लेकिन आज का भारत दुनिया के सामने शीश नहीं झुकाता दुनिया की आंखों में आंखें डालकर बात करता है। हमारे प्रधानमंत्री ने कह दिया कि, राष्ट्र के हितों से साथ कोई समझौता नहीं, किसान, मछुआरे, पशुपालक उनके हित सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने कहा कि, पहलगाम में निर्दोष नागरिकों को मार दिया गया, हमने भी संकल्प लिया कि, आतंक के आकाओं को छोड़ेंगे नहीं, और सटीक निशाना लगाकर हमारी मिसाइल और ड्रोन ने महज़ 22 मिनट में आतंकी अड्डों को मिट्टी के ढेर में तब्दील कर दिया। और इस कारयराना हरकत को अंजाम देने वाले आतंकियों को सीधे सिर में गोली मारी। आज भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है हमको इस देश को तेजी से आगे ले जाना है। आज अपनी अर्थव्यवस्था दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, गर्व होता है जब हम देखते हैं वो देश जिसने कभी हम पर राज किया था। आज अर्थव्यवस्था में हमसे पीछे रह गए। बहुत ही जल्दी हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाले हैं और मोदी जी ने विकसित भारत का संकल्प लिया है। आज मैं आत्मविश्वास से भरकर इस मंच से कह रहा हूं कि, वर्ष 2047 तक भारत पूर्णतः विकसित होगा और हम दुनिया में नंबर 1 होंगे।  


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आज देश के लिए जीने की जरूरत
केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि, आज हमें देश के लिए जीने की जरूरत है। जब देश गुलाम था तब मरने की जरूरत थी, जिन्होंने अपनी जान देकर देश को आजाद किया आज वो ही कह रहे हैं देश के लिए जियो और देश के लिए जीने का एक तरीका है। वो ये है कि, अपनी जरूरत की जितनी चीजें हैं वो अपने देश में ही बनी खरीदो। इंपोर्टेड के चक्कर में क्यों पड़े, लोग हमारी अर्थव्यवस्था को धक्का देने की कोशिश कर रहे हैं मुझे गर्व है पिछले तिमाही में भारत की जीडीपी 7.8% बढ़ी। सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हमारी है, इसको और तेजी से आगे बढ़ाना है तो हम क्या योगदान दे सकते हैं, ये तो कर सकते हैं कि, अपने देश में ही बना सामान खरीदें। हमारा मंगलयान, गगनयान, हमारे स्वदेशी मोबाईल, अब तो हमने विक्रम चिप भी बना दी है। हम जो खरीदेंगे अपने देश में बना खरीदेंगे जो नहीं बनता आज नहीं तो कल उसको बनाएंगे, कोई कमी नहीं है, मैं तुम में भारत के भविष्य को देखता हूं।
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