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MP News: शहडोल में स्कूल मरम्मत घोटाला: शिक्षा मंत्री ने दिए जांच के आदेश, दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Sun, 06 Jul 2025 10:51 AM IST
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सार

मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में सरकारी स्कूलों की मरम्मत के नाम पर सामने आए लाखों रुपये के फर्जीवाड़े ने शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सकंदी और निपनिया गांव के स्कूलों में मरम्मत कार्य के लिए सैकड़ों मजदूरों और मिस्त्रियों की फर्जी एंट्री दिखाकर भुगतान किया गया। इस घोटाले के उजागर होने के बाद स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने तत्काल जांच के निर्देश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की बात कही है।

MP News: School repair scam in Shahdol: Education Minister orders investigation, strict action will be taken a
मंत्री राव उदय प्रताप सिंह - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में सरकारी स्कूलों की मरम्मत के नाम पर भारी गड़बड़ी सामने आने के बाद स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। मंत्री ने स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार में किसी भी तरह की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि उनके संज्ञान में शहडोल के ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र के दो सरकारी स्कूलों सकंदी हाई स्कूल और निपनिया उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में मेंटेनेंस के नाम पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव और लोक शिक्षण आयुक्त को तत्काल जांच करने के निर्देश दिए हैं।
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ये है मामला
ब्यौहारी जनपद की इन दोनों शालाओं में अनुरक्षण कार्य जैसे पुताई और खिड़की-दरवाजों की फिटिंग के लिए सैकड़ों मजदूरों और मिस्त्रियों को कार्यरत दिखाकर लाखों रुपये का भुगतान कर लिया गया। सकंदी हाई स्कूल में केवल 4 लीटर पेंट के लिए 168 मजदूर और 65 मिस्त्री दिखाए गए और 1,06,984 का भुगतान कर दिया गया। वहीं निपनिया स्कूल में 20 लीटर पेंटिंग, 10 खिड़कियां और 4 दरवाजे लगाने के लिए 275 मजदूर और 150 मिस्त्री दिखाकर 2,31,685 की राशि स्वीकृत की गई।
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बिल से पहले मिली मंजूरी
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि निपनिया स्कूल के बिल को 5 मई 2025 को ठेकेदार ‘सुधाकर कंस्ट्रक्शन’ ने तैयार किया, लेकिन स्कूल प्राचार्य ने उसी बिल को एक माह पहले, 4 अप्रैल 2025 को ही सत्यापित कर दिया। इस फर्जी प्रक्रिया पर अब सवाल उठाए जा रहे हैं। शिक्षा मंत्री ने दोहराया है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। प्रशासन ने सभी दस्तावेज जब्त कर जांच शुरू कर दी है। अब नजर इस बात पर है कि क्या वाकई जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होगी या यह भी लीपापोती तक सिमट जाएगा।
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