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Muslim Reservation: शिवराज बोले- कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता सरकार को लगाया 'तमाचा', वह खुद को क्या समझती हैं?

न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: अरविंद कुमार Updated Thu, 23 May 2024 07:03 PM IST
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सार

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलकत्ता हाईकोर्ट के मुस्लिम आरक्षण संबंधी फैसले को ममता सरकार के लिए तमाचा करार दिया। साथ ही यह भी आरोप लगाया कि वह खुद को संविधान के ऊपर समझने लगी हैं।

Shivraj Singh commented on Mamata Banerjee on decision of Calcutta High Court regarding Muslim reservation
शिवराज सिंह चौहान और ममता बनर्जी - फोटो : अमर उजाला
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मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पश्चिम बंगाल में मुसलमानों को ओबीसी आरक्षण देने के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। साथ ही इसे पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार के लिए तमाचा करार दिया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करने वाली ममता जी की कलई खुल गई है। तुष्टिकरण पर उतारु ममता बनर्जी हाईकोर्ट के फैसले को मानने के बजाय कह रही हैं कि मैं ये फैसला नहीं मानती हूं। यह फैसला लागू नहीं होगा। क्या ये संविधान का अपमान नहीं है? ममता बनर्जी अपने आप को समझती क्या हैं?

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दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए शिवराज ने कहा कि क्या ममता संविधान के ऊपर हैं? आजादी के बाद से आज तक संवैधानिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति ने कभी यह नहीं कहा कि मैं कोर्ट के फैसले को नहीं मानूंगा। ये अहंकार और अराजकता की पराकाष्ठा है। धर्म के आधार पर आरक्षण देने वाली मुख्यमंत्री (ममता बनर्जी) को एक दिन भी पद पर रहने का अधिकार नहीं है। धर्म के आधार पर आरक्षण देने की व्यवस्था संविधान में नहीं है। सिर्फ अपने वोट बैंक को बनाए रखने के लिए ओबीसी का आरक्षण छीनकर एक विशेष धर्म के लोगों को देना क्या न्याय संगत है? 
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कांग्रेस पर भी बरसे शिवराज
शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाया कि कोलकाता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 2010 के बाद से अल्पसंख्यकों को जो ओबीसी सर्टिफिकेट जारी किये थे, उन्हें रद्द करने का फैसला सुनाया है। सत्ता संभालते ही ममता जी ने वोट बैंक की राजनीति की। ओबीसी सर्टिफिकेट बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं तक के बना दिए। 118 जातियों को ओबीसी श्रेणी में डाला और बिना किसी नियम का पालन करते हुए अल्पसंख्यकों को भी ओबीसी सर्टिफिकेट दे दिए। इसे पश्चिम बंगाल के हाईकोर्ट ने असंवैधानिक बताया है और उसे रद्द करने का फैसला किया है। कांग्रेस शासित राज्यों ने आंध्रप्रदेश और कर्नाटक में भी ओबीसी के हकों पर डाका डालकर अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने का पाप और अपराध किया है।

राहुल को भी घेरा
शिवराज ने कहा कि ये कांग्रेस की सरकार थी, जिसने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया इस्लामिया जैसे शिक्षण संस्थानों में ओबीसी, दलित और आदिवासियों के आरक्षण को खत्म करने का पाप किया है। राहुल गांधी जी ने भी एक बड़ा सच स्वीकार किया। उन्होंने 'संविधान सम्मान सम्मेलन' में स्वयं कहा कि पूरा सिस्टम लोअर क्लास के खिलाफ है। मैं अंदर रहकर सिस्टम को देख रहा हूं। इसका मतलब है कि पंडित जवाहर लाल नेहरू जी ने, इंदिरा जी हों, राजीव जी हों और बाद में मनमोहन सिंह हों, राहुल गांधी जी ने सिस्टम को अंदर रहकर देखा है। अब बोल रहे हैं कि पूरा सिस्टम लोअर क्लास के खिलाफ है।

क्या है मामला
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में मुसलमानों को ओबीसी मानते हुए आरक्षण देने के ममता बनर्जी सरकार के फैसले को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने आरक्षण प्रक्रिया को असंवैधानिक करार दिया। यह भी कहा कि मुसलमानों के 77 वर्गों को ओबीसी में शामिल करना पूरे मुस्लिम समुदाय का अपमान है। अदालत का मन इस संदेह से मुक्त नहीं है कि राजनीतिक लाभ के लिए मुसलमानों को कमोडिटी के रूप में समझा गया है। इस फैसले को बंगाल के मुस्लिमों के लिए बड़ा झटका देखा जा रहा है। वहीं, भाजपा ने इस मुद्दे पर ममता के साथ-साथ कांग्रेस को भी निशाने पर लिया है, जिसने आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में इसी तरह के फैसले लिए हैं। कोर्ट के फैसले का असर करीब पांच लाख लोगों पर पड़ेगा। इसमें एक बड़ा हिस्सा मुस्लिमों का होगा।

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