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Datia: बहुचर्चित सामूहिक हत्याकांड में सात आरोपियों को 11 बार आजीवन कैद, दो आरोपियों को 10-10 साल की सजा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दतिया
Published by: दिनेश शर्मा
Updated Thu, 26 Dec 2024 10:08 PM IST
सार
राजगढ़ चौराहे पर 2003 में हुए सामूहिक हत्याकांड में कोर्ट ने 7 आरोपियों को 11 बार आजीवन कारावास और 2 आरोपियों को 10-10 साल की सजा सुनाई। 100-150 राउंड फायरिंग में 11 लोग घायल हुए थे, जिनमें से 4 की मौत हो गई थी। मामले में 2 आरोपी फरार हैं।
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दतिया में हत्या के दोषियों को कोर्ट ने 11 बार उम्रकैद की सजा सुनाई है।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
21 साल पहले राजगढ़ चौराहे पर हुए बहुचर्चित सामूहिक हत्याकांड के मामले में कोर्ट ने गुरुवार फैसला सुनाया। विशेष न्यायाधीश राजेश भंडारी की न्यायालय ने सात आरोपियों को 11 बार आजीवन कारावास और दो आरोपियों को 10-10 साल की सजा और जुर्माने से दंडित किया है। मामले में कुल 13 आरोपी थे, जिनमें से दो लोगों की मौत हो चुकी थी, वहीं दो अन्य आरोपी फरार हैं।
वकील पंकज मिश्रा ने बताया कि 23 अप्रैल 2003 की दोपहर 1:30 बजे सतेन्द्र सिंह बुंदेला उर्फ भैया राजा, राधा वल्लभ दांगी, धर्मेन्द्र कमरिया और मोजी तिवारी अपने अन्य साथियों के साथ दो जीप में बैठकर न्यायालय से पेशी कर के लौट रहे थे। इस दौरान आरोपी राजगढ़ चौराहे के पास हथियारों से लैस पहले से वहां मौजूद थे। जैसे ही उनकी जीप राजगढ़ चौराहे पर पहुंची, तो आरोपियों ने रास्ता बंद कर फायरिंग शुरू कर दी। आरोपियों ने रायफल से करीब 100-150 राउंड फायरिंग की थी। इसमें कुल 11 लोगों को गोलियां लगी थी।
फायरिंग के दौरान आरोपियों ने सतेन्द्र सिंह बुंदेला उर्फ भैया राजा और राधावल्लभ दांगी के पास जाकर सिर में कई गोलियां मारी थी, जिससे मौके पर ही दोनों की मौत हो गई थी। वहीं अस्पताल में इलाज के दौरान मोजी तिवारी और धर्मेन्द्र तिवारी की भी मौत हो गई थी। वहीं सात अन्य लोग गंभीर घायल हो गए। इसके बाद कोतवाली पुलिस ने आरोपियों पर हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की और आरोपियों को गिरफ्तार कर चार्ज शीट न्यायालय में प्रस्तुत की। गुरुवार को न्यायालय ने आरोपियों को दोषी पाते हुए दंडित किया है।
विशेष न्यायाधीश राजेश भंडारी की न्यायालय ने आरोपी पूर्व सरपंच महेश यादव, बलवीर सिंह यादव, अतरसिंह यादव, मुन्ना यादव, बरजोर सिंह यादव, मुकेश टांडोरिया (यादव), वनमाली यादव, हत्या का दोषी पाते हुए 4 बार आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है। इसके अलावा हत्या के प्रयास में सात बार अलग से आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं आरोपी दौलत सिंह यादव, राकेश यादव को अपराध में षडयंत्र का दोषी पाते हुए 10-10 साल की सजा और जुर्माने से दंडित किया है।
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वकील पंकज मिश्रा ने बताया कि 23 अप्रैल 2003 की दोपहर 1:30 बजे सतेन्द्र सिंह बुंदेला उर्फ भैया राजा, राधा वल्लभ दांगी, धर्मेन्द्र कमरिया और मोजी तिवारी अपने अन्य साथियों के साथ दो जीप में बैठकर न्यायालय से पेशी कर के लौट रहे थे। इस दौरान आरोपी राजगढ़ चौराहे के पास हथियारों से लैस पहले से वहां मौजूद थे। जैसे ही उनकी जीप राजगढ़ चौराहे पर पहुंची, तो आरोपियों ने रास्ता बंद कर फायरिंग शुरू कर दी। आरोपियों ने रायफल से करीब 100-150 राउंड फायरिंग की थी। इसमें कुल 11 लोगों को गोलियां लगी थी।
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फायरिंग के दौरान आरोपियों ने सतेन्द्र सिंह बुंदेला उर्फ भैया राजा और राधावल्लभ दांगी के पास जाकर सिर में कई गोलियां मारी थी, जिससे मौके पर ही दोनों की मौत हो गई थी। वहीं अस्पताल में इलाज के दौरान मोजी तिवारी और धर्मेन्द्र तिवारी की भी मौत हो गई थी। वहीं सात अन्य लोग गंभीर घायल हो गए। इसके बाद कोतवाली पुलिस ने आरोपियों पर हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की और आरोपियों को गिरफ्तार कर चार्ज शीट न्यायालय में प्रस्तुत की। गुरुवार को न्यायालय ने आरोपियों को दोषी पाते हुए दंडित किया है।
विशेष न्यायाधीश राजेश भंडारी की न्यायालय ने आरोपी पूर्व सरपंच महेश यादव, बलवीर सिंह यादव, अतरसिंह यादव, मुन्ना यादव, बरजोर सिंह यादव, मुकेश टांडोरिया (यादव), वनमाली यादव, हत्या का दोषी पाते हुए 4 बार आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है। इसके अलावा हत्या के प्रयास में सात बार अलग से आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं आरोपी दौलत सिंह यादव, राकेश यादव को अपराध में षडयंत्र का दोषी पाते हुए 10-10 साल की सजा और जुर्माने से दंडित किया है।

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