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भोजशाला विवाद: मां वाग्देवी का चित्र जब्त, पूजा की नहीं दी अनुमति,उर्स के लिए हो रही रंगाई-पुताई पर उठे सवाल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, धार
Published by: तरुणेंद्र चतुर्वेदी
Updated Tue, 02 Dec 2025 12:10 PM IST
सार
धार के प्राचीन भोजशाला का मामला एक बार फिर से चर्चा में आ गया। हंगामे के बीच समिति ने आरोप लगाया कि उर्स की तैयारी को लेकर भोजशाला क्षेत्र में बिना किसी अनुमति के रंगाई-पुताई की जा रही है, जो नियम विरुद्ध है।पुलिस-प्रशासन ने दोनों पक्षों से शांति की अपील की है।
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प्राचीन भोजशाला में फिर हंगामा।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्य प्रदेश में स्थित धार के प्राचीन भोजशाला में मंगलवार सुबह एक बार फिर हंगामे की स्थिति बन गई, जब पूर्व की तरह हिंदू समाज दर्शन-पूजन और हनुमान चालीसा पाठ करने पहुंचा। इस दौरान पुरातत्व विभाग (ASI) ने हिंदू समाज द्वारा ले जाए जा रहे मां वाग्देवी के तेल चित्र को जब्त कर लिया और उसे अंदर ले जाकर पूजन करने की अनुमति नहीं दी।
हिंदू समाज और भोज उत्सव समिति के सदस्यों ने बताया कि पूर्व में प्रयुक्त मां वाग्देवी का तेल चित्र आगामी वसंत पंचमी पर्व के लिए सुधार हेतु दिया गया है, इसलिए वे लोग पूजा के लिए दूसरा चित्र लेकर भोजशाला पहुंचे थे। उनका आरोप है कि ASI द्वारा नया चित्र जब्त कर धार्मिक आयोजन में बाधा डाली जा रही है।
बिना किसी अनुमति के रंगाई-पुताई की जा रही
समिति ने यह भी आरोप लगाया कि उर्स की तैयारी को लेकर भोजशाला क्षेत्र में बिना किसी अनुमति के रंगाई-पुताई की जा रही है, जो नियम विरुद्ध है, जबकि हिंदू समाज को लगातार दबाया जा रहा है। उनका कहना है कि यदि प्रशासन ने चित्र वापस नहीं किया और बिना अनुमति हो रही रंगाई-पुताई नहीं रोकी, तो हिंदू समाज उग्र आंदोलन करेगा।
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पहले ही स्थिति संवेदनशील बनी हुई है
23 जनवरी को शुक्रवार होने के कारण बसंत पंचमी उत्सव को लेकर पहले ही स्थिति संवेदनशील बनी हुई है। ऐसे में ASI द्वारा माता सरस्वती के नए तेल चित्र को जप्त किए जाने पर हिंदू संगठनों में गहरा आक्रोश देखा जा रहा है।
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हिंदू समाज और भोज उत्सव समिति के सदस्यों ने बताया कि पूर्व में प्रयुक्त मां वाग्देवी का तेल चित्र आगामी वसंत पंचमी पर्व के लिए सुधार हेतु दिया गया है, इसलिए वे लोग पूजा के लिए दूसरा चित्र लेकर भोजशाला पहुंचे थे। उनका आरोप है कि ASI द्वारा नया चित्र जब्त कर धार्मिक आयोजन में बाधा डाली जा रही है।
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बिना किसी अनुमति के रंगाई-पुताई की जा रही
समिति ने यह भी आरोप लगाया कि उर्स की तैयारी को लेकर भोजशाला क्षेत्र में बिना किसी अनुमति के रंगाई-पुताई की जा रही है, जो नियम विरुद्ध है, जबकि हिंदू समाज को लगातार दबाया जा रहा है। उनका कहना है कि यदि प्रशासन ने चित्र वापस नहीं किया और बिना अनुमति हो रही रंगाई-पुताई नहीं रोकी, तो हिंदू समाज उग्र आंदोलन करेगा।
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पहले ही स्थिति संवेदनशील बनी हुई है
23 जनवरी को शुक्रवार होने के कारण बसंत पंचमी उत्सव को लेकर पहले ही स्थिति संवेदनशील बनी हुई है। ऐसे में ASI द्वारा माता सरस्वती के नए तेल चित्र को जप्त किए जाने पर हिंदू संगठनों में गहरा आक्रोश देखा जा रहा है।