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Ujjain News: सीएम ने किया अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का शुभारंभ, डॉ. यादव बोले- श्री कृष्णम वंदे जगत गुरुम्
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन
Published by: उज्जैन ब्यूरो
Updated Mon, 01 Dec 2025 03:19 PM IST
सार
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीकृष्ण जगत गुरु हैं, जिन्होंने कर्मयोग और धर्म की स्थापना का संदेश दिया। उन्होंने भगवद गीता को जीवन का सर्वोत्तम मार्गदर्शक बताया और इसके नियमित पाठ की सलाह दी।
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मुख्यमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का शुभारंभ
- फोटो : credit
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विस्तार
भगवान श्रीकृष्ण के गुरु महर्षि सांदीपनि ने उनके गुणों को पहचाना तथा अपना सम्पूर्ण ज्ञान उन्हें दिया। भगवान श्रीकृष्ण इसके पश्चात ही जगत गुरुबने। कर्मयोग का ज्ञान देते हुए उन्होंने सम्पूर्ण विश्व में धर्म की स्थापना की और जन तंत्र के सबसे बड़े नायक बनें। कुरुक्षेत्र के युद्ध में श्रीकृष्ण की सेना को कौरवों की तरफ से युद्ध करना पड़ा था। युद्ध स्थल में विपरीत परिस्थितियों में भी डटकर संकट का सामना करने का संदेश हम सभी को श्रीकृष्ण ने दिया। श्रीकृष्ण ने सदैव हमें अन्याय के विरुद्ध लड़ना सिखाया है।
भगवत गीता में जीवन का सार है। इससे बढ़कर कोई ग्रंथ नहीं है। भगवत गीता हमें जीवन में कठिन समय में भी अपने कर्तव्य को निरंतर करते रहना सिखाती है। भगवत गीता में भगवान श्री कृष्ण के द्वारा दिये गये उपदेश हमारे जीवन का र्माग दर्शन करते हैं। कई समस्याओं का हल हमें भगवत गीता में मिल जाता है। भगवत गीता का पाठ हम सभी को नियमित रूप से करना चाहिए। भगवद गीता हमें ईश्वर का स्मरण करते हुए अपने कर्मों को करते रखना सिखाती है। यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज मुख्य अतिथि के रूप मे 3 दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन उज्जैन के दशहरा मैदान से किया गया।
ये भी पढ़ें- रायसेन में बड़ा हादसा, पिपरिया रोड पर बना नयागांव पुल भरभरा कर गिरा, दस लोग घायल
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर सभी को गीता जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जगत के गुरु भगवान श्रीकृष्ण को हम सभी नमन करते हैं। मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग के वीर भारत न्यास, जनसंपर्क विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, जेल विभाग, श्री कृष्ण पाथेय न्यास एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आगामी 3 दिसंबर तक दशहरा मैदान में किया जा रहा है। आज के आयोजन के दौरान संरक्षक एंव संस्थापक रामानुज कोट, संत स्वामी रंगनाथाचार्य महाराज, अध्यक्ष विश्व गीता प्रतिष्ठानम् स्वामी माधवप्रपन्नाचार्य महाराज, विधायक अनिल जैन कालुहेड़ा, संजय अग्रवाल, केंद्रीय परीक्षा प्रमुख ओमप्रकाश शर्मा, केंद्रीय स्वाध्याय प्रधान रमेश कोठारी, एडीपीसी गिरीश तिवारी, मुकेश जोशी, ईस्कॉन मंदिर के राघव पंडित, डॉ रमण सोलंकी एवं काफी संख्या में विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के विद्यार्थी, वेद पाठी बटुक, आचार्य और शिक्षकगण उपस्थित थे।
तीन दिनों तक होंगे यह आयोजन
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के अंतर्गत शाम 7 बजे दशहरा मैदान पर प्रसिद्ध कलाकार पुनीत इस्सर के निर्देशन में जय श्री कृष्ण-गीता सार नृत्य-नाट्य का मंचन किया जाएगा। मंगलवार 2 दिसंबर को शाम 7 बजे नई दिल्ली की कलाकार वैष्ण्वी शर्मा द्वारा विराटजयी-काव्य प्रसतुति दी जाएगी। इसके पश्चात मोहित शेवानी के निर्देशन में कृष्णायन नाट्य का मंचन किया जाएगा। बुधवार 3 दिसंबर को शाम 7 बजे विश्ववंदनीय नाट्य का मंचन किया जाएगा। इसकी परिकल्पना और आलेखन डॉ. वीनस तरकसवार द्वारा किया गया है और इसका संगीत और निर्देशन उमेश तरकसवार द्वारा किया जाएगा। साथ ही सुश्री श्वेता देवेन्द्र द्वारा भरतनाट्यम, क्षमा मालवीय द्वारा कथक और कविता शाजी, द्वारा मोहिनीअट्टम नृत्य कि प्रस्तुती दी जायेगी। इसके बाद सलाउद्दीन पाशा द्वारा गीता ऑन व्हील्स नाट्य का मंचन किया जाएगा। महोत्सव में माधव दर्शनम-लघु चित्र शैलियों में चित्रों की प्रदर्शनी लगाई जाएंगी। महोत्सव में प्रवेश पूर्णत: नि:शुल्क है।
पुरुषोत्तम योग का सस्वर पाठ किया
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर भगवान श्रीकृष्ण के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित किया। सम्राट विक्रमादित्य शोध पीठ के निदेशक और वीर भारत न्यास के सचिव डॉ. श्रीराम तिवारी ने मुख्यमंत्री एवं अन्य अतिथियों का सम्मान किया। इसके पश्चात भगवत गीता के 15 वें अध्याय पुरुषोत्तम योग का सस्वर पाठ किया गया।
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भगवत गीता में जीवन का सार है। इससे बढ़कर कोई ग्रंथ नहीं है। भगवत गीता हमें जीवन में कठिन समय में भी अपने कर्तव्य को निरंतर करते रहना सिखाती है। भगवत गीता में भगवान श्री कृष्ण के द्वारा दिये गये उपदेश हमारे जीवन का र्माग दर्शन करते हैं। कई समस्याओं का हल हमें भगवत गीता में मिल जाता है। भगवत गीता का पाठ हम सभी को नियमित रूप से करना चाहिए। भगवद गीता हमें ईश्वर का स्मरण करते हुए अपने कर्मों को करते रखना सिखाती है। यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज मुख्य अतिथि के रूप मे 3 दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन उज्जैन के दशहरा मैदान से किया गया।
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तीन दिनों तक होंगे यह आयोजन
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के अंतर्गत शाम 7 बजे दशहरा मैदान पर प्रसिद्ध कलाकार पुनीत इस्सर के निर्देशन में जय श्री कृष्ण-गीता सार नृत्य-नाट्य का मंचन किया जाएगा। मंगलवार 2 दिसंबर को शाम 7 बजे नई दिल्ली की कलाकार वैष्ण्वी शर्मा द्वारा विराटजयी-काव्य प्रसतुति दी जाएगी। इसके पश्चात मोहित शेवानी के निर्देशन में कृष्णायन नाट्य का मंचन किया जाएगा। बुधवार 3 दिसंबर को शाम 7 बजे विश्ववंदनीय नाट्य का मंचन किया जाएगा। इसकी परिकल्पना और आलेखन डॉ. वीनस तरकसवार द्वारा किया गया है और इसका संगीत और निर्देशन उमेश तरकसवार द्वारा किया जाएगा। साथ ही सुश्री श्वेता देवेन्द्र द्वारा भरतनाट्यम, क्षमा मालवीय द्वारा कथक और कविता शाजी, द्वारा मोहिनीअट्टम नृत्य कि प्रस्तुती दी जायेगी। इसके बाद सलाउद्दीन पाशा द्वारा गीता ऑन व्हील्स नाट्य का मंचन किया जाएगा। महोत्सव में माधव दर्शनम-लघु चित्र शैलियों में चित्रों की प्रदर्शनी लगाई जाएंगी। महोत्सव में प्रवेश पूर्णत: नि:शुल्क है।
पुरुषोत्तम योग का सस्वर पाठ किया
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर भगवान श्रीकृष्ण के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित किया। सम्राट विक्रमादित्य शोध पीठ के निदेशक और वीर भारत न्यास के सचिव डॉ. श्रीराम तिवारी ने मुख्यमंत्री एवं अन्य अतिथियों का सम्मान किया। इसके पश्चात भगवत गीता के 15 वें अध्याय पुरुषोत्तम योग का सस्वर पाठ किया गया।
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