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Umaria News: नौ महीने से बंद 210 मेगावॉट यूनिट, 14.06 करोड़ यूनिट बिजली का हुआ नुकसान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उमरिया
Published by: उमरिया ब्यूरो
Updated Thu, 08 May 2025 09:42 PM IST
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संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र

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गर्मियों की दस्तक के साथ ही प्रदेश में बिजली संकट गहराने की आशंका जताई जा रही है। उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली स्थित संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र की 210 मेगावॉट क्षमता वाली एक नंबर यूनिट बीते 9 महीनों से बंद पड़ी है। 4 अगस्त 2024 से ठप पड़ी इस यूनिट ने अब तक उत्पादन में करोड़ों की चपत पहुंचाई है।
जानकारों के अनुसार, इस यूनिट से प्रतिदिन औसतन 50.4 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होता है। ऐसे में अगर 4 अगस्त 2024 से 8 मई 2025 तक की अवधि को देखा जाए, तो कुल 279 दिन में लगभग 14.06 करोड़ यूनिट बिजली का नुकसान हुआ है। यह केवल उत्पादन की दृष्टि से नुकसान है, जबकि मेंटेनेंस और अन्य खर्चों को जोड़ें तो ये आंकड़ा और भी अधिक हो सकता है। बिजली उत्पादन में आई इस बाधा से केवल विभागीय अर्थव्यवस्था ही नहीं, बल्कि आम जनता पर भी असर पड़ने की संभावना है। गर्मियों में बढ़ती मांग के बीच यह यूनिट चालू नहीं हो सकी, तो लोड शेडिंग और अघोषित बिजली कटौती की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
ये भी पढ़ें- संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र में बढ़ाई गई सुरक्षा, अनावश्यक व्यक्तियों का प्रवेश वर्जित
जब इस संबंध में संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र के मुख्य अभियंता एच. के. त्रिपाठी से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि अगस्त माह में जनरेटर मोटर में तकनीकी खराबी आने के कारण यूनिट को बंद करना पड़ा। मरम्मत का कार्य प्रगति पर है और जून माह तक यूनिट को पुनः चालू कर दिया जाएगा। हालांकि, सूत्रों की मानें तो मेंटेनेंस के नाम पर हर साल लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं, बावजूद इसके इस तरह की तकनीकी खराबियों का बार-बार सामने आना प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि समय रहते समुचित निरीक्षण और पूर्वानुमान तकनीकों का उपयोग किया जाए, तो इस प्रकार की बड़ी तकनीकी विफलताओं से बचा जा सकता है।
ये भी पढ़ें- कर्तव्य में लापरवाही पर तहसीलदार डीएस मरावी पर एक्शन, दो वेतनवृद्धियां रोकने के आदेश
प्रदेश में लगातार बढ़ती ऊर्जा की मांग और सीमित उत्पादन क्षमताएं आने वाले समय में और भी बड़ी चुनौतियां खड़ी कर सकती हैं। ऐसे में आवश्यकता है कि थर्मल प्लांट्स के रखरखाव और संचालन में पारदर्शिता लाई जाए और समयबद्ध तरीके से क्षतिग्रस्त यूनिट्स को पुनः चालू किया जाए।
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जानकारों के अनुसार, इस यूनिट से प्रतिदिन औसतन 50.4 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होता है। ऐसे में अगर 4 अगस्त 2024 से 8 मई 2025 तक की अवधि को देखा जाए, तो कुल 279 दिन में लगभग 14.06 करोड़ यूनिट बिजली का नुकसान हुआ है। यह केवल उत्पादन की दृष्टि से नुकसान है, जबकि मेंटेनेंस और अन्य खर्चों को जोड़ें तो ये आंकड़ा और भी अधिक हो सकता है। बिजली उत्पादन में आई इस बाधा से केवल विभागीय अर्थव्यवस्था ही नहीं, बल्कि आम जनता पर भी असर पड़ने की संभावना है। गर्मियों में बढ़ती मांग के बीच यह यूनिट चालू नहीं हो सकी, तो लोड शेडिंग और अघोषित बिजली कटौती की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
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जब इस संबंध में संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र के मुख्य अभियंता एच. के. त्रिपाठी से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि अगस्त माह में जनरेटर मोटर में तकनीकी खराबी आने के कारण यूनिट को बंद करना पड़ा। मरम्मत का कार्य प्रगति पर है और जून माह तक यूनिट को पुनः चालू कर दिया जाएगा। हालांकि, सूत्रों की मानें तो मेंटेनेंस के नाम पर हर साल लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं, बावजूद इसके इस तरह की तकनीकी खराबियों का बार-बार सामने आना प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि समय रहते समुचित निरीक्षण और पूर्वानुमान तकनीकों का उपयोग किया जाए, तो इस प्रकार की बड़ी तकनीकी विफलताओं से बचा जा सकता है।
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