Diamond Benefits In Astrology: अक्सर लोगों को सोना, चांदी और हीरा पहनने का शौक होता है। इसमें हीरा सबसे कीमती होता है, जिसे पहनने की चाह हर कोई रखता है। हीरा दिखने में सफेद और पारदर्शी होता है, जिसकी चमक में हल्की नीली आभा झिलमिलाती रहती है। हालांकि यह रत्न हरे, पीले, नीले और लाल रंगों में भी मिलता है, लेकिन सबसे श्रेष्ठ सफेद हीरे को ही माना जाता है। अगर आप भी हीरा पहनना पसंद करते हैं, तो आपके लिए इसे पहनने के नियम और लाभ के बारे में जानना भी जरूरी है। यदि आप नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो आपके जीवन में इसके नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं।
Diamond: बिना सोचे समझे न पहनें हीरा, नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए जानें इसके नियम और महत्व
Diamond Gemstone Benefits: अगर आप भी हीरा पहनना पसंद करते हैं, तो आपके लिए इसे पहनने के नियम और लाभ के बारे में जानना भी जरूरी है। यदि आप नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो आपके जीवन में इसके नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में हीरे का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में हीरा पहने के कुछ नियम बताए गए हैं, जिसका पालन करना आवश्यक होता है। रत्न शास्त्र में हीरों को चार वर्गों रखा गया है, जिसे ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र । मान्यता है कि व्यक्ति को अपने वर्ण तथा जन्मपत्रिका के अनुरूप ही रत्न धारण करना चाहिए। हीरा चुनते समय उसकी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना जरूरी है, क्योंकि खराब गुण वाला हीरा शुभ फल नहीं देता। पीली छाया लिए हुए, टूटे या दरार युक्त किनारों वाला, धुंधला, तेलीय चमक वाला या लाल बिंदुओं से युक्त हीरा अशुभ माना गया है।
शुक्र ग्रह का प्रमुख रत्न
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हीरा, शुक्र ग्रह का प्रतिनिधि रत्न माना जाता है। यदि किसी की कुंडली में शुक्र कमजोर या पीड़ित हैं, तो उचित प्रक्रिया से हीरा धारण करने पर शुक्र संबंधी दोषों का प्रभाव कम किया जा सकता है।
शुक्र से जुड़ी समस्याएं, जैसे दांपत्य जीवन में तनाव, आकर्षण की कमी, यौन दुर्बलता, त्वचा रोग, प्रेम संबंधों में बाधा या गुप्त रोग, इन सभी से छुटकारा पाने के लिए हीरा लाभकारी बताया गया है।
इसके अतिरिक्त, वशीकरण, नजर-बाधा, सम्मोहन या नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के लिए भी हीरे को प्रभावी माना गया है। स्त्री और पुरुष दोनों के कुछ विशेष रोगों के उपचार में भी इसका उपयोग प्राचीन काल से होता आया है।
हीरा धारण करने का सही तरीका
जैसे सही समय पर पहना गया हीरा शुभ फल देता है, वैसे ही गलत मुहूर्त में धारण करने पर यह हानिकारक भी साबित हो सकता है। इसलिए इसे पहनने से पहले अनुभवी ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें और उसके बाद ही हीरा धारण करें।
हीरा पहनने की विधि
- शुक्रवार का दिन तथा भरणी, पूर्वाफाल्गुनी या पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र हीरा पहनने के लिए सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं।
- रत्न को चांदी या प्लैटिनम की अंगूठी में जड़वाकर पहनना चाहिए।
- पहनने से पहले अंगूठी को पंचामृत से शुद्ध करें और शुक्र देव की आराधना करते हुए पांच अगरबत्तियां जलाएं।
- “ॐ शं शुक्राय नमः” मंत्र का 108 बार जप करते हुए अंगूठी को धूप में 108 बार घुमाएं।
- इसके बाद अंगूठी को देवी लक्ष्मी के चरणों से स्पर्श करके मध्यमा या कनिष्ठा उंगली में धारण करें।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।

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