कुंडली में ग्रहों की स्थितियों के आधार पर व्यक्ति के जीवन में सुख, दुख, उतार-चढ़ाव समेत जीवन के कई पहलुओं पर प्रभाव रहता है। कुंडली में व्यक्ति के जीवन से संबंधित कई ग्रह मौजूद होते हैं। जिससे सफलता और असफलताएं तय होती हैं। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर एक व्यक्ति के जीवन पर ग्रहों और नक्षत्रों का विशेष महत्व होता है।
Guru Garh: गुरु ग्रह की कमजोर स्थिति बन सकती है, काम में असफलता मिलने का कारण
किसी व्यक्ति को सफलता न मिलने में गुरु (बृहस्पति) ग्रह की विशेष भूमिका होता है। गुरु की कमजोरी से व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी और आलस आता है।
काम में सफलता न मिलने पर गुरु (बृहस्पति), ग्रह कमजोर हो सकता हैं। गुरु की कमजोरी से व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी और आलस आता है। गुरु (बृहस्पति) के अलावा शनि, राहु या बुध ग्रह की कमजोर स्थिति भी काम में असफलता का कारण बनती है।
गुरु (बृहस्पति)
लक्षण: आत्मविश्वास की कमी, आलस और भ्रम की स्थिति।
प्रभाव: आर्थिक, शारीरिक और वैवाहिक जीवन में समस्याएं आती हैं और आसानी से सफलता नहीं मिलती है।
काम में सफलता न मिलने पर शनि ग्रह कमजोर हो सकता है, क्योंकि शनि को कर्म और नौकरी का कारक माना जाता है। शनि की कमजोर स्थिति से करियर में बाधाएं, असफलता और नौकरी में दिक्कतें आ सकती हैं।
प्रभाव: शनि को कर्म का ग्रह माना जाता है। कमजोर या पीड़ित शनि करियर में देरी और बाधाओं का एक आम कारण है।
लक्षण: नौकरी में दिक्कतें, बार-बार असफलता, व्यापार में हानि।
काम में सफलता पर राहु भी अस्थिरता और रुकावटें पैदा कर सकता है।
प्रभाव: यह ग्रह करियर में अस्थिरता और अचानक रुकावटें पैदा कर सकता है।
लक्षण: करियर में बार-बार रुकावटें आना, भ्रम और मानसिक तनाव।
काम में सफलता न मिलने पर कमजोर बुध ग्रह भी वित्तीय निर्णयों और व्यापार में हानि का कारण बन सकता है।
प्रभाव: बुध बुद्धि, वाणी और व्यापार से जुड़ा है।
लक्षण: व्यापार में हानि और खराब वित्तीय निर्णय।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।

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