Kharmas 2025: वर्ष 2025 में विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों के लिए अब केवल गिने-चुने दिन ही शेष रह गए हैं। 8 दिसंबर के बाद शादी, गृह प्रवेश, मुंडन, उपनयन और अन्य धार्मिक अनुष्ठान स्थगित हो जाएंगे। इसलिए परिवारों को सलाह दी जाती है कि वे अपने शुभ कार्यों को समय रहते संपन्न कर लें, ताकि कोई भी शुभ अवसर हाथ से न जाए। इस समय विशेष सावधानी रखने की जरूरत है, क्योंकि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार खरमास के दौरान मांगलिक कार्यों को अशुभ माना जाता है।
विवाह की प्लानिंग कर रहे हैं? 16 दिसंबर से खरमास शुरू, 15 जनवरी तक नहीं होंगे मांगलिक कार्य
Kharmas 2025: वर्ष 2025 में 8 दिसंबर के बाद विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक अनुष्ठान स्थगित होंगे। जानें 16 दिसंबर से 14 जनवरी 2026 तक चलने वाले खरमास की अवधि, इसके नियम और शुभ कार्यों की जानकारी।
खरमास में विवाह, सगाई, गृह प्रवेश जैसे कार्य वर्जित
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, खरमास के महीने में सूर्य देव के रथ में खर यानी गधे जुड़ जाते हैं, जिससे रथ की गति धीमी हो जाती है। इसी कारण इस अवधि को अशुभ माना गया है। इसलिए इस समय विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन, उपनयन जैसे धार्मिक अनुष्ठान और कोई नया व्यापार या महत्वपूर्ण कार्य प्रारंभ नहीं करना चाहिए।
सूर्य उपासना और दान का विशेष महत्व
खरमास में भगवान सूर्य की उपासना अत्यंत शुभ मानी जाती है। इस दौरान रोज सुबह स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य देना, मंत्र जाप करना और दान करना अत्यंत फलदायक होता है। साथ ही पवित्र नदियों में स्नान का भी विशेष महत्व है। जरूरतमंदों को दान देना, ब्राह्मणों को भोजन कराना और गाय को हरी घास खिलाना शुभ माना जाता है। इससे न केवल सौभाग्य में वृद्धि होती है, बल्कि सूर्य देव की कृपा भी बनी रहती है।
खरमास के दौरान किन कार्यों से बचें
- विवाह, सगाई, मुंडन जैसे मांगलिक अनुष्ठान आयोजित न करें।
- नया व्यवसाय या कोई महत्वपूर्ण आर्थिक कार्य शुरू न करें।
- नया वाहन खरीदने या सोना-चांदी जैसी मूल्यवान चीज़ें लेने से बचें।
- गृह प्रवेश और नामकरण जैसे धार्मिक कार्य स्थगित करें।
खरमास में किए जाने वाले शुभ कार्य
- इस समय पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन और धार्मिक अनुष्ठान करना शुभ माना जाता है।
- भगवान विष्णु और सूर्य देव की आराधना का विशेष महत्व है।
- जरूरतमंदों की मदद करना और दान-पुण्य करना फलदायक होता है।
- पवित्र नदियों में स्नान करना और दान-दान करना शुभ फल लाता है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।