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Kharmas 2025: खरमास में क्या करें और क्या नहीं? जानें इस दौरान दान का महत्व
ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: ज्योति मेहरा
Updated Mon, 08 Dec 2025 04:19 PM IST
सार
Kharmas December 2025: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार खरमास वह अवधि होती है, जब शुभ कार्यों पर रोक मानी जाती है। हालांकि पूजा-पाठ, दान और आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी इस समय की जा सकती है।
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kharmas 2025
- फोटो : Amar Ujala
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Kharmas December 2025: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार खरमास वह अवधि होती है, जब शुभ कार्यों पर रोक मानी जाती है। हालांकि पूजा-पाठ, दान और आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी इस समय की जा सकती है। पंचांग के अनुसार 15 दिसंबर 2025 की रात 10:19 बजे सूर्य वृश्चिक से निकलकर बृहस्पति की राशि धनु में प्रवेश करेगा और यह स्थिति 14 जनवरी 2026 तक बनी रहेगी। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही खरमास समाप्त हो जाएगा। इसी एक माह के दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे मांगलिक काम रोक दिए जाते हैं। खरमास के दिनों जप, दान, नदी स्नान और तीर्थयात्रा शुभ मानी जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि खरमास के दिनों में क्या करना चाहिए क्या नहीं।
खरमास में क्या करना चाहिए
खरमास में धार्मिक ग्रंथों का पाठ अत्यंत फलदायी माना गया है। श्रीराम कथा, भागवत कथा या शिव पुराण का नियमित अध्ययन मन और जीवन दोनों को शुद्ध करता है। कोशिश की जाती है कि इस महीने में कम से कम एक संपूर्ण ग्रंथ का पाठ पूरा किया जाए, जिससे शुभ फल और जीवन मार्गदर्शन दोनों प्राप्त होते हैं।
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खरमास में दान का महत्व
- फोटो : Adobe Stock
दान का भी इस अवधि में विशेष महत्व बताया गया है। श्रद्धापूर्वक किया गया दान तीर्थ स्नान के समान पुण्य प्रदान करता है। जरूरतमंदों, साधु-संतों और असहाय लोगों की सेवा करने से धार्मिक लाभ के साथ आत्मिक संतोष भी मिलता है। मंदिरों में कुमकुम, तेल, घी, फूल, दीपक, धूप आदि सामग्री अर्पित करना शुभ माना जाता है।
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खरमास में शुभ काम क्यों नहीं करते
- फोटो : Adobe Stock
इस काल में शुभ मुहूर्त इसलिए नहीं माने जाते क्योंकि सूर्य देव, जिन्हें प्रत्यक्ष देवता कहा गया है, अपने गुरु बृहस्पति की राशि में रहते हुए थोड़े कमजोर पड़ते हैं। सूर्य और गुरु दोनों के प्रभाव के कम होने से मांगलिक कार्यों के लिए अनुकूल ऊर्जा का अभाव माना जाता है।
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खरमास में सूर्य पूजा
- फोटो : Adobe Stock
सूर्य पूजा
खरमास में सूर्य पूजा लाभदायक होती है। सुबह स्नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य को अर्घ्य देकर “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप कर सकते हैं। 14 जनवरी 2026 को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही मकर संक्रांति के साथ खरमास समाप्त हो जाएगा और शुभ कार्य फिर से प्रारंभ किए जा सकेंगे।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।
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