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Year Ender 2025: महाकुंभ से राम मंदिर ध्वजारोहण तक, देश के बड़े धार्मिक आयोजन एक नजर में
धर्म डेस्क, अमर उजाला
Published by: श्वेता सिंह
Updated Sun, 07 Dec 2025 10:31 AM IST
सार
Year Ender 2025: साल 2025 धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण रहा। इस दौरान भारत में कई बड़े धार्मिक आयोजन हुए, जिनमें लाखों लोगों ने भाग लिया। महाकुंभ, राम मंदिर ध्वजारोहण और अन्य प्रमुख कार्यक्रमों ने पूरे देश में खासा ध्यान खींचा और चर्चा में रहे।
Year Ender 2025: साल 2025 धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण रहा। इस साल देश में कई बड़े धार्मिक आयोजन हुए, जिन्होंने न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी काफी चर्चा बटोरी। साल की शुरुआत महाकुंभ मेले के भव्य आयोजन के साथ हुई, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया और धार्मिक ऊर्जा का अद्भुत अनुभव साझा किया। महाकुंभ के साथ ही जगन्नाथ रथ यात्रा ने भी लोगों का ध्यान आकर्षित किया और इसके भव्य दृश्य और उत्सव पूरे देश में चर्चा का विषय बने।
आस्था और परंपरा का संगम महाकुंभ मेला
- फोटो : जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश
आस्था और परंपरा का संगम महाकुंभ मेला
साल 2025 में प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में महाकुंभ मेले का आयोजन किया गया, जिसे दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक उत्सवों में गिना जाता है। यह मेला 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चला, यानी कुल 45 दिनों तक। इस दौरान देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी लाखों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे। महाकुंभ का मुख्य आकर्षण त्रिवेणी संगम में स्नान करना होता है, जिसे करने से माना जाता है कि सभी पाप धुल जाते हैं। इसके अलावा प्राचीन हनुमान मंदिर, शाही स्नान की तिथियां और गंगा आरती भी श्रद्धालुओं को बहुत भाती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बार के महाकुंभ में लगभग 66 करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया। यह संख्या इसे सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण बनाती है।
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जगन्नाथ रथ यात्रा
- फोटो : Adobe Stock
ओडिशा की जगन्नाथ रथ यात्रा
पुरी, ओडिशा में स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में हर साल भव्य रथ यात्रा का आयोजन होता है। साल 2025 में यह यात्रा 27 जून से 5 जुलाई तक चली। इस दौरान भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर विराजते हैं और भक्त मिलकर रथ को खींचते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस रथ यात्रा में शामिल होने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस बार की यात्रा में लगभग 15 लाख श्रद्धालुओं ने भाग लिया, जिससे इसका भव्य स्वरूप और भक्ति का उत्साह दोनों ही देखने लायक थे।
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राम मंदिर का ध्वजारोहण समारोह
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
राम मंदिर का ध्वजारोहण समारोह
25 नवंबर 2025 को राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण समारोह का आयोजन किया गया। यह समारोह ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण था क्योंकि मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा फहराना भगवान राम के जन्मस्थान पर वर्षों की प्रतीक्षा के बाद संभव हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस धर्म ध्वज को फहराया। इस ध्वज की खासियत यह है कि यह केसरिया रंग का है, 20 फीट लंबा और 11 फीट ऊंचा है, और इस पर ॐ, सूर्य और पीपल के वृक्ष की छवियां अंकित हैं। यह धार्मिक प्रतीक न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा की महानता को भी दर्शाता है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।
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