Lal Kitab Remedies For Shani Drishti: शनि देव इस समय मीन राशि में गोचर कर रहे हैं और वर्ष 2026 में वे पूरे वर्ष इसी राशि में रहेंगे। वर्तमान में शनि की साढ़ेसाती मेष, कुंभ और मीन राशियों पर चल रही है, जबकि शनि की ढैय्या सिंह और धनु राशियों पर है, जिससे इन राशियों के जातकों को आने वाले वर्ष में सतर्क रहने की आवश्यकता है। शनि ग्रह से लोग बहुत डरते हैं क्योंकि शनि देव लोगों को उनके अच्छे और बुरे कर्मों का फल देते हैं। प्रारब्ध के कुछ अच्छे या बुरे ऐसे कर्म रहते हैं जिनका फल जातक को मिलता ही मिलता है उन्हें कोई नहीं टाल सकता परंतु यदि पूर्व जन्म में कोई बड़ा अपराध या जघन्य अपराध नहीं किया है तो शनिदेव के दंड से बचा जा सकता है। इसलिए लिए लाल किताब में बहुत ही अच्छे और सरल उपाय बताए गए हैं जिन्हें आप आजमा कर देखें।
Shani Drishti Upay 2026: क्या आप पर भी है शनि की नजर? लाल किताब के इन 7 उपायों से बदल जाएगी आपकी किस्मत!
शनि के प्रकोप से बचने के लिए लाल किताब में कुछ अचूक उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपनी परेशानियों को कम कर सकते हैं। आइए जानते हैं के ये खास उपाय कौन से हैं...
शनि ग्रह और 12 भाव:
प्रथम भाव में शनि है तो वह नीच का होकर तीसरे, सातवें, आठवें और दसवें भाव के फल को खराब कर देता है। जातक का व्यक्तित्व खराब करता है। दूसरे में धन और परिवार का सुख खराब कर देता है। तीसरे में भाग्य को चोट पहुंचाता है। चौथे में शांत रहता है। पांचवें में भटकाता है। छठे में घमंडी बनाकर नुकसान करता है। सातवें में कुछ भरोसा नहीं क्या करेगा। आठवें में लंबी आयु देगा और जो भी करेगा अचानक से करेगा। नौवें में बुध और गुरु की हालात के अनुसार परिणाम देगा। दशम में अच्छा फल देगा। एकादश भाव में अच्छा फल देगा। द्वादश भाव में नींद हराम कर देगा, तलाक और जेल जाने की नौबत तक ला देगा।
शनि के घर में सूर्य हो तो भी शनि खराब या दुश्मन के घर में शनि हो तो भी शनि खराब फल देगा। राहु के साथ बैठने से भी शनि खराब फल देगा। इसी के साथ शनि यदि अपने शत्रुओं से युति बनाए तो भी यह बुरा फल देगा। कोई ग्रह उसे आठवीं टक्कर मार रहा है या शनि देव किसी ग्रह को टक्कर मार रहे हैं तो भी जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना होगा। लेकिन यदि शनि किसी भी भाव में बैठकर शुभ है तो यह अच्छा फल देगा। शनि कहीं भी बैठा हो आठवें भाव में बैठे ग्रहों को वह दुर्बल बना देता है।
1. शनि के मंदे कार्य से रहे दूर: शनि के मंदे कार्य का अर्थ है शराब पीना, मांस खाना, जुआ सट्टा खेलना, ब्याज का धंधा करना, किसी पराई स्त्री पर नजर रखना, विधवा महिला को धोखा देना, मंदिर या देवताओं का अपमान करना, मजबूर और मजदूर का अपमान करना। किसी भी प्राणी को सताना, पिता और दादा से संबंध को खराब करना और गंदे वस्त्र पहनना। इन सभी कार्यों से तुरंत ही दूर हो जाएं।
2. छाया दान: 11 शनिवार को शनि मंदिर में जाकर छाया दान करें। शनिवार को एक कटोरी में सरसों का तेल लें, उसमें अपना चेहरा देखें और फिर उस तेल को शनि मंदिर में शनिदेव के चरणों में रखकर उनसे अपने किए की दंडवत क्षमा मांगे।
4. भैरव प्रसाद: काल भैरव को उनका प्रसाद अर्पित करें और उनसे शनिदेव से रक्षा करने का अनुरोध करें। इसी के साथ ही कहें कि जाने अनजाने में जो भी अपराध हुआ है उसके लिए हमें क्षमा करें। भैरव मंदिर में शराब और कच्चा दूध अर्पित किया जाता है। कोई सी भी एक चीज अर्पित करें।

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