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Surya Gochar 2025: सूर्य का कन्या राशि में गोचर, जानिए वृषभ राशि पर कैसा रहेगा प्रभाव ?
ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Sun, 14 Sep 2025 01:42 PM IST
सार
Surya Gochar 2025: वृषभ राशि के जातकों के लिए सूर्य आपकी कुंडली के चौथे भाव के स्वामी होते हैं और अब जब 17 सितंबर को सूर्य कन्या राशि में गोचर करेंगे तब या आपके पंचम भाव में होंगे। कुंडली का पंचम भाव शिक्षा और संतान सुख से जुड़ा होता है।
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सूर्य गोचर 2025
- फोटो : amar ujala
Surya Gochar 2025: सूर्यदेव को सभी नवग्रहों में राजा का पद हासिल हैं। ज्योतिष में सूर्यदेव को आत्मा, जीवनशक्ति, ऊर्जा और पिता का कारक ग्रह माना जाता है। सूर्य हर एक माह राशि परिवर्तन करते हैं। जिसे सूर्य सक्रांति के नाम से जाना जाता है। 17 सितंबर 2025 को सूर्य रात करीबी 01 बजकर 38 मिनट पर सिंह राशि की यात्रा को विराम देते हुए कन्या राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। कन्या राशि के स्वामी ग्रह बुध देव होते हैं।

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सूर्य गोचर
- फोटो : adobe stock
जिन जातकों की कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है उनके जीवन में उनको बड़े पद की प्राप्ति होती है और मान-सम्मान में वृद्धि होती है। सूर्य के राशि परिवर्तन करने से सभी 12 राशियों के जातकों पर विशेष प्रभाव पड़ता है। आइए जानते हैं सूर्य के राशि परिवर्तन करने से वृषभ राशि वालों पर किस तरह का प्रभाव देखने को मिलेगा।
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- फोटो : amar ujala
वृषभ राशि पर सूर्य के गोचर का प्रभाव
राशिचक्र में वृषभ राशि दूसरे नंबर की राशि होती है। वृषभ राशि के जातकों के लिए सूर्य आपकी कुंडली के चौथे भाव के स्वामी होते हैं और अब जब 17 सितंबर को सूर्य कन्या राशि में गोचर करेंगे तब या आपके पंचम भाव में होंगे। कुंडली का पंचम भाव शिक्षा और संतान सुख से जुड़ा होता है। ऐसे में संतान की शिक्षा की तरफ रूझान बढ़ेगा। इस दौरान जो लोग शेयर बाजार से जुड़े हुए हैं उनको लाभ मिल सकता है। करियर के मामले में आपको अच्छी सफलता मिलेगी। लेकिन कार्यक्षेत्र में आपक ऊपर काम का दबाव ज्यादा रहेगा। जो लोग बिजनेस में हैं उनके लिए कुछ चुनौतियां सामने आ सकती हैं। आपके काम का दायरा बढ़ा हुआ होगा। धन के मामले में आपको मजबूती रहेगी। भाग्य का साथ मिलने से आपको कुछ लाभ मिल सकता है। सेहत में इस दौरान गिरावट देखने को मिल सकती है।
राशिचक्र में वृषभ राशि दूसरे नंबर की राशि होती है। वृषभ राशि के जातकों के लिए सूर्य आपकी कुंडली के चौथे भाव के स्वामी होते हैं और अब जब 17 सितंबर को सूर्य कन्या राशि में गोचर करेंगे तब या आपके पंचम भाव में होंगे। कुंडली का पंचम भाव शिक्षा और संतान सुख से जुड़ा होता है। ऐसे में संतान की शिक्षा की तरफ रूझान बढ़ेगा। इस दौरान जो लोग शेयर बाजार से जुड़े हुए हैं उनको लाभ मिल सकता है। करियर के मामले में आपको अच्छी सफलता मिलेगी। लेकिन कार्यक्षेत्र में आपक ऊपर काम का दबाव ज्यादा रहेगा। जो लोग बिजनेस में हैं उनके लिए कुछ चुनौतियां सामने आ सकती हैं। आपके काम का दायरा बढ़ा हुआ होगा। धन के मामले में आपको मजबूती रहेगी। भाग्य का साथ मिलने से आपको कुछ लाभ मिल सकता है। सेहत में इस दौरान गिरावट देखने को मिल सकती है।

सूर्य नक्षत्र गोचर 2025
- फोटो : adobe stock
ज्योतिष में सूर्य
- - सूर्यदेव को पूर्व दिशा का स्वामी माना गया है।
- - सूर्यदेव तांबे और सोने के स्वामी होते हैं।
- - वैदिक ज्योतिष में सूर्य को जन्म कुंडली में पिता, मान-सम्मान, लीडरशिप, राजकाज और उच्च प्रशासिनक पद के कारक होते हैं।
- - किसी पुरुष की कुंडली में सूर्य से पिता और महिला की कुंडली में पति के बारे में जानकारी प्राप्ति होती है।
- - सूर्य की महादशा 6 वर्षों तक रहती है।
- - सूर्य उपासना के लिए रविवार का दिन सबसे अच्छा माना गया है।
- - सूर्य सिंह राशि के स्वामी होते हैं।
- - सूर्य मेष राशि में उच्च के जबकि तुला राशि में नीच के होते हैं।
- - जातक की कुंडली में सूर्य लग्न में हो तो व्यक्ति का चेहरा बड़ा और गोल आकार का होता है। सूर्य पुरुषों में दायं आंख और महिलाओं की बायीं आंख को बताता है।
- - कालपुरुष की कुंडली में सूर्य ह्रदय को दर्शाता है।
- - सूर्य का रत्न माणिक्य होता है।
- - मेष राशि में सूर्य 10 अंश के होने पर ये परम उच्च के हो जाते हैं, जबकि तुला राशि में 10 अंश के होने पर नीच के हो जाते हैं।
- - मकर से मिथुन राशि के भ्रमण दौरान सूर्य उत्तरायन होते हैं।
- - कर्क से धनु राशि के भ्रमण के दौरान दक्षिणायन सूर्य होते हैं।
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सूर्य का नक्षत्र गोचर
- फोटो : adobe stock
कुंडली में सूर्य जब पीड़ित होता है
- अगर किसी जातक की कुंडली में सूर्य पीड़ित है तो व्यक्ति को ह्रदय और आंखों संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
- सूर्य अगर शनि देव के प्रभाव के कारण पीड़ित होते हैं तो व्यक्ति को कम बल्ड प्रेशर से संबंधित समस्याएं आती हैं। अगर गुरु से पीड़ित होता है तो उच्च ब्लड प्रेशर से संबंधित बीमारी देखने को मिलती है।
कुंडली में सूर्य जब बली होता है।
- कुंडली में सूर्य मजबूत होते हैं तो जातक को जीवन में हमेशा शुभ परिणाम की प्राप्ति होती है। व्यक्ति अच्छे कार्य करते उच्च पद पर आसीन होती है। ऐसे जातकों पर स्वयं पर बहुत अच्छा नियंत्रण होता है।
- कुंडली में सूर्य जब उच्च के, अच्छे भाव में, शुभ ग्रहों की द्दष्टि में और अपने मित्र ग्रह की राशि में होते हैं तो जातक को बहुत ही अच्छा फल देते हैं। जिन जातकों की कुंडली में सूर्य अच्छा होता है व्यक्ति सकारात्मक सोच वाला और समाज में सम्मानित होता है। सूर्य राजा, उच्च पद और स्थायित्व का कारक होता है।
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