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Raksha Bandhan 2020: रक्षाबंधन पर ये है अशुभ घड़ी, इस दौरान भाई को न बांधें राखी
ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला
Published by: रुस्तम राणा
Updated Mon, 03 Aug 2020 08:46 AM IST
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रक्षाबंधन 2020
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रक्षाबंधन का पर्व हर साल सावन माह की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित है। बहनें अपने भाई की कलाई में राखी (रक्षासूत्र) बांधती हैं और उसके सुखी जीवन की कामना करती हैं। वहीं भाई बदले में बहन को उपहार भेंट करते हैं। सनातन धर्म में ये मान्यता है कि कोई भी शुभ कार्य शुभ समय अर्थात शुभ मुहूर्त किया जाता है। इसलिए राखी पर भी शुभ मुहूर्त का विचार किया जाता है।
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ज्योतिष विज्ञान के अनुसार, रक्षाबंधन पर इस बार आयुष्मान योग बन रहा है, जो भाई-बहन को लंबी उम्र देगा। कहा जाता है कि शुभ मुहूर्त पर राखी बांधने से भाई-बहन का भाग्योदय होता है। परंतु इसके विपरीत यदि अशुभ घड़ी में राखी बांधी जाती है तो उसका प्रतिफल भी अशुभ रूप में प्राप्त होता है।
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रक्षाबंधन 2020
हिन्दू पंचांग की गणना के अनुसार, राखी के दिन चार अशुभ पहर पड़ रहे हैं जिसमें राखी बांधना शुभ नहीं होगा। गणना के अनुसार सुबह 5 बजकर 44 मिनट से सुबह 9 बजकर 25 मिनट तक भद्रा रहेगी। इस दौरान राखी न बांधें। इसके बाद, सुबह 7 बजकर 25 मिनट से सुबह 9 बजकर 05 मिनट के बीच दूसरी अशुभ घड़ी होगी।
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रक्षाबंधन 2020
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साथ ही इस दौरान राहु काल रहेगा। इस समय भी भाई की कलाई में राखी बांधने से बचें। फिर 11 बजकर 28 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 07 और फिर 02 बजकर 08 मिनट से लेकर 03 बजकर 50 मिनट तक। इन अशुभ समय में राखी बांधना भी शुभ नहीं होगा।
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Raksha Bandhan 2020
- फोटो : अमर उजाला
ज्योतिष में भद्रा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भद्रा एक विशेष समय होता है जिसमें किसी भी तरह का शुभ कार्य शुरू नहीं किया जाता है। अच्छे मुहूर्त अथवा भद्रा रहित काल में शुभ कार्य करने से पर कार्य में सिद्धि और विजय प्राप्ति होती है। वहीं कुछ का मानना है कि भद्रा शनिदेव की बहन हैं जिस कारण से उनका स्वभाव भी शनि की तरह क्रूर है ऐसे में भद्राकाल में किसी भी तरह का शुभ कार्य करना अच्छा नहीं रहता है। शास्त्रों में रक्षाबंधन का पावन कर्म भद्रा रहित समय में करने का विधान है।
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