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Global NCAP: वाहनों की सुरक्षा पर ग्लोबल एनसीएपी की सख्ती, अब 2-स्टार से ऊपर रेटिंग के लिए जरूरी होगा ये फीचर
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Fri, 19 Sep 2025 03:10 PM IST
सार
दुनियाभर में कार के लिए सुरक्षा का मानक तय करने वाली संस्था ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (ग्लोबल एनसीएपी) ने एक बार फिर नियम कड़े कर दिए हैं। खासकर भारत में इसके "भारत के लिए सुरक्षित कारें" अभियान ने लोगों को कार सुरक्षा के प्रति जागरूक करने में बड़ी भूमिका निभाई है।
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Nissan Kicks Crash Test
- फोटो : Global NCAP
दुनियाभर में कार के लिए सुरक्षा का मानक तय करने वाली संस्था Global New Car Assessment Programme (Global NCAP), ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (ग्लोबल एनसीएपी) ने एक बार फिर नियम कड़े कर दिए हैं। खासकर भारत में इसके "भारत के लिए सुरक्षित कारें" अभियान ने लोगों को कार सुरक्षा के प्रति जागरूक करने में बड़ी भूमिका निभाई है। पिछले कुछ वर्षों में, ग्लोबल एनसीएपी ने कारों के सामान्य सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने के लिए अपने परीक्षण मानदंडों को धीरे-धीरे अपडेट किया है। जिससे अब गाड़ियों को सुरक्षा मानकों पर और कड़ी परीक्षा देनी होगी।


Maruti Suzuki Dzire Crash Test
- फोटो : Global NCAP
ESC को बनाया गया अनिवार्य
नए नियम के तहत अब इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ESC) सेफ्टी फीचर को उन गाड़ियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है जिन्हें 2-स्टार या उससे ज्यादा की सेफ्टी रेटिंग चाहिए। पहले यह नियम सिर्फ 3-स्टार या उससे ऊपर की रेटिंग वाली गाड़ियों पर लागू होता था। अब किसी भी मॉडल को टेस्ट में शामिल होने पर सभी वेरिएंट्स में ESC स्टैंडर्ड फीचर के तौर पर देना अनिवार्य है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो गाड़ी को सीधे 1-स्टार रेटिंग मिलेगी। यह नियम साल 2029 तक लागू रहेगा।
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नए नियम के तहत अब इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ESC) सेफ्टी फीचर को उन गाड़ियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है जिन्हें 2-स्टार या उससे ज्यादा की सेफ्टी रेटिंग चाहिए। पहले यह नियम सिर्फ 3-स्टार या उससे ऊपर की रेटिंग वाली गाड़ियों पर लागू होता था। अब किसी भी मॉडल को टेस्ट में शामिल होने पर सभी वेरिएंट्स में ESC स्टैंडर्ड फीचर के तौर पर देना अनिवार्य है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो गाड़ी को सीधे 1-स्टार रेटिंग मिलेगी। यह नियम साल 2029 तक लागू रहेगा।
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Car Crash Test
- फोटो : Global NCAP
साइड इम्पैक्ट और पैदल यात्री सुरक्षा टेस्ट भी जरूरी
नए मानकों के मुताबिक अब भारत में बनी हर कार को साइड इम्पैक्ट टेस्ट और पैदल यात्री सुरक्षा टेस्ट से गुजरना होगा। इसके तहत सभी वेरिएंट्स में साइड-हेड प्रोटेक्शन सिस्टम होना चाहिए। वरना कार साइड पोल इम्पैक्ट टेस्ट के लिए अयोग्य मानी जाएगी और अधिकतम 2-स्टार रेटिंग ही पा सकेगी। पैदल यात्री सुरक्षा के लिए अब सभी गाड़ियों को UN R127 या GTR9 स्टैंडर्ड का पालन करना अनिवार्य कर दिया गया है।
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नए मानकों के मुताबिक अब भारत में बनी हर कार को साइड इम्पैक्ट टेस्ट और पैदल यात्री सुरक्षा टेस्ट से गुजरना होगा। इसके तहत सभी वेरिएंट्स में साइड-हेड प्रोटेक्शन सिस्टम होना चाहिए। वरना कार साइड पोल इम्पैक्ट टेस्ट के लिए अयोग्य मानी जाएगी और अधिकतम 2-स्टार रेटिंग ही पा सकेगी। पैदल यात्री सुरक्षा के लिए अब सभी गाड़ियों को UN R127 या GTR9 स्टैंडर्ड का पालन करना अनिवार्य कर दिया गया है।
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Car Crash Test
- फोटो : Global NCAP
स्कोरिंग सिस्टम में भी बड़े बदलाव
अडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (AOP) के स्कोरिंग सिस्टम में भी बड़ा बदलाव किया गया है। पहले जहां इसका अधिकतम स्कोर 16 प्वाइंट था, अब इसे बढ़ाकर 34 प्वाइंट कर दिया गया है। इसमें 16 प्वाइंट फ्रंटल इम्पैक्ट, 16 प्वाइंट साइड इम्पैक्ट और 2 प्वाइंट सीट बेल्ट रिमाइंडर के लिए रखे गए हैं।
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Car Crash Test
- फोटो : Global NCAP
वहीं, चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (COP) को भी और कड़ा किया गया है। अब इसमें Q-सीरीज डमीज का इस्तेमाल होगा और डायनेमिक टेस्ट स्कोरिंग जोड़ी गई है, जो पहले सिर्फ स्टैटिक इवैल्यूएशन तक सीमित थी। साथ ही, चाइल्ड रेस्ट्रेंट सिस्टम (CRS) की कम्पैटिबिलिटी और टेस्टिंग प्रक्रिया को भी और सख्त किया गया है।
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