हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 10वीं कक्षा की परीक्षा में 73.18 फीसदी ने विद्यार्थियों ने सफलता हासिल की है। स्वयंपाठी परीक्षार्थियों का परिणाम 92.96 फीसदी रहा है। इस परिणाम में भी बेटियों ने बाजी मारी। 76.26 फीसदी बेटियां सफल हुईं जबकि 70.56 फीसदी लड़के सफल रहे। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. जगबीर सिंह और सचिव कृष्ण कुमार ने संयुक्त रूप से परिणाम घोषित किया।
सफलता की कहानियां: 10वीं की परीक्षा में कंडक्टर व किसान की बेटियों ने किया टॉप, ट्यूशन तक नहीं पढ़ा, अब ये बनने की ख्वाहिश
ईश्रवाल पब्लिक स्कूल की छात्रा अमीषा का कहना है कि वह कंप्यूटर साइंस इंजीनियर बनना चाहती है और इस क्षेत्र में ऊंचा मुकाम हासिल करना चाहती है। अमीषा ने परीक्षा परिणाम का श्रेय माता-पिता और अध्यापकों को दिया। अमीषा का कहना है कि माता -पिता और अध्यापकों ने हमेशा उनको मोटिवेट किया और उसी का यह परिणाम है। रात को देर तक और सुबह चार बजे उठकर पढ़ती थी। कभी कोई ट्यूशन नहीं लिया। अमीषा ने अन्य विद्यार्थियों को अपने संदेश में कहा कि जितना भी पढ़ो, उतना ध्यान लगाकर पढ़ो। पढ़ाई में कभी भी दबाव में न आएं। इसके परिणाम सकारात्मक ही होंगे।
अध्यापक की बेटी सुनैना ने हासिल किया दूसरा स्थान
चरखी दादरी के गांव चांदवास निवासी छात्रा सुनैना ने 10वीं कक्षा में प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। सुनैना भांडवा स्थित प्रज्ञा सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा है। छात्रा का कहना है कि उसे प्रथम स्थान मिलने की उम्मीद थी लेकिन दूसरा मिला और इस बात का उसे मलाल है। सुनैना का सपना है कि वो डॉक्टर बनकर देश सेवा करे। छात्रा सुनैना ने बताया कि वह पहली कक्षा से प्रज्ञा स्कूल में पढ़ी हैं। शिक्षकों का मार्गदर्शन व शिक्षण उसे बेहद पसंद है। माता सुमन देवी व अध्यापक पिता विनोद कुमार का पूरा सहयोग मिला है। माता सुमन सदैव पढ़ने के लिए प्रेरित करती रहीं और पढ़ाई के लिए अधिक से अधिक समय दिया। छात्रा सुनैना ने बताया कि बायोलॉजी पसंदीदा विषय है। वह डॉक्टर बनकर देशसेवा करना चाहती है। अब कक्षा 11 वीं में मेडिकल संकाय में दाखिला लेगी। सुनैना ने बताया कि वह प्रतिदिन 6 से 7 घंटे अध्ययन करती थी। एनसीईआरटी की पुस्तकों का उसने गहनता से अध्ययन किया। सुनैना ने कनिष्ठ विद्यार्थियों के लिए संदेश दिया कि वे विषय की गहराई तक जाने का प्रयास करें। रटने के बजाय टॉपिक को समझने का प्रयास करेंगे तो उससे विषय का ज्ञान लंबे समय तक स्थायी रूप से बना रहता है।
बिना ट्यूशन के पढ़ीं मंजू, हासिल किया दूसरा स्थान
कैथल के गांव सिसमौर निवासी किसान सतीश कुमार की बेटी मंजू ने 10वीं की परीक्षा में प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त कर परिवार और जिले का मान बढ़ाया है। मंजू ने 500 में से 497 अंक हासिल किए। छात्रा ने गणित और विज्ञान विषय में 100 में से 100 अंक प्राप्त किए हैं। गांव सिसमौर स्थित सैनिक पब्लिक स्कूल की छात्रा मंजू ने नर्सरी से यहीं शिक्षा प्राप्त की है। मंजू ने बताया कि उसने स्कूल के अलावा घर पर नियमित रूप से करीब चार घंटे तक रोजाना पढ़ाई की। स्कूल और घर में पढ़ाई के अलावा कभी ट्यूशन नहीं लगाया। स्कूल में अध्यापक जो काम करवाते थे, उसे ही अच्छी तरह से याद कर लेती थी। घर जाकर उस कार्य का अभ्यास करती थी। यही कारण है कि उसे प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। उन्होंने गणित को पसंदीदा विषय बताया। मंजू की बड़ी बहन अंजलि गांव में ही बारहवीं कक्षा में पढ़ती है। उनकी मां सुमन गृहिणी हैं।
लक्ष्य बनाकर मेहनत करे तो जरूर मिलेगी कामयाबी: सुहानी
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के 10वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम में 496 अंक लेकर प्रदेश में तीसरा स्थान हासिल करने वाली सुहानी का कहना है कि अगर लक्ष्य बनाकर मेहनत करें तो कामयाबी जरूर मिलेगी। लगातार स्कूल जाकर बिना कोचिंग के भी परीक्षाएं बेहतर अंकों के साथ पास की जा सकती हैं। सुहानी सोनीपत जिले में राई खंड के गांव हलालपुर स्थित लखीराम मेमोरियल पब्लिक उच्च विद्यालय की छात्रा हैं। सुहानी डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना चाहती हैं। महाराष्ट्र के सोलापुर की रहने वालीं सुहानी फिलहाल अपने माता-पिता के साथ गांव झिंझोली में रहती हैं। सुहानी की मां रेखा हलालपुर स्थित लखीराम मेमोरियल पब्लिक उच्च विद्यालय में ही लिपिक हैं। जबकि पिता शकील मकानदार दिल्ली की एक कंपनी में प्रबंधक हैं। सुहानी का सपना अब मेडिकल साइंस लेकर आगे बढ़ने का है, ताकि वह डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा कर सके। सुहानी कहती हैं कि कामयाबी कोई एक दिन में नहीं मिलती, इसके लिए शुरू से ही मेहनत जरूरी है। इसलिए बिना छुट्टी अपनी पढ़ाई को जारी रखा।