सब्सक्राइब करें

अलविदा मिग-21: आसमान में आखिरी बार गरजा मिग-21, भावुक हुए पूर्व वायु सैनिक, रोमांचित कर देंगी ये तस्वीरें

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: अंकेश ठाकुर Updated Fri, 26 Sep 2025 09:20 PM IST
सार

26 सितंबर का दिन भारतीय इतिहास के पन्नों में दर्ज हुआ है। क्योंकि इस दिन भारतीय वायुसेना का जंगी जहाज मिग-21 रिटायर हुआ है। 62 साल तक देश सेवा के बाद वायुसेना ने मिग-21 को विदाई दी है। 

विज्ञापन
MIG 21 IAF Fighter jet retired former IAF personnel get emotional as MiG-21 takes off in Chandigarh
मिग 21 को वाटर कैनन सैल्यूट - फोटो : अमर उजाला

भारतीय वायु सेना (आईएएफ) का जंगी जहाज मिग-21 आज रिटायर हो गया। चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन से मिग-21 को विदाई दी गई। इस समारोह में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विशेष तौर पर शामिल हुए। उनके अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान, वायुसेना अध्यक्ष एपी सिंह, सेना अध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना अध्यक्ष दिनेश कुमार त्रिपाठी ने भी शिरकत की और मिग-21 की विदाई समारोह के ऐतिहासिक क्षण के गवाह बने। दुश्मनों के दांत खट्टे कर देने वाला ये लड़ाकू विमान अब आसमान में उड़ता हुआ नहीं दिखेगा। मिग-21 की जगह अब तेजस लेगा। 



चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन पर आयोजित मिग-21 के विदाई समारोह में कुल छह मिग विमानों ने आसमान में आखिरी बार ताकत दिखाई। सातवीं महिला पायलट स्कवाड्रन लीडर प्रिया शर्मा ने भी मिग 21 उड़ाया। पैंथर फॉरमेशन में सभी विमान एयरबेस पर लौटे। इसके बाद छह मिग-21 उड़ाने वाले भारतीय वायुसेना के पायलटों के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऐतिहासिक तस्वीर खिंचवाई। 

MIG 21 IAF Fighter jet retired former IAF personnel get emotional as MiG-21 takes off in Chandigarh
मिग-21 के साथ वायुसेना के रिटायर्ड कमांडर एस त्यागी, इनके नाम मिग को 4200 घंटे उड़ाने का रिकार्ड है - फोटो : अजय वर्मा

मिग-21 के विदाई समारोह में सूर्य किरण एरोबेटिक टीम ने प्रस्तुति दी। अलविदा उड़ान को देखकर इन्हें उड़ाने वाले पूर्व वायु सैनिक भावुक हो गए। मिग 21 को पानी की बाैछार से अंतिम सलामी दी गई। इसी के साथ मिग की गर्जना शांत हो गई। 62 साल तक देश की सेवा करने के बाद भारत का पहला सुपरसोनिक विमान मिग-21 अब रिटायर हो गया है। 

विज्ञापन
विज्ञापन
MIG 21 IAF Fighter jet retired former IAF personnel get emotional as MiG-21 takes off in Chandigarh
छह मिग-21 उड़ाने वाले भारतीय वायुसेना के पायलट के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह - फोटो : अमर उजाला

खास बात यह है कि लगभग 60 साल पहले मिग-21 की लॉन्चिंग चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन से हुई थी। यही वजह रही की आज इसकी रिटायरमेंट भी यहीं से हुआ। अब तक मिग-21 वायुसेना की ताकत रहा है। क्योंकि मिग ने कई ऐतिहासिक युद्धों में अहम भूमिका निभाई है। 1965-1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध, 1999 कारगिल युद्ध, बालाकोट स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर में भारत का शौर्य बढ़ाया। दुश्मनों के छक्के छुड़ाए। जब जरूरत पड़ी अग्रिम पंक्ति में देश का नेतृत्व किया। देश को सदैव विजयी भव: की दिशा में ले जाकर जीत दिलाने का जज्बा सिखाया।

MIG 21 IAF Fighter jet retired former IAF personnel get emotional as MiG-21 takes off in Chandigarh
कार्यक्रम में पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह - फोटो : X @IAF_MCC

छह मिग-21 पैंथर्स फॉर्मेशन में भरी उड़ान
स्क्वाड्रन नंबर 23 (पैंथर्स) के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन राजेंद्र नंदा के नेतृत्व में अन्य मिग-21 पैंथर्स फॉर्मेशन में आखिरी बार आसमान में गरजे। इसमें एयरफोर्स की सातवीं फाइटर जेट पायलट प्रिया शर्मा भी मौजूद रहीं। बादल-थ्री फॉर्मेशन में एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने भी मिग-21 के साथ आखिरी बार उड़ान भरी। इसे कॉल साइन कहा जाता है। चूंकि इस विमान की पहली स्क्वाड्रन चंडीगढ़ में गठित हुई थी, लिहाजा इसकी विदाई के बाद यहीं एक मेमोरी लेन भी बनाई गई थी, जिससे 1963 से लेकर 2025 तक मिग-21 के अदम्य साहस और शौर्य को प्रदर्शित किया। मिग-21 विमानों के स्विच ऑफ स्क्वाड्रन के कमांडिंग अफसर एयरफोर्स चीफ को फार्म-700 के रूप में एक बड़ी किताब सौंपी। इसमें विमान की उड़ान से पहले उनकी हर तरह की जांच संबंधी रिपोर्ट और उड़ान के बाद पायलटों की फीडबैक रिपोर्ट शामिल है। यानी मिग-21 की संचालन संबंधी यादें अब इसी किताब में सिमटकर रह जाएंगी।

विज्ञापन
MIG 21 IAF Fighter jet retired former IAF personnel get emotional as MiG-21 takes off in Chandigarh
मिग-21 के साथ विदायगी समारोह में आए मेहमान। - फोटो : अजय वर्मा

एयरफोर्स की बड़ी ताकत रहा मिग-21

  • मिग-21 की अधिकतम गति 2,175 किमी प्रति घंटा है, इसी वजह से मिशन को अंजाम देकर देखते ही देखते यह फुर्ती से अदृश्य हो जाता है।
  • एयर-टू-एयर मिसाइल, बम, और अन्य उपकरण ले जाने में सक्षम है। पेलोड क्षमता लगभग 3,500 किलोग्राम।
  • यह विमान सुपरसोनिक गति में उड़ान भर सकता है, जो तत्कालीन समय के अन्य विमानों की तुलना में तेज थी।
  • इसका डिजाइन राकेटनुमा और मजबूत है। पेलोड के साथ इसका वजन करीब 5300 किलो है।
  • मिग-21 में विभिन्न प्रकार की मिसाइलें और अन्य हथियार ले जाने की क्षमता, जिससे यह हवा में लड़ाई में सक्षम था।
  • स्ट्राइक के साथ-साथ इसका इस्तेमाल ट्रेनर और टोही मिशनों के लिए भी किया गया।
विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed