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बारिश...बाढ़ और बर्बादी: 'यमुना ये तूने क्या किया..', दिल्ली में फसलें बर्बाद; किसानों को पानी उतरने का इंतजार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विकास कुमार Updated Fri, 05 Sep 2025 08:10 PM IST
सार

किसानों ने बताया कि वह फसलें उगाने के लिए जमीन को पट्टे पर लेते हैं। इसके लिए वह अपने रिश्तेदारों, दोस्तों और बैंकों से लोन लेते हैं। दिन-रात मेहनत कर फसल उगाते हैं।

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Crops destroyed due to flood in Yamuna now waiting for water to recede
यमुना में लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण बर्बाद हुईं फसलें - फोटो : अमर उजाला।

उफान पर आई यमुना ने न केवल लोगों को बेघर किया, बल्कि किसानों की सारी फसलें भी बर्बाद कर दी है। इससे किसानों को खासा नुकसान उठाना पड़ा है। किसान सवाल पूछ रहे हैं कि यमुना तूने ये क्या किया। ऐसे में अब यमुना खादर, चिल्ला, पुराना उस्मानपुर, गढ़ी मांडू और सोनिया विहार के किसान यमुना का जलस्तर कम होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वह फिर से खेतों में लौट सके और नई फसलें बो सके। यमुना डूब क्षेत्र में किसान अधिकतर सब्जी की फसलें उगा रखे थे। इनमें बैंगन, भिंडी, लौकी, मूली, गाजर, टमाटर, गोभी, मटर, आलू, प्याज और मिर्च समेत अन्य फसलें शामिल थीं।

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Crops destroyed due to flood in Yamuna now waiting for water to recede
आईटीओ के पास यमुना बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविर में दिल्ली सरकार और कई सामाजिक संस्थाएं राश - फोटो : अमर उजाला

लोन और उधार लेकर उगाते हैं फसल
किसानों ने बताया कि वह फसलें उगाने के लिए जमीन को पट्टे पर लेते हैं। इसके लिए वह अपने रिश्तेदारों, दोस्तों और बैंकों से लोन लेते हैं। दिन-रात मेहनत कर फसल उगाते हैं। उनका कहना है कि उगाई हुई फसलों में से कुछ हिस्सा वह अपनी जरूरतों के मुताबिक रख लेते हैं, बाकी कि फसलें वह पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार फेस-1, मयूर विहार फेस-2, पांडव नगर, त्रिलोकपुरी, लक्ष्मी नगर, शकरपुर, गाजीपुर अनाज मंडी व अन्य इलाको में बेच देते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे ही उनका घर परिवार चलता है। फसल बेचकर जो पैसे आते हैं, उसी से ब्याज और उधार के पैसे देते हैं लेकिन बाढ़ ने सब कुछ बर्बाद कर दिया है। उन्हें सड़क पर लाने के साथ-साथ कर्जदार भी बना दिया है।

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Crops destroyed due to flood in Yamuna now waiting for water to recede
सरकार की ओर से जो टेंट लगाए गए हैं, उनमें सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं - फोटो : अमर उजाला

सुरक्षा के नहीं हैं ठीक इंतजाम
यमुना खादर की महिला किसानों का आरोप है कि सरकार की ओर से जो टेंट लगाए गए हैं, उनमें सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। रात के समय बाहरी व्यक्ति यहां आकर शराब का सेवन करते हैं और शराब की बोतलों को सड़क पर फेंक देते हैं। नशे की हालत में कुछ लोग शिविरों के अंदर ताका-झांकी करते हैं। ऐसे में उन्हें डर लगा रहता है कि कुछ अनहोनी न हो जाए।

Crops destroyed due to flood in Yamuna now waiting for water to recede
ईद मिलाद-उन-नबी के अवसर पर मुस्लिम समुदाय के लोग आईटीओ के पास बने राहत शिविर में बाढ़ प्रभावित लोगो - फोटो : अमर उजाला

लोगों से बातचीत
इस बार मैंने मक्के की खेती की थी। इसके लिए किराये पर खेत लिया था। उसमें अच्छी फसलें भी उग आई थी, लेकिन बाढ़ से सब फसलें बर्बाद हो गईं। साथ ही, अब सर पर कर्ज भी हो गया है। - आशा राम, किसान।

सारा सामान यमुना में डूब चुका है। कई महीनों तक दिन-रात मेहनत करते हुए फसल उगाई थी, वह भी बर्बाद हो गई हैं। अब खेतों का पानी कम होगा, तो फिर से फसल उगाऊंगी। - राम स्नेह, किसान।

रात के समय कुछ बाहरी लोग यहां पर आकर शराब का सेवन करते हैं। उसके बाद शराब की बोतलेें पुल के नीचे फेंक देते हैं। कुछ लोग शराब के नशे में इधर-उधर घूमते रहते हैं। - प्रेम मति, किसान।

इस बार बैंगन और भिंडी उगाई थी, वह भी पानी में डूब कर खत्म हो गए हैं। खाने-पीने के लिए भी पर्याप्त चीजें नहीं हैं। छोटे-छोटे बच्चे साथ में हैं। सारा परिवार सड़क पर आ चुका है। - मदरी केवट, किसान।

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