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Mulayam Death: पढ़ें क्या था वो 1995 का 'गेस्ट हाउस कांड', जब दुश्मनी में बदल गई थी मुलायम-मायावती की दोस्ती
अमर उजाला नेटवर्क, उत्तर प्रदेश
Published by: शाहरुख खान
Updated Mon, 10 Oct 2022 01:15 PM IST
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फाइल फोटो
- फोटो : ANI

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया है। उन्होंने आज सुबह 8.16 पर अंतिम सांस ली। वह 82 साल के थे। मुलायम सिंह गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में वह वेंटिलेटर पर थे। पिछले रविवार से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद सपा कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई। आइए जानते हैं कि लखनऊ के गेस्ट हाउस में ऐसा क्या हुआ था जिससे दोनों पार्टियों की दोस्ती अचानक दुश्मनी में बदल गई। इसे समझने के लिए करीब 27 बरस पहले झांकना होगा।
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- फोटो : पीटीआई
इस कड़वाहट की क्या वजह थी?
उत्तर प्रदेश की राजनीति में साल 1995 और गेस्ट हाउस कांड, दोनों बेहद अहम हैं। उस दिन ऐसा कुछ हुआ था जिसने न केवल भारतीय राजनीति का बदरंग चेहरा दिखाया बल्कि मायावती और मुलायम के बीच वो खाई बनाई जिसे लंबा अरसा भी नहीं भर सका।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में साल 1995 और गेस्ट हाउस कांड, दोनों बेहद अहम हैं। उस दिन ऐसा कुछ हुआ था जिसने न केवल भारतीय राजनीति का बदरंग चेहरा दिखाया बल्कि मायावती और मुलायम के बीच वो खाई बनाई जिसे लंबा अरसा भी नहीं भर सका।
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दरअसल, साल 1992 में मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी बनाई और इसके अगले साल भाजपा का रास्ता रोकने के लिए रणनीतिक साझेदारी के तहत बहुजन समाज पार्टी से हाथ मिलाया।

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- फोटो : गूगल
सपा और बसपा ने 256 और 164 सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ा। सपा अपने खाते में से 109 सीटें जीतने में कामयाब रही जबकि 67 सीटों पर हाथी का दांव चला। लेकिन दोनों की ये रिश्तेदारी ज्यादा दिन नहीं चली। साल 1995 की गर्मियां दोनों दलों के रिश्ते खत्म करने का वक्त लाईं। इसमें मुख्य किरदार गेस्ट हाउस है।
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मुलायम सिंह यादव और मायावती (फाइल)
क्या था गेस्ट हाउस कांड
दरअसल, 1993 में सपा बसपा गठबंधन के बाद मुलायम सिंह यूपी के मुख्यमंत्री बने। मगर जून 1995 में तालमेल सही न बैठ पाने पर बसपा ने गठबंधन तोड़ने की घोषणा कर दी। अब मुलायम सिंह अल्पमत हो गए। सरकार बचाने के लिए सपाई आपा खो बैठे। समर्थन वापसी से भड़के सपा कार्यकर्ता लखनऊ के मीराबाई गेस्ट हाउस पहुंचे।
दरअसल, 1993 में सपा बसपा गठबंधन के बाद मुलायम सिंह यूपी के मुख्यमंत्री बने। मगर जून 1995 में तालमेल सही न बैठ पाने पर बसपा ने गठबंधन तोड़ने की घोषणा कर दी। अब मुलायम सिंह अल्पमत हो गए। सरकार बचाने के लिए सपाई आपा खो बैठे। समर्थन वापसी से भड़के सपा कार्यकर्ता लखनऊ के मीराबाई गेस्ट हाउस पहुंचे।