सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान परीक्षाओं को आयोजित करने पर विचार कर रही राज्य सरकारों को कड़ी फटकार लगाई है। आंध प्रदेश सरकार ने मंगलवार को शीर्ष अदालत की सूचित किया कि वह राज्य में कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने पर विचार कर रही है। इसलिए अभी तक परीक्षाओं के रद्द करने पर विचार नहीं किया गया। इस पर शीर्ष अदालत ने आंध्र प्रदेश सरकार से कहा कि अगर कोई मौत होती है तो हम राज्य को जिम्मेदार ठहराएंगे।
सुप्रीम कोर्ट की दो टूक : परीक्षाओं के कारण कोई मौत हुई तो राज्य सरकार जिम्मेदार होगी!
इससे पहले राज्य की ओर से पेश अधिवक्ता महफूज नाजकी ने कहा कि सरकार ने अब तक परीक्षा आयोजित करने के फैसले पर कायम है, लेकिन अंतिम फैसला जुलाई के पहले सप्ताह में किया जाएगा। पीठ ने जानना चाहा कि बोर्ड जुलाई के पहले सप्ताह के लिए अंतिम निर्णय में देरी करके राज्य छात्रों के मन में अनिश्चितता क्यों पैदा कर रहा है। पीठ ने नाजकी से कहा कि आप बुधवार तक फैसला लें और कोर्ट गुरुवार को इस मामले को सुनेगा।
शीर्ष अदालत ने नाजकी से पूछा कि आंध्र प्रदेश सरकार को क्या लगता है कि वह परीक्षा आयोजित करने का प्रबंधन कर सकती है और क्या राज्य में महामारी को ध्यान में रखते हुए सभी आवश्यक इंतजाम हैं। इस पर नाजकी ने कहा कि इसमें लगभग पांच लाख छात्र हैं और परीक्षा के दौरान 15 छात्रों को ही एक कक्षा में बैठाया जाएगा।
पीठ ने वकील से आगे सवाल किया कि क्या राज्य में परीक्षाओं के दौरान छात्रों को समायोजित करने के लिए पर्याप्त स्कूल हैं। पीठ ने कहा कि आपके पास छात्रों के रिजल्ट का आकलन करने के लिए सीबीएसई और सीआईएससीई जैसी योजनाएं क्यों नहीं हैं। इसके जवाब में नाजकी ने कहा कि राज्य बोर्ड में 10वीं कक्षा में ग्रेस मार्क्स दिए जाते हैं और छात्रों का आंतरिक मूल्यांकन तंत्र उतना मजबूत नहीं है। इसलिए, सीबीएसई की तर्ज पर योजना नहीं है। पीठ ने कहा, आपको कल तक निर्णय लेना होगा और एक हलफनामा दाखिल करना होगा।
वहीं, केरल सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता जी प्रकाश ने कहा कि उन्होंने एक हलफनामा दाखिल किया है जिसमें राज्य सरकार के परीक्षा आयोजित करने के फैसले का संकेत दिया गया है। पीठ ने कहा कि वह गुरुवार को केरल सरकार के हलफनामे पर विचार करेगी। साथ ही पीठ ने राज्य के एक छात्र संगठन से राज्य सरकार के जवाब पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने को भी कहा। सोमवार को, शीर्ष अदालत को असम और त्रिपुरा सरकारों द्वारा सूचित किया गया था कि उन्होंने महामारी के कारण कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी हैं।
कर्नाटक सरकार के वकील ने कहा था कि राज्य में कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी गई है, लेकिन कक्षा 10 की परीक्षा के संबंध में कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। इससे पहले 17 जून को, शीर्ष अदालत को सूचित किया गया था कि 28 राज्यों में से, छह राज्यों ने पहले ही बोर्ड परीक्षा आयोजित की है। जबकि 18 राज्यों ने परीक्षाओं को रद्द कर दिया है, लेकिन चार राज्यों (असम, पंजाब, त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश) ने अभी तक उन्हें रद्द नहीं किया है।