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विद्या बालन ने क्यों कहा? वो खुद को धार्मिक नहीं बताना चाहतीं, आजादी पर भी उठाए तीखे सवाल
बीबीसी हिंदी, नई दिल्ली
Published by: anand anand
Updated Tue, 20 Aug 2019 03:23 PM IST
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Vidya Balan
- फोटो : twitter
जानी-मानी अभिनेत्री विद्या बालन का कहना है कि धर्म और विज्ञान में टकराव होने की बजाय दोनों एक साथ भी रह सकते हैं। विद्या बालन ने समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि एक व्यक्ति की पहचान कई तरह की हो सकती है, लेकिन जिस तरह से लोग धर्म को अपने सुविधानुसार तोड़-मरोड़ के देखते हैं, वो अपने आप में बड़ी समस्या है। विद्या कहती हैं, "मुझे लगता है कि जिस तरह से लोग धर्म की व्याख्या कर रहे हैं, वही समस्या है। मैं कई लोगों को जानती हूं जो खुद को धार्मिक कहने से बचते हैं। मैं उनमें से एक हूं। मुझे हमेशा से ऐसा लगता था कि मैं किसी को बताना नहीं चाहती कि मैं धार्मिक हूं। मैं हमेशा खुद को अध्यात्मिक बताती हूं।" "धर्म को एक नकारात्मक चीज की तरह देखा जाने लगा है, क्योंकि धार्मिक होना असहिष्णु होने के समान हो गया है।" फिल्म मंगल मिशन में विद्या बालन तारा शिंदे की भूमिका में हैं और उनका किरदार विज्ञान पर तो विश्वास करता ही है लेकिन विज्ञान से परे ईश्वर की शक्ति पर भी विश्वास करता है।
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विद्या बालन
- फोटो : मुंबई टीम, अमर उजाला
विद्या बालन ने ये भी कहा कि "मैं" बनाम "तुम" की ये बहस लगातार बढ़ रही है और इससे "हम" की अवधारणा कमजोर हो रही है। विद्या कहती हैं, "ऐसा केवल हमारे देश में नहीं हो रहा है। पूरी दुनिया "तुम" बनाम "मैं" की लड़ाई में उलझी हुई है। इसका नतीजा यह हुआ है कि "हम" की अवधारणा कमजोर पड़ रही है।'' मैं हैरान हूं कि ऐसा क्यों है ? संसाधन कम हैं या फिर संसाधनों तक कम लोगों की पहुंच है। या फिर लोगों की चाहत है कि वो संसाधन उन्ही के साथ बांटना चाहते हैं जिन्हें वो धर्म, भाषा और क्षेत्र या नस्ल के आधार पर अपने करीब पाते हैं। और शायद इस कारण लोग गोलबंद हो रहे हैं... मुझे नहीं पता क्या है।"
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मिशन मंगल का एक सीन
- फोटो : सोशल मीडिया
विद्या कहती हैं, "हम लोगों को खुद से ये सवाल करने की ज़रूरत है कि हमारे विचार कितने स्वतंत्र हैं। आजादी कहां है? मुझे लगता है कि हम स्वतंत्र तो रहना चाहते हैं लेकिन दूसरों को अपने नियंत्रण में रखना भी चाहते हैं। मेरे लिए यह आज़ादी नहीं है.... कई गलत बातें हैं जो हमारे सामने घट रही हैं और जिन्हें देख कर गुस्सा आता है। ट्विटर पर ही देख लीजिए, जो कुछ भी कहा जाता है उससे लोग बुरा मान जाते हैं।" फिल्म मिशन मंगल स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त को रिलीज़ हुई है।
फिल्म में अक्षय कुमार, विद्या बालन, तापसी पन्नू, सोनाक्षी सिन्हा, नित्या मेनन, कीर्ती कुल्हारी मुख्य भूमिका में हैं। विद्या कहती हैं कि उनका किरदार कुछ ऐसा है कि वो एक गृहणी के तौर पर अपने अनुभवों को अपने काम में इस्तेमाल करने की कोशिश करती हैं। वो कहती हैं कि अपने किरदार को निभाने के लिए उन्होंने निर्देशक जगन शक्ति के किए शोध पर पूरा भरोसा किया है।
फिल्म में अक्षय कुमार, विद्या बालन, तापसी पन्नू, सोनाक्षी सिन्हा, नित्या मेनन, कीर्ती कुल्हारी मुख्य भूमिका में हैं। विद्या कहती हैं कि उनका किरदार कुछ ऐसा है कि वो एक गृहणी के तौर पर अपने अनुभवों को अपने काम में इस्तेमाल करने की कोशिश करती हैं। वो कहती हैं कि अपने किरदार को निभाने के लिए उन्होंने निर्देशक जगन शक्ति के किए शोध पर पूरा भरोसा किया है।
mission mangal
- फोटो : social media
"मैंने निर्देशक की बहन से बात की जो इसरो में काम करती हैं। मेरे लिए ये समझना बेहद जरूरी था कि वो अपने घर और दफ्तर यानी और एक वैज्ञानिक के तौर पर अपनी भूमिका और एक गृहिणी के तौर पर अपने काम के बीच संतुलन कैसे कर पाती हैं।" "फिल्म के लिए जगन ने सैकड़ों वैज्ञानिकों से मुलाकात की थी और मुझे लगता है कि उन्होंने मिशन के लिए जरूरी जानकारी एकत्र की। इसके बाद आर बाल्की, जगन और टीम ने मिल कर मिशन मंगल के आधार को समझने की कोशिश की।"
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mission mangal
- फोटो : social media
ये फिल्म भारत के मंगल तक पहुंचने के सफर यानी मार्स ऑर्बिटर मिशन (मंगलयान) की सफल उपलब्धि दिखाती है। विद्या मानती हैं कि इस तरह की और भी कहानियों पर फिल्में बननी चाहिए। राष्ट्रवाद और सिनेमा के एक साथ आने के मुद्दे पर विद्या कहती हैं "राष्ट्रवाद सिनेमा में होना चाहिए न की सिनेमा के बाहर सिनेमा हॉल में।" "ऐसी कई चीजें हैं जिन पर भारतीय गर्व कर सकते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं करते। जब आप पूरी दुनिया में घूमते हैं तभी आपको पता चलता है कि संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता के मामले में भारत कितना धनी है।" विद्या बालन कहती हैं, "इसे बनाए रखने, इसका प्रचार करने के कई तरीके हैं। इसके जरिए पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा सकता है। हमें अपने देश के होने की ख़ुशी मनानी चाहिए।"