हमारे देश में धर्म का बहुत महत्व है। यहां सभी अपने-अपने रीति रिवाज का अनुसरण करते हैं। हालांकि, हर धर्म में कुछ ऐसी मान्यताएं हैं, जो वर्षों से चली आ रही हैं, जो आज भी उसी तरीके से लागू होती हैं, जो वर्षों पहले लागू होती थीं। इन्हीं मान्यताओं को सवालों के कटघरे में खड़ा करते हुए बॉलीवुड ने कई फिल्में बनाई हैं, लेकिन इस वजह से कई लोगों की भावनाएं भी आहत हुई हैं। ऐसी फिल्में अक्सर विवादों का शिकार हो जाती हैं, जिनमें किसी धर्म के तौर तरीकों का चित्रण किया गया हो या उनके किसी रिवाजों पर कटाक्ष किया गया हो। इसका हालिया उदाहरण अन्नू कपूर की हमारे बारह है, जिस पर जमकर बवाल मचा हुआ है। ऐसे में चलिए आपको बताते हैं उन फिल्मों के बारे में, जिन पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा है।
Films: धार्मिक भावनाओं को भड़काने के विवादों में घिरीं ये फिल्में, किसी के संवाद तो किसी के दृश्य पर हुआ बवाल
हमारे बारह
इस लिस्ट के सबसे पहले बात करते हैं हमारे बारह की। अन्नू कपूर की इस फिल्म पर इन दिनों खूब बवाल मचा है और आरोप है कि फिल्म में इस्लाम का मजाक उड़ाया गया है। फिल्म के ट्रेलर रिलीज हुए था, जिसमें कहा गया कि कुछ विवादित संवाद हैं, जिस पर दर्शकों ने कोर्ट का रुख किया। दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर 14 जून तक की रोक लगा दी थी। हालांकि, अब रोक हटा दी गई है। फिल्म के यूट्यूब पर 2 ट्रेलर रिलीज किए गए थे, जिन्हें हटा दिया गया। वहीं इस फिल्म के कलाकारों को भी जान की धमकी मिली है, जिसके लिए अन्नू कपूर ने सुरक्षा की भी मांग की थी। इसमें से विवादित संवाद हटाए जा रहे हैं।
आदिपुरुष
इस लिस्ट में अगला नंबर आदिपुरुष का है। प्रभास अभिनीत फिल्म आदिपुरुष का जबसे टीजर रिलीज हुआ, तब से फिल्म चर्चा का विषय बनी और इस पर विवाद शुरू हो गया था। कभी इस फिल्म के टीजर पर सवाल उठाए गए तो कभी इस फिल्म के कलाकारों के लुक पर। इस फिल्म पर लोगों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लग चुका है। फिल्म की रिलीज के बाद इसके दृश्य और विवादित संवादों पर भी खूब बवाल हुआ था। 100 करोड़ रुपये की ओपनिंग करने वाली यह फिक्स बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई।
पीके
2014 में आई आमिर खान की फिल्म पीके सुपर हिट हुई थी। इस फिल्म में आमिर ने एक एलियन की भूमिका निभाई थी, जो शोध के लिए पृथ्वी पर आता है। भारत आकर उसे धर्म के नाम पर बहुत सारे अंधविश्वास का सामना करने को मिलता है। इस फिल्म ने सभी धर्मों के अंधविश्वासों पर सवाल खड़ा किया था, लेकिन इस फिल्म को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की तरफ से बहुत विरोध का सामना करना पड़ा, क्योंकि उनका कहना था कि यह फिल्म हिंदू धर्म की विरोधी है।
ओएमजी
2014 में आई फिल्म ओएमजी के मुख्य कलाकार कांजी लालजी मेहता यानी परेश रावल का किरदार एक नास्तिक था, जो भगवान पर बिल्कुल भरोसा नहीं करता था। यहां तक कि उसने अपने नुकसान के लिए भगवान पर मुकदमा ही ठोक दिया। इस फिल्म में भी अंधविश्वास और धर्म के झूठे ठेकेदारों के खिलाफ आवाज उठाई थी। जाहिर सी बात है कि इसने भी लोगों की धार्मिक भावना को आहत किया। यहां तक कि यह फिल्म यूएई में बैन कर दी गई थी।