ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अंबाला में राफेल को उड़ाने वाली गोल्डन ऐरो ही वह स्क्वाड्रन थी जिसने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों में तबाही मचाई। गोल्डन ऐरो स्क्वाड्रन ने पाकिस्तानी सैन्य एयरबेस व महत्वपूर्ण नागरिक बुनियादी ढांचे और दुश्मन के रक्षात्मक वायु शक्ति पर लंबे समय तक चलने वाले हमले किए। यह भारतीय वायु सेना में राफेल के शामिल होने के बाद पाकिस्तान के साथ पहला मुकाबला था।
अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर म्यूजियम में ऑपरेशन सिंदूर के लिए अलग से वॉल बनाई गई है। इसमें अंबाला के ऑपरेशन सिंदूर में योगदान को दर्शाया गया है। इसके साथ ही इस दीवार पर उन वीर जवानों के भी नाम हैं जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में प्रमुख योगदान निभाया।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ वायूसेना के अधिकारी
- फोटो : ANI
ऑपरेशन सिंदूर में अपना शौर्य, साहस दिखाने पर अंबाला के वायु सेना स्टेशन को 15 अगस्त की पूर्व संध्या पर 26 राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त हुए। इनमें दो वीर चक्र, एक युद्ध सेवा पदक, चार वायु सेना पदक और 19 मेंशन-इन-डिस्पैचेस शामिल हैं। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले का भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से करारा जवाब दिया था। यह ऑपरेशन भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के संयुक्त प्रयास का परिणाम था।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
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अंबाला एयरफोर्स स्टेशन बना फ्रंटलाइन
ऑपरेशन सिंदूर में अभी तक खुलासा नहीं हुआ था कि किस स्टेशन ने क्या भूमिका निभाई मगर म्यूजियम में मौजूद जानकारी से पता चलता है कि एयरफोर्स स्टेशन अंबाला ने इस ऑपरेशन में निर्णायक भूमिका निभाई थी। अत्याधुनिक राफेल और जगुआर विमानों के लिए एयरबेस ने एक फ्रंटलाइन बेस के रूप में कार्य किया। यह स्टेशन उन्नत मिसाइल प्रणालियों और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों से लैस रहा।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
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राफेल ने दिखाया दम, गहरा प्रहार
ऑपरेशन सिंदूर के शुरुआती चरण में अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल ने पाकिस्तान के अंदरूनी इलाकों में आतंकी ठिकानों पर लक्षित हमले किए। ऐसा इसलिए संभव हो सका क्योंकि यह विमान उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों व हथियारों से लैस था। 7 विंग में एओसी एयर कमोडोर बी सतीश वीएम के नेतृत्व में गोल्डन ऐरो स्क्वाड्रन ने पाकिस्तानी सैन्य एयरबेस व अन्य ठिकानों पर हमले किए। यहां तक कि दुश्मन की रक्षा करने वाली वायु शक्ति पर लंबे समय तक प्रहार किया।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ वायूसेना के अधिकारी
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सम्मान और शौर्य की पहचान बने वायु सेना के अफसर
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सम्मान पाने वालों में गोल्डन ऐरो स्क्वाड्रन से ग्रुप कैप्टन रंजीत सिंह सिद्धू, स्क्वाड्रन लीडर सार्थक कुमार को वीर चक्र से नवाजा गया। ग्रुप कैप्टन विकास वर्मा को युद्ध सेवा मेडल, ग्रुप कैप्टन दीपक चौहान, स्क्वाड्रन लीडर कौस्तुभ नलबड़े, मिहिर विवेक चौधरी, अमन सिंह को वायु सेना मेडल, ग्रुप कैप्टन इंद्रजीत सिंह, विंग कमांडर एमआई संचिया, जुगल किशोर लोहानी, संदीप वालिया, सतेंद्र कुमार, एसएस अंबुरे, हरीन मुकेश जोशी, धन सिंह, स्क्वाड्रन लीडर ध्रुव त्रेहान, एसएस पांडे, एसवीएस सिद्धू, अमोल गर्ग, फ्लाइट लेफ्टिनेंट आशीष कुमार, अनुराग कुशवाह, अनीश सिंह सिसौदिया, राजेश प्रसाद गुप्ता, कृष्ण कुमार यादव, निलेश कुमार, पवन कुमार सिंह को मेंशन-इन-डिस्पैचेस से सम्मानित किया गया।