देशभर में मॉक ड्रिल की तैयारी के बीच भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के नौ ठिकानों पर स्ट्राइक की। भारत ने आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाकर हमले किए। सेना ने इस ऑपरेशन को 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम दिया। आतंकवाद के पनहगार पर यह कार्रवाई ऐसे वक्त की गई, जब पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच किसी भी संभावित युद्ध की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को बुधवार को नागरिकों की सुरक्षा के लिए मॉक ड्रिल करने का आदेश दिया था। गृह मंत्रालय के तहत नागरिक सुरक्षा के अतिरिक्त महानिदेशक बी संदीपकृष्ण ने सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर सुरक्षा के लिहाज से नागरिक सुरक्षा प्रतिष्ठानों (सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण जिले) में नागरिक सुरक्षा अभ्यास करने का निर्देश दिया था।
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India vs Pakistan: पाकिस्तान से तनाव के बीच 54 साल बाद सुरक्षा मॉक ड्रिल क्यों, कब और कैसे होगी; क्या तैयारी?
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिषेक दीक्षित Updated Wed, 07 May 2025 02:50 AM IST
सार
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला ले लिया है। इससे पहले पाकिस्तान से जारी तनाव के बीच केंद्र सरकार ने कई राज्यों से बुधवार, 7 मई को सुरक्षा मॉक ड्रिल करने को कहा था। इसका मकसद था कि भारत और पाकिस्तान के तनाव के बीच नापाक हमले की स्थिति में प्रभावी नागरिक सुरक्षा की जा सके। केंद्र के आदेश का समय महत्वपूर्ण है। पिछली बार ऐसी ड्रिल 1971 में आयोजित की गई थी, जिस साल भारत और पाकिस्तान के बीच दो मोर्चों पर युद्ध हुआ था।
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मॉक ड्रिल
- फोटो : Amar Ujala

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बीते दिन पीएम मोदी ने सीसीएस की बैठक की अध्यक्षता की थी।
- फोटो : PTI
सबसे पहले जानते हैं क्या है मामला...
पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच किसी भी संभावित युद्ध की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को बुधवार को नागरिकों की सुरक्षा के लिए मॉक ड्रिल करने का आदेश दिया है। गृह मंत्रालय के तहत नागरिक सुरक्षा के अतिरिक्त महानिदेशक बी संदीपकृष्ण ने सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर नागरिक सुरक्षा प्रतिष्ठानों समेत सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण 244 सीमावर्ती और तटीय जिलों में नागरिक सुरक्षा अभ्यास करने का निर्देश दिया है।
पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच किसी भी संभावित युद्ध की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को बुधवार को नागरिकों की सुरक्षा के लिए मॉक ड्रिल करने का आदेश दिया है। गृह मंत्रालय के तहत नागरिक सुरक्षा के अतिरिक्त महानिदेशक बी संदीपकृष्ण ने सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर नागरिक सुरक्षा प्रतिष्ठानों समेत सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण 244 सीमावर्ती और तटीय जिलों में नागरिक सुरक्षा अभ्यास करने का निर्देश दिया है।
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मॉक ड्रिल
- फोटो : Amar Ujala
कब और क्यों लिखा गया पत्र?
संदीपकृष्ण ने मॉक ड्रिल के लिए पहली चिट्ठी दो मई को लिखी थी और दूसरी सोमवार को भेजी। पत्र में कहा गया है कि सुरक्षा अभ्यास के तहत किसी भी हवाई आक्रमण की स्थिति में चेतावनी सायरन प्रणाली के सही संचालन को परखा जाएगा। साथ ही किसी भी आक्रमण की स्थिति में आम लोगों, छात्रों को खुद को बचाने और अन्य नागरिक सुरक्षा पहलुओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा। मॉक ड्रिल में अचानक बिजली गुल यानी ब्लैक आउट करने का अभ्यास भी होगा।
संदीपकृष्ण ने मॉक ड्रिल के लिए पहली चिट्ठी दो मई को लिखी थी और दूसरी सोमवार को भेजी। पत्र में कहा गया है कि सुरक्षा अभ्यास के तहत किसी भी हवाई आक्रमण की स्थिति में चेतावनी सायरन प्रणाली के सही संचालन को परखा जाएगा। साथ ही किसी भी आक्रमण की स्थिति में आम लोगों, छात्रों को खुद को बचाने और अन्य नागरिक सुरक्षा पहलुओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा। मॉक ड्रिल में अचानक बिजली गुल यानी ब्लैक आउट करने का अभ्यास भी होगा।

पीएम मोदी ने की बैठक (फाइल फोटो)
- फोटो : PTI
मॉक ड्रिल में और क्या-क्या होगा?
निर्देशों के मुताबिक, अभ्यास के तहत अहम प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनकी पहचान छिपाने का बंदोबस्त किया जाए। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि दुश्मन के विमान महत्वपूर्ण फैक्टरियों, प्रतिष्ठानों को दूर से ही निशाना न बना सकें। किसी भी युद्ध में दुश्मन की सेना ऐसे प्रतिष्ठानों को ही सबसे पहले निशाना बनाती है, ताकि अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ी जा सके। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने हमले की स्थिति में आम लोगों की सुरक्षित निकासी की योजना बनाने और उनका बार-बार पूर्वाभ्यास करने के लिए कहा है।
लोग क्या-क्या तैयारियां रखें?
मॉक ड्रिल को लेकर गृह मंत्रालय में आज अहम बैठक हुई। इसमें मौजूदा स्थिति, हालातों और तैयारियों की समीक्षा की गई। बताया गया कि मॉक ड्रिक करीब 300 नागरिक सुरक्षा प्रतिष्ठानों या सुरक्षा के लहाज से अहम जिलों में की जाएगी। सीमावर्ती और तटीय जिलों और सैन्य दृष्टि से अहम इलाकों पर विशेष फोकस रहेगा। समीक्षा इस बात पर केंद्रित है कि मौजूदा उपकरण काम कर रहे हैं या उनकी मरम्मत की आवश्यकता है। बैठक में यह भी देखा गया कि आपातकालीन हालात में नागरिकों को कैसे प्रशिक्षित किया जाए। इस दौरान हवाई हमले के सायरन के प्रति जनता की प्रतिक्रिया, ब्लैकआउट के दौरान की जाने वाली कार्रवाई और आवश्यक आपूर्ति की तैयारियों पर भी बात की गई। अधिकारियों ने संभावित इलेक्ट्रॉनिक विफलता के लिए तैयार रहने के लिए घरों में चिकित्सा किट, मशालें, मोमबत्तियां और नकदी रखने की जरूरत पर जोर दिया।
निर्देशों के मुताबिक, अभ्यास के तहत अहम प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनकी पहचान छिपाने का बंदोबस्त किया जाए। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि दुश्मन के विमान महत्वपूर्ण फैक्टरियों, प्रतिष्ठानों को दूर से ही निशाना न बना सकें। किसी भी युद्ध में दुश्मन की सेना ऐसे प्रतिष्ठानों को ही सबसे पहले निशाना बनाती है, ताकि अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ी जा सके। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने हमले की स्थिति में आम लोगों की सुरक्षित निकासी की योजना बनाने और उनका बार-बार पूर्वाभ्यास करने के लिए कहा है।
लोग क्या-क्या तैयारियां रखें?
मॉक ड्रिल को लेकर गृह मंत्रालय में आज अहम बैठक हुई। इसमें मौजूदा स्थिति, हालातों और तैयारियों की समीक्षा की गई। बताया गया कि मॉक ड्रिक करीब 300 नागरिक सुरक्षा प्रतिष्ठानों या सुरक्षा के लहाज से अहम जिलों में की जाएगी। सीमावर्ती और तटीय जिलों और सैन्य दृष्टि से अहम इलाकों पर विशेष फोकस रहेगा। समीक्षा इस बात पर केंद्रित है कि मौजूदा उपकरण काम कर रहे हैं या उनकी मरम्मत की आवश्यकता है। बैठक में यह भी देखा गया कि आपातकालीन हालात में नागरिकों को कैसे प्रशिक्षित किया जाए। इस दौरान हवाई हमले के सायरन के प्रति जनता की प्रतिक्रिया, ब्लैकआउट के दौरान की जाने वाली कार्रवाई और आवश्यक आपूर्ति की तैयारियों पर भी बात की गई। अधिकारियों ने संभावित इलेक्ट्रॉनिक विफलता के लिए तैयार रहने के लिए घरों में चिकित्सा किट, मशालें, मोमबत्तियां और नकदी रखने की जरूरत पर जोर दिया।
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मॉक ड्रिल
- फोटो : Amar Ujala
आखिरी मॉक ड्रिल कब की गई थी?
नागरिकों की सुरक्षा से संबंधित मॉक ड्रिल बेहद असामान्य कदम है। हाल-फिलहाल में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए किसी भी संघर्ष के दौरान ऐसा कोई मॉक ड्रिल नहीं किया गया। राज्यों में आखिरी मॉक ड्रिल आज से 54 साल पहले 1971 में हुआ था। तब बांग्लादेश की मुक्ति के लिए हुआ युद्ध भारत-पाकिस्तान के बीच पूर्ण युद्ध में बदल गया था जो देश की पूर्वी और पश्चिमी दोनों सीमाओं पर लड़ा गया था। उस समय नागरिकों की जान-माल को कम से कम नुकसान पहुंचे, इसके लिए ऐसा अभ्यास किया गया था।
नागरिकों की सुरक्षा से संबंधित मॉक ड्रिल बेहद असामान्य कदम है। हाल-फिलहाल में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए किसी भी संघर्ष के दौरान ऐसा कोई मॉक ड्रिल नहीं किया गया। राज्यों में आखिरी मॉक ड्रिल आज से 54 साल पहले 1971 में हुआ था। तब बांग्लादेश की मुक्ति के लिए हुआ युद्ध भारत-पाकिस्तान के बीच पूर्ण युद्ध में बदल गया था जो देश की पूर्वी और पश्चिमी दोनों सीमाओं पर लड़ा गया था। उस समय नागरिकों की जान-माल को कम से कम नुकसान पहुंचे, इसके लिए ऐसा अभ्यास किया गया था।