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'INDIA' March: बैरिकेड कूदकर अखिलेश का धरना; हिरासत में लिए गए राहुल-प्रियंका समेत कई सांसद; बाद में छोड़े गए

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिषेक दीक्षित Updated Mon, 11 Aug 2025 12:11 PM IST
सार

विपक्ष के मार्च के दौरान समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पुलिस बैरिकेड के ऊपर से कूद गए और बीच सकड़ पर धरने पर बैठ गए। इस दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा भी नारेबाजी करती नजर आईं। दरअसल, विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के नेता बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान 'मतदाता धोखाधड़ी' के आरोपों के विरोध में संसद से भारत के चुनाव आयोग तक मार्च निकाल रहे थे।

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Opposition MPs begin protest march from Parliament to EC office against voter roll revision in Bihar
विपक्ष का प्रदर्शन - फोटो : PTI

बिहार में मतदाता सूची संशोधन के विरोध में विपक्षी सांसदों ने संसद भवन से चुनाव आयोग कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला। इस दौरान प्रदर्शनकारी विपक्षी सांसदों को रोकने के लिए परिवहन भवन में पुलिस बैरिकेड्स लगा दिए। यहां उन्हें चुनाव आयोग मुख्यालय की ओर आगे बढ़ने से रोक दिया गया। पुलिस का कहना था कि विपक्षी सांसदों की ओर से इस मार्च के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। पुलिस की ओर से रोके जाने के बाद अखिलेश यादव, महुआ मोइत्रा समेत कई सांसदों ने बैरिकेड्स पर चढ़ने की कोशिश की। कुछ सांसद बैरिकेड्स कूदकर बीच सड़क पर धरने पर बैठ गए। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे सांसदों को समझाने की कोशिश की, लेकिन जब सांसदों ने सड़क से हटने से इनकार किया तो राहुल-प्रियंका गांधी समेत तमाम नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। हालांकि, बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।





विपक्ष का मार्च क्यों?
मल्लिकार्जुन खरगे और शरद पवार समेत विपक्षी सांसदों ने सोमवार को बिहार में मतदाता सूची संशोधन के विरोध में संसद भवन से चुनाव आयोग मुख्यालय तक मार्च निकाला। हालांकि, पुलिस ने उन्हें परिवहन भवन के पास बीच रास्ते में ही रोक दिया। पुलिस की ओर से सांसदों को आगे बढ़ने से रोके जाने पर कई नेता सड़क पर ही बैठ गए और विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया और 'वोट चोरी' के आरोपों के विरोध में नारे लगाने लगे। उन्होंने पोस्टर लिए और एसआईआर को वापस लेने की मांग करते हुए नारे लगाए। 'एसआईआर' और 'वोट चोरी' लिखी हुई लाल क्रॉस वाली सफेद टोपी पहने प्रदर्शनकारी सांसदों ने तख्तियां और बैनर लहराकर एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ नारे लगाए। इससे पहले संसद के मकर द्वार पर विरोध मार्च शुरू करने से पहले उन्होंने राष्ट्रगान गाया। मार्च में शामिल होने वालों में प्रमुख रूप से टीआर बालू (द्रमुक), संजय राउत (शिवसेना-यूबीटी), डेरेक ओब्रायन (टीएमसी), कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव समेत द्रमुक, राजद और वामपंथी दलों जैसे विपक्षी दलों के अन्य सांसद शामिल थे। 

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विपक्ष का हल्लबोल - फोटो : PTI

पुलिस ने क्यों रोका?
दरअसल, चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश को पत्र लिखकर दोपहर 12.30 बजे मिलने के लिए बुलाया था। चुनाव आयोग ने उनसे 30 सांसदों के साथ आने को कहा था और आनले से पहले उन सांसदों की सूचना देने की बात कही थी। इसी के मद्देनजर पुलिस ने प्रदर्शनकारी सांसदों से कहा कि 30 लोग चुनाव आयोग के दफ्तर तक जा सकते हैं। इसके लिए पैदल या वाहन जैसे विकल्प चुन सकते हैं। हालांकि, विपक्ष इसके लिए तैयार नहीं हुआ। पुलिस ने यह भी बताया कि मार्च के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। इससे पहले पुलिस ने प्रदर्शनकारी सांसदों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए संसद मार्ग पर परिवहन भवन के पास व्यापक व्यवस्था की थी। इस दौरान बैरिकेड्स लगाए गए थे। पुलिस ने सांसदों से आगे न बढ़ने को कहा। इस दौरान लाउडस्पीकर से घोषणा की गई। उन्हें संसद भवन से कुछ ही दूरी पर स्थित चुनाव आयोग मुख्यालय की ओर बढ़ने से रोका गया।

नई दिल्ली के संयुक्त पुलिस आयुक्त दीपक पुरोहित ने कहा कि हिरासत में लिए गए इंडिया ब्लॉक के नेताओं को पास के एक पुलिस स्टेशन ले जाया गया है। हम अभी भी हिरासत में लिए गए सांसदों की संख्या गिन रहे हैं। यहां विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं थी, लेकिन हमें सूचना मिल गई थी। अगर वे तय करते हैं, तो हम उन्हें चुनाव आयोग कार्यालय तक पहुंचा देंगे। चुनाव आयोग से 30 सांसदों की अनुमति थी। चूंकि वे बड़ी संख्या में थे, इसलिए हमने उन्हें हिरासत में लिया। हमने उन्हें सूचित कर दिया है कि 30 सांसदों को अनुमति दी जाएगी। चुनाव आयोग में उचित पुलिस व्यवस्था है। नई दिल्ली के डीसीपी देवेश कुमार महला ने कहा कि 30 सांसदों की अनुमति है। जब हमें उनके नाम मिल जाएंगे, तो हम उन्हें चुनाव आयोग के पास ले जाएंगे।

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Opposition MPs begin protest march from Parliament to EC office against voter roll revision in Bihar
हिरासत में विपक्षी नेता - फोटो : ANI

पुलिस बैरिकेड के ऊपर से कूद गए अखिलेश
इस दौरान समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पुलिस बैरिकेड के ऊपर से कूद गए। वे बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान मतदाता धोखाधड़ी के आरोपों में विपक्षी गठबंधन के विरोध मार्च के तहत संसद से भारत के चुनाव आयोग तक मार्च कर रहे थे। उन्हें बीच में ही दिल्ली पुलिस ने रोक दिया। इसके बाद अखिलेश बैरिकेड के ऊपर से कूद गए और अन्य साथियों के साथ बीच सड़क पर धरने पर बैठ गए।
 



'हमें रोकने के लिए पुलिस का इस्तेमाल'
समाजवादी पार्टी प्रमुख और सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि पुलिस विपक्षी सांसदों को भारत के चुनाव आयोग की ओर मार्च करने से रोक रही थी। इस वजह से वे विरोध प्रदर्शन करने के लिए बैठ गए। उन्होंने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि वे हमें रोकने के लिए पुलिस का इस्तेमाल कर रहे हैं।

महिला सांसद भी बैरिकेड्स पर चढ़ गईं
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा, सुष्मिता देव और कांग्रेस की संजना जाटव, ज्योतिमणि परिवहन भवन में बैरिकेड्स पर चढ़ गईं और पुलिस की ओर से आगे बढ़ने से रोके जाने पर चुनाव आयोग के खिलाफ नारे लगाने लगीं। प्रदर्शनकारी सांसदों के सामने एक बैनर पर लिखा था, 'श्रीमान+वोट चोरी=लोकतंत्र की हत्या।'

Opposition MPs begin protest march from Parliament to EC office against voter roll revision in Bihar
विपक्षी का प्रदर्शन - फोटो : ANI

'राहुल गांधी ने कुछ गंभीर सवाल उठाए'
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, 'मेरे लिए यह मुद्दा बहुत सीधा है। राहुल गांधी ने कुछ गंभीर सवाल उठाए हैं। ये गंभीर जवाबों के हकदार हैं। चुनाव आयोग की न केवल देश के प्रति, बल्कि अपनी ओर से भी जिम्मेदारी है कि जनता के मन में हमारे चुनावों की विश्वसनीयता को लेकर कोई संदेह न रहे। चुनाव पूरे देश के लिए मायने रखते हैं। हमारा लोकतंत्र इतना अनमोल है कि इसे इस संदेह से खतरे में नहीं डाला जा सकता कि कहीं डुप्लीकेट वोटिंग तो नहीं, कहीं कई पते तो नहीं, या कहीं फर्जी वोट तो नहीं। अगर लोगों के मन में कोई संदेह है, तो उसका समाधान किया जाना चाहिए। इन सवालों के जवाब उपलब्ध हो सकते हैं, लेकिन ये जवाब विश्वसनीय होने चाहिए। मेरा बस यही अनुरोध है कि चुनाव आयोग इन सवालों को लेकर उनका समाधान करे।'

थरूर ने कहा कि जब तक लोगों के मन में चुनावों की निष्पक्षता को लेकर संदेह है, तब तक यह चुनाव आयोग की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा रहा है। जब तक ये संदेह दूर हो जाते हैं, तब तक चुनाव आयोग की विश्वसनीयता फिर से हासिल की जा सकती है। चुनाव आयोग का अपना हित इन सवालों का जवाब देने में ही असली रास्ता है।

'चुनाव आयोग', जो अब 'चुराओ आयोग' बन गया: जयराम
चुनाव आयोग तक विपक्ष के मार्च पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, 'चुनाव आयोग को लिखा मेरा पत्र सीधा था। मैंने साफ-साफ लिखा था कि सभी विपक्षी सांसद संसद से चुनाव आयोग तक शांतिपूर्ण मार्च निकालेंगे। सभी सांसद चुनाव आयोग को एसआईआर के बारे में एक दस्तावेज देना चाहते हैं। यही हमारी मांग थी। मैंने कल शाम यह पत्र लिखा था और 'चुनाव आयोग', जो अब 'चुराओ आयोग' बन गया है, ने मुझे कोई जवाब नहीं दिया। और अब वे कह रहे हैं कि सिर्फ 30 सांसद ही आ सकते हैं। हम चाहते थे कि सभी विपक्षी सांसद सामूहिक रूप से चुनाव आयोग को एक दस्तावेज दें। हमें यहीं रोक दिया गया है। हमें चुनाव आयोग नहीं जाने दिया जा रहा है।'

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विपक्ष का मार्च - फोटो : PTI

हिरासत में राहुल-प्रियंका समेत तमाम सांसद
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि हमने हिम्मत की है। सरकार डरी हुई है। सरकार कायर है। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि हकीकत ये है कि वो बात नहीं कर सकते। सच्चाई देश के सामने है। ये लड़ाई राजनीतिक नहीं है। ये लड़ाई संविधान बचाने की है। ये लड़ाई एक व्यक्ति, एक वोट की है। हम एक साफ-सुथरी मतदाता सूची चाहते हैं।

राहुल ने कहा, 'भारत के लोकतंत्र की हालत देखिए। 300 सांसद चुनाव आयोग से मिलकर एक दस्तावेज पेश करना चाहते थे, लेकिन उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी गई। वे डरे हुए हैं। अगर 300 सांसद आ गए और उनकी सच्चाई सामने आ गई तो क्या होगा? यह लड़ाई अब राजनीतिक नहीं रही। यह लड़ाई संविधान और एक व्यक्ति एक वोट के लिए है। हमने कर्नाटक में साफ तौर पर दिखा दिया है, यह मल्टीपल मैन, मल्टीपल वोट था। पूरा विपक्ष इसके खिलाफ लड़ रहा है। चुनाव आयोग के लिए अब छिपना बहुत मुश्किल होगा।'

'पुलिस और सरकार हमें 30 सेकंड भी मार्च नहीं करने दे रही'
कांग्रेस महासचिव और पार्टी सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा, 'पुलिस और सरकार हमें 30 सेकंड भी मार्च नहीं करने दे रही है। वे हमें यहीं रोकना चाहते हैं। देश में कैसा लोकतंत्र है? सांसदों को चुनाव आयोग जाने की आजादी नहीं है। अब वे कह रहे हैं कि सिर्फ 30 लोग ही आ सकते हैं, लेकिन कम से कम उन 30 लोगों को चुनाव आयोग कार्यालय तो जाने दो।'

'बोल रहा है पूरा देश, वोट हमारा छू के देख'
हिरासत में लिए जाने के बाद कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि क्या जेल की सलाखें राहुल गांधी और विपक्ष को रोक पाएंगी? अब एक ही नारा है- 'बोल रहा है पूरा देश, वोट हमारा छू के देख'... इस देश की जनता ने मोदी सरकार और चुनाव आयोग की साझेदारी को नकार दिया है।

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